मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वह सोवियंत संघ में रही व्यवस्था की तरह देश के नेता को असीमित कार्यकाल तक पद पर बने रहने के विचार का विरोध करते हैं.
पुतिन ने यह टिप्पणी शनिवार को सेंट पीटर्सबर्ग में दूसरे विश्वयुद्ध के सैनिकों की बैठक में की. इस बैठक से कुछ दिन पहले ही पुतिन ने संविधान में संशोधन करने की वकालत की थी.
इस संशोधन से 2024 में उनके मौजूदा राष्ट्रपति पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सत्ता में बने रहने में मदद मिल सकती है.
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शनिवार को जब पूर्व सैनिकों ने बैठक में रूसी राष्ट्रपति के लिए असीमित कार्यकाल का प्रस्ताव किया तो पुतिन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 1980 के दशक के मध्य वाली स्थिति में लौटना बहुत ही कष्टकारी होगा जब देश के नेता मौत होने तक सत्ता में रहते थे.
उल्लेखनीय है कि बुधवार को पुतिन के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद से रूस के राजनीतिक भविष्य पर संशय के बादल छा गए है. इस संबोधन में उन्होंने संविधान में बदलाव कर संसद को प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों को नामित करने का अधिकार देने की घोषणा की थी. अभी तक प्रधानमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं.