रोम : पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी ने यह साबित कर दिया है कि बाजार पूंजीवाद के चमत्कारी सिद्धांत नाकाम हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि विश्व को एक नई तरह की राजनीति की जरूरत है, जो वार्ता एवं एकजुटता को बढ़ावा दे और हर कीमत पर युद्ध को खारिज करे.
फ्रांसिस ने कोविड के बाद की दुनिया के लिए अपना दृष्टि पत्र जारी किया. इसमें उनकी सामाजिक शिक्षाओं के मूल तत्वों को समाहित किया गया है. इसे 'सभी भाई हैं' शीर्षक दिया गया है.
इस पत्र के शीर्षक ने विवाद छेड़ दिया है, क्योंकि इसमें फ्रेटेली (भाई) शब्द का जिक्र है, जो लैंगिक समानता के अनुरूप नहीं है. हालांकि, वेटिकन ने कहा कि यह शब्द लैंगिक समावेशिता वाला है और यह दस्तावेज महिलाओं का भी समावेशन करता है.
इसमें, फ्रांसिस ने वैध रक्षा के साधन के रूप में युद्ध को सही ठहराने वाले कैथोलिक चर्च के अपने सिद्धांत को भी खारिज कर दिया.
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उन्होंने कहा कि यह सदियों से व्यापक रूप से लागू किया जाता रहा है, लेकिन अब व्यवहार्य नहीं रह गया है.
उन्होंने कहा कि महामारी ने उनकी इस मान्यता की पुष्टि की है कि मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं में अवश्य ही सुधार किया जाना चाहिए, ताकि महामारी से सर्वाधिक प्रभावित हुए लोगों की वैध जरूरतों को पूरा किया जा सके.