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शिखर सम्मेलन के बाद जॉनसन बोले, दोनों देशों के बीच संबंधों के नये युग की शुरूआत

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नए युग की शुरूआत की घोषणा की. बैठक में दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, जलवायु, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा रक्षा क्षेत्रों में संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए महत्वाकांक्षी रोडमैप-2030 को मंजूरी दी.

Johnson
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Published : May 5, 2021, 3:21 AM IST

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने ब्रिटेन-भारत संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प जताया. भारत ने ब्रिटेन के साथ अपने रिश्तों को व्यापक रणनीतिक भागीदारी का दर्जा दिया है. ब्रिटेन पहला यूरोपीय देश है, जिसे यह दर्जा दिया गया है.

बैठक में पूर्व में घोषित बढ़ी हुई व्यापार भागीदारी (ईटीए) को भविष्य में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत के लिए शुरूआती पहल होने की बात दोहरायी गई. इसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. जॉनसन ने कहा कि हमने जो समझौते किए हैं, वह ब्रिटेन-भारत के बीच संबंधों के एक नये युग की शुरूआत है.

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत कई बुनियादी मूल्यों को साझा करते हैं. ब्रिटेन सबसे पुराने लोकतंत्रों में से एक है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है. हम दोनों राष्ट्रमंडल के प्रतिबद्ध सदस्य हैं और हमारे देशों के लोगों को एकजुट करने वाला एक महत्वपूर्ण संपर्क है.

बयान के अनुसार ब्रिटेन और भारत के विश्वविद्यालयों के बीच स्वास्थ्य, उभरती प्रौद्योगिकी और जलवायु विज्ञान जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध को लेकर सहयोग बढ़ेगा. साथ ही भारत और ब्रिटेन जलवायु परिवर्तन से निपटने और स्वच्छ ऊर्जा और परिवहन के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने, जैव-विविधता के संरक्षण समेत प्रकृति को बचाये रखने के महत्वकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं.

यह भी पढ़ें-चीन को अपशब्द कहने पर फिलीपींस के राजनयिक ने माफी मांगी

दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने को सहमत हुए. साथ ही दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ साथ मिलकर निरंतर काम करने पर सहमति जताई है.

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने ब्रिटेन-भारत संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प जताया. भारत ने ब्रिटेन के साथ अपने रिश्तों को व्यापक रणनीतिक भागीदारी का दर्जा दिया है. ब्रिटेन पहला यूरोपीय देश है, जिसे यह दर्जा दिया गया है.

बैठक में पूर्व में घोषित बढ़ी हुई व्यापार भागीदारी (ईटीए) को भविष्य में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत के लिए शुरूआती पहल होने की बात दोहरायी गई. इसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. जॉनसन ने कहा कि हमने जो समझौते किए हैं, वह ब्रिटेन-भारत के बीच संबंधों के एक नये युग की शुरूआत है.

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत कई बुनियादी मूल्यों को साझा करते हैं. ब्रिटेन सबसे पुराने लोकतंत्रों में से एक है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है. हम दोनों राष्ट्रमंडल के प्रतिबद्ध सदस्य हैं और हमारे देशों के लोगों को एकजुट करने वाला एक महत्वपूर्ण संपर्क है.

बयान के अनुसार ब्रिटेन और भारत के विश्वविद्यालयों के बीच स्वास्थ्य, उभरती प्रौद्योगिकी और जलवायु विज्ञान जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध को लेकर सहयोग बढ़ेगा. साथ ही भारत और ब्रिटेन जलवायु परिवर्तन से निपटने और स्वच्छ ऊर्जा और परिवहन के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने, जैव-विविधता के संरक्षण समेत प्रकृति को बचाये रखने के महत्वकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं.

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दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने को सहमत हुए. साथ ही दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ साथ मिलकर निरंतर काम करने पर सहमति जताई है.

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