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ईरान परमाणु समझौते पर 29 नवंबर से शुरू होगी वार्ता : यूरोपीय संघ - ईरान परमाणु

यूरोपीय संघ ने बुधवार को घोषणा की कि विश्व शक्तियों और ईरान के बीच 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए 29 नवंबर से वियना में फिर से वार्ता शुरू होगी.

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Published : Nov 4, 2021, 11:04 AM IST

ब्रसेल्स : यूरोपीय संघ ने बुधवार को घोषणा की कि विश्व शक्तियों और ईरान के बीच 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए 29 नवंबर से वियना में फिर से वार्ता शुरू होगी.

यूरोपीय संघ ने कहा कि तथाकथित संयुक्त व्यापक कार्य योजना आयोग (जेसीपीओए) की बैठक में ईरान, चीन, फ्रांस, रूस, जर्मनी और ब्रिटेन के उच्च-स्तरीय अधिकारी भाग लेंगे.

एक बयान में कहा गया, प्रतिभागी जेसीपीओए में अमेरिका की वापसी की संभावना और सभी पक्षों द्वारा समझौते के पूर्ण एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा जारी रखेंगे.

पढ़ें :- परमाणु समझौते पर ईरान और अमेरिका को एक साथ ला सकता है भारत : जवाद जरीफ

जेसीपीओए का लक्ष्य ईरान से प्रतिबंध हटाने के एवज में ईरानी परमाणु गतिविधियों पर लगाम लगाना है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका इस समझौते से पीछे हट गया था और उसने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लागू कर दिए थे.

यूरोपीय देश अमेरिका को समझौते में फिर से वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन तेहरान की नयी कट्टरपंथी सरकार की अनौपचारिक वार्ता पुन: आरंभ करने की अनिच्छा के कारण ये कोशिशें सफल नहीं हो पाई हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ब्रसेल्स : यूरोपीय संघ ने बुधवार को घोषणा की कि विश्व शक्तियों और ईरान के बीच 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए 29 नवंबर से वियना में फिर से वार्ता शुरू होगी.

यूरोपीय संघ ने कहा कि तथाकथित संयुक्त व्यापक कार्य योजना आयोग (जेसीपीओए) की बैठक में ईरान, चीन, फ्रांस, रूस, जर्मनी और ब्रिटेन के उच्च-स्तरीय अधिकारी भाग लेंगे.

एक बयान में कहा गया, प्रतिभागी जेसीपीओए में अमेरिका की वापसी की संभावना और सभी पक्षों द्वारा समझौते के पूर्ण एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा जारी रखेंगे.

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जेसीपीओए का लक्ष्य ईरान से प्रतिबंध हटाने के एवज में ईरानी परमाणु गतिविधियों पर लगाम लगाना है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका इस समझौते से पीछे हट गया था और उसने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लागू कर दिए थे.

यूरोपीय देश अमेरिका को समझौते में फिर से वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन तेहरान की नयी कट्टरपंथी सरकार की अनौपचारिक वार्ता पुन: आरंभ करने की अनिच्छा के कारण ये कोशिशें सफल नहीं हो पाई हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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