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ब्रिटेन : बोरिस जॉनसन को मिली चुनाव में ऐतिहासिक जीत, बोले- ब्रेक्जिट को मिला जनादेश

ब्रिटेन में आम चुनाव के नतीजों बाद लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने इस्तीफा दे दिया है. चुनाव परिणामों में जॉनसन को बड़ी जीत मिली है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बधाई दी है. शानदार जीत के बाद जॉनसन सरकार बनाने की तैयार में जुट गए हैं और महारानी से मुलाकात करने बकिंघम पैलेस पहुंचे है. इसके अलावा बोरिश जॉनसन ने मीडिया संबोधित हुए कहा कि ब्रेक्जिट को जनादेश मिला है.

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बोरिस जॉनसन
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Published : Dec 13, 2019, 11:05 AM IST

Updated : Dec 14, 2019, 7:46 AM IST

लंदन : ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन ने बड़ी जीत हासिल की है. उनकी इस जीत पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी है. जीत के बाद बोरिश जॉनसन मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट को जनादेश मिला है.

पीएम मोदी ने ट्वीट करके लिखा, ' प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारी बहुमते से सत्ता में फिर से वापसी पर बहुत बधाई मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और भारत-ब्रिटने के करीबी संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने को आशान्वित हूं.

modi wishes jhonson
प्रधानमंत्री द्वारा किया गया ट्वीट

शानदार जीत के बाद जॉनसन ब्रिटेन सरकार बनाने की तैयारी में जुट गए हैं और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मुलाकात बकिंघम पैलेस पहुंचे हैं. इस दौरान वह महारानी से सरकार बनाने की अनुमति मांगेंगे.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दशकों बाद देश में हुए नाटकीय आम चुनाव में शुक्रवार को धमाकेदार जीत दर्ज की. इसी के साथ ब्रिटेन में यूरोपीय संघ से अलग होने के मुद्दे पर आठ महीने से जारी गतिरोध का भी समापन हो गया है.

बोरिस जॉनसन की ऐतिहासिक चुनाव में जीत

वर्ष 1980 के दशक में मार्गरेट थैचर के नेतृत्व में मिली जीत के बाद पहली बार कंजर्वेटिव पार्टी ने संसद में 363 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है. लंदन में आयोजित विजय रैली में जीत की पुष्टि करते हुए जॉनसन ने इसे ब्रेक्जिट को लेकर जारी गतिरोध के लिए नयी सुबह करार दिया और दावा किया कि वह मतदाताओं की ओर से जताए गए ‘पवित्र विश्वास को खंडित नहीं होने देंगे.

विजय रैली में अपनी महिला मित्र कैरी सायमंड और पालतू कुत्ते डिलयेन के साथ मौजूद जॉनसन ने कहा, ‘हमने कर दिखाया, हमने उसे गिरा दिया, क्या हमने नहीं किया? हमने गतिरोध को खत्म कर दिया, हमने बंदिशें तोड़ दीं, हमने रास्ते के अवरोधों को खत्म कर दिया.

उन्होंने कहा, ' हम मानते हैं कि इस चुनाव के साथ हमने दूसरे जनमत के सभी खतरों का खात्मा कर दिया.' इस दौरान उन्होंने लोगों से ब्रेक्जिट होगा के बार-बार नारे लगवाए.

इससे पहले जॉनसन ने स्वयं लंदन के उक्सब्रिज और साउथ रुइस्लिप से जीत दर्ज की. वहां पर उन्होंने पार्टी की संभावित जीत पर खुशी जताई और इसे 28 सदस्यीय आर्थिक समूह यूरोपीय संघ से अलग होने की उनकी योजना पर आगे बढ़ने के लिए मजबूत नया जनादेश करार दिया.

उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि एक राष्ट्रीय कंजर्वेटिव सरकार को ब्रेक्जिट करने के लिए मजबूत नया जनादेश दिया गया है. यह केवल ब्रेक्जिट के लिए ही नहीं बल्कि देश को एकजुट करने एवं आगे ले जाने के लिए भी है.'

जॉनसन ने कहा कि चुनाव उन्हें ब्रिटेन के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करने, इस देश को बेहतरी के लिए बदलाव करने और इस देश के सभी लोगों की क्षमता का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा.'

इस चुनाव में विपक्षी लेबर पार्टी को 650 सदस्यी हाउस ऑफ कॉमंस (ब्रिटिश संसद के निम्न सदन) में केवल 203 सीटें मिली हैं. यह पार्टी का दशकों बाद सबसे खराब प्रदर्शन है, जिसके बाद पार्टी नेता जेरेमी कॉर्बिन ने इस्तीफा देने की घोषणा की है.

कॉर्बिन ने कहा, 'यह लेबर पार्टी के लिए निराश करने वाली रात है... मैं भविष्य के किसी आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करूंगा.'

उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय लेबर नेता स्वयं लदंन के इसलिंगटन नार्थ सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए हैं.

इस हार के लिए कॉर्बिन के नेतृत्व, ब्रेक्जिट पर स्पष्ट रुख लेने में उनकी असमर्थता और पार्टी के भीतर यहूदी विरोध बढ़ने के आरोपों को ठीक ढंग से जवाब देने में नाकामी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करने वाले प्रस्ताव पारित करने के बाद पार्टी की कथित भारत विरोधी छवि बनी और माना जा रहा है कि पारंपरिक रूप से लेबर पार्टी के साथ रहे भारतीय मूल के मतदाताओं का मोह भंग हुआ.

कंजर्वेटिव पार्टी ने पूर्व में लेबर पार्टी के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में भी बढ़त बनाई. लेबर पार्टी को उत्तरी इंग्लैंड, मिडलैंड और वेल्स इलाकों में हार मिली जहां पर 2016 के जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ छोड़ने के पक्ष में मतदान किया था.

चुनाव के बाद नतीजों के पहले संकेत अंतरराष्ट्रीय समयानुसार गुरुवार रात 10 बजे मिले जब एग्जिट पोल में जॉनसन के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को 368 सीटों पर जीतते और लेबर पार्टी को मात्र 191 सीटों पर सिमटते हुए दिखाया गया.

जॉनसन की पिछली सरकार में मंत्री रही प्रीति पटेल ने एक्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह चुनाव साल के सर्द दिनों में मुश्किल से लड़ा गया क्योंकि हमें काम करने के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के बहुमत की जरूरत थी.'

उन्होंने कहा, 'हम अपनी प्राथमिकताओं को पूरी करने और ब्रेक्जिट को प्राथमिकता के आधार पर करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. समझौता सामने है और हम उस पर आगे बढ़ना चाहते हैं.'

यह 1935 के बाद लेबर पार्टी की सबसे करारी हार है. पार्टी को उत्तरी इंग्लैंड में भी हार मिली है और लगता है कि मतदाताओं ने ब्रेग्जिट के मुद्दे पर मतदान किया है.

गौरतलब है कि जॉनसन ने कंजर्वेटिव पार्टी को बहुमत दिलाने और ब्रेग्जिट को लेकर हाउस ऑफ कॉमन्स में गतिरोध तोड़ने की कवायद के तहत मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी.

यह तकरीबन एक सदी में ब्रिटेन के दिसंबर में हुए पहले आम चुनाव हैं और मतदाताओं ने ठिठुरती ठंड में घरों से बाहर निकलकर वोट डाला.

पांच साल में तीसरी बार और 2016 में यूरोपीय संघ से अलग होने के मुद्दे पर जनमत संग्रह होने के बाद दूसरी बार ब्रिटेन में आम चुनाव हुए हैं. इस साल के शुरुआत में थेरेसा मे से सत्ता लेने वाले जॉनसन ने 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट की समयसीमा तय की थी, लेकिन हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत नहीं होने के कारण उन्हें बाधा का सामना करना पड़ा.

पढ़ें-ब्रिटेन में आम चुनाव के लिए मतदान, मैदान में 3322 उम्मीदवार

चुनाव प्रचार के दौरान जॉनसन ने ‘ब्रेक्जिट करेंगे मुद्दे पर लगातार ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने मतदाताओं से वादा किया कि अगर उन्हें बहुमत मिला तो 31 जनवरी 2020 तक ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा.

इसके विपरीत विपक्षी और प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार लेबर पार्टी के नेता कॉर्बिन ने ब्रेक्जिट और यूरोपीय संघ में बने रहने पर फिर से विचार करने के लिए दूसरा जनमत संग्रह कराने का वादा किया था.

इस बीच, यूरोपीय संघ (ईयू) के आंतरिक बाजार आयुक्त थियेरी ब्रेटन ने कहा कि संगठन को लंदन से अपने संबंध दोबारा स्थापित करने होंगे.

उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि ब्रिटेन के साथ संबंधों को दोबारा स्थापित करना होगा जो महत्वपूर्ण साझेदार है.'

ब्रेटन ने कहा कि ईयू ब्रिटेन के साथ संतुलित कारोबारी रिश्ते चाहता है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार को ब्रसेल्स में होने वाली यूरोपीय परिषद की बैठक में ईयू के मुख्य वार्ताकार माइकल बार्नियर को लंदन से बातचीत के लिए नए अधिकार दिए जाएंगे.

ब्रेटन ने कहा कि भविष्य में होने वाले व्यापार समझौते में ईयू की सामाजिक और पर्यावरण मानकों को ब्रिटेन के साथ व्यापार में भी लागू किया जाएगा.

लंदन : ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन ने बड़ी जीत हासिल की है. उनकी इस जीत पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी है. जीत के बाद बोरिश जॉनसन मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट को जनादेश मिला है.

पीएम मोदी ने ट्वीट करके लिखा, ' प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारी बहुमते से सत्ता में फिर से वापसी पर बहुत बधाई मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और भारत-ब्रिटने के करीबी संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने को आशान्वित हूं.

modi wishes jhonson
प्रधानमंत्री द्वारा किया गया ट्वीट

शानदार जीत के बाद जॉनसन ब्रिटेन सरकार बनाने की तैयारी में जुट गए हैं और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मुलाकात बकिंघम पैलेस पहुंचे हैं. इस दौरान वह महारानी से सरकार बनाने की अनुमति मांगेंगे.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दशकों बाद देश में हुए नाटकीय आम चुनाव में शुक्रवार को धमाकेदार जीत दर्ज की. इसी के साथ ब्रिटेन में यूरोपीय संघ से अलग होने के मुद्दे पर आठ महीने से जारी गतिरोध का भी समापन हो गया है.

बोरिस जॉनसन की ऐतिहासिक चुनाव में जीत

वर्ष 1980 के दशक में मार्गरेट थैचर के नेतृत्व में मिली जीत के बाद पहली बार कंजर्वेटिव पार्टी ने संसद में 363 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है. लंदन में आयोजित विजय रैली में जीत की पुष्टि करते हुए जॉनसन ने इसे ब्रेक्जिट को लेकर जारी गतिरोध के लिए नयी सुबह करार दिया और दावा किया कि वह मतदाताओं की ओर से जताए गए ‘पवित्र विश्वास को खंडित नहीं होने देंगे.

विजय रैली में अपनी महिला मित्र कैरी सायमंड और पालतू कुत्ते डिलयेन के साथ मौजूद जॉनसन ने कहा, ‘हमने कर दिखाया, हमने उसे गिरा दिया, क्या हमने नहीं किया? हमने गतिरोध को खत्म कर दिया, हमने बंदिशें तोड़ दीं, हमने रास्ते के अवरोधों को खत्म कर दिया.

उन्होंने कहा, ' हम मानते हैं कि इस चुनाव के साथ हमने दूसरे जनमत के सभी खतरों का खात्मा कर दिया.' इस दौरान उन्होंने लोगों से ब्रेक्जिट होगा के बार-बार नारे लगवाए.

इससे पहले जॉनसन ने स्वयं लंदन के उक्सब्रिज और साउथ रुइस्लिप से जीत दर्ज की. वहां पर उन्होंने पार्टी की संभावित जीत पर खुशी जताई और इसे 28 सदस्यीय आर्थिक समूह यूरोपीय संघ से अलग होने की उनकी योजना पर आगे बढ़ने के लिए मजबूत नया जनादेश करार दिया.

उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि एक राष्ट्रीय कंजर्वेटिव सरकार को ब्रेक्जिट करने के लिए मजबूत नया जनादेश दिया गया है. यह केवल ब्रेक्जिट के लिए ही नहीं बल्कि देश को एकजुट करने एवं आगे ले जाने के लिए भी है.'

जॉनसन ने कहा कि चुनाव उन्हें ब्रिटेन के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करने, इस देश को बेहतरी के लिए बदलाव करने और इस देश के सभी लोगों की क्षमता का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा.'

इस चुनाव में विपक्षी लेबर पार्टी को 650 सदस्यी हाउस ऑफ कॉमंस (ब्रिटिश संसद के निम्न सदन) में केवल 203 सीटें मिली हैं. यह पार्टी का दशकों बाद सबसे खराब प्रदर्शन है, जिसके बाद पार्टी नेता जेरेमी कॉर्बिन ने इस्तीफा देने की घोषणा की है.

कॉर्बिन ने कहा, 'यह लेबर पार्टी के लिए निराश करने वाली रात है... मैं भविष्य के किसी आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करूंगा.'

उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय लेबर नेता स्वयं लदंन के इसलिंगटन नार्थ सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए हैं.

इस हार के लिए कॉर्बिन के नेतृत्व, ब्रेक्जिट पर स्पष्ट रुख लेने में उनकी असमर्थता और पार्टी के भीतर यहूदी विरोध बढ़ने के आरोपों को ठीक ढंग से जवाब देने में नाकामी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करने वाले प्रस्ताव पारित करने के बाद पार्टी की कथित भारत विरोधी छवि बनी और माना जा रहा है कि पारंपरिक रूप से लेबर पार्टी के साथ रहे भारतीय मूल के मतदाताओं का मोह भंग हुआ.

कंजर्वेटिव पार्टी ने पूर्व में लेबर पार्टी के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में भी बढ़त बनाई. लेबर पार्टी को उत्तरी इंग्लैंड, मिडलैंड और वेल्स इलाकों में हार मिली जहां पर 2016 के जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ छोड़ने के पक्ष में मतदान किया था.

चुनाव के बाद नतीजों के पहले संकेत अंतरराष्ट्रीय समयानुसार गुरुवार रात 10 बजे मिले जब एग्जिट पोल में जॉनसन के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को 368 सीटों पर जीतते और लेबर पार्टी को मात्र 191 सीटों पर सिमटते हुए दिखाया गया.

जॉनसन की पिछली सरकार में मंत्री रही प्रीति पटेल ने एक्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह चुनाव साल के सर्द दिनों में मुश्किल से लड़ा गया क्योंकि हमें काम करने के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के बहुमत की जरूरत थी.'

उन्होंने कहा, 'हम अपनी प्राथमिकताओं को पूरी करने और ब्रेक्जिट को प्राथमिकता के आधार पर करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. समझौता सामने है और हम उस पर आगे बढ़ना चाहते हैं.'

यह 1935 के बाद लेबर पार्टी की सबसे करारी हार है. पार्टी को उत्तरी इंग्लैंड में भी हार मिली है और लगता है कि मतदाताओं ने ब्रेग्जिट के मुद्दे पर मतदान किया है.

गौरतलब है कि जॉनसन ने कंजर्वेटिव पार्टी को बहुमत दिलाने और ब्रेग्जिट को लेकर हाउस ऑफ कॉमन्स में गतिरोध तोड़ने की कवायद के तहत मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी.

यह तकरीबन एक सदी में ब्रिटेन के दिसंबर में हुए पहले आम चुनाव हैं और मतदाताओं ने ठिठुरती ठंड में घरों से बाहर निकलकर वोट डाला.

पांच साल में तीसरी बार और 2016 में यूरोपीय संघ से अलग होने के मुद्दे पर जनमत संग्रह होने के बाद दूसरी बार ब्रिटेन में आम चुनाव हुए हैं. इस साल के शुरुआत में थेरेसा मे से सत्ता लेने वाले जॉनसन ने 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट की समयसीमा तय की थी, लेकिन हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत नहीं होने के कारण उन्हें बाधा का सामना करना पड़ा.

पढ़ें-ब्रिटेन में आम चुनाव के लिए मतदान, मैदान में 3322 उम्मीदवार

चुनाव प्रचार के दौरान जॉनसन ने ‘ब्रेक्जिट करेंगे मुद्दे पर लगातार ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने मतदाताओं से वादा किया कि अगर उन्हें बहुमत मिला तो 31 जनवरी 2020 तक ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा.

इसके विपरीत विपक्षी और प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार लेबर पार्टी के नेता कॉर्बिन ने ब्रेक्जिट और यूरोपीय संघ में बने रहने पर फिर से विचार करने के लिए दूसरा जनमत संग्रह कराने का वादा किया था.

इस बीच, यूरोपीय संघ (ईयू) के आंतरिक बाजार आयुक्त थियेरी ब्रेटन ने कहा कि संगठन को लंदन से अपने संबंध दोबारा स्थापित करने होंगे.

उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि ब्रिटेन के साथ संबंधों को दोबारा स्थापित करना होगा जो महत्वपूर्ण साझेदार है.'

ब्रेटन ने कहा कि ईयू ब्रिटेन के साथ संतुलित कारोबारी रिश्ते चाहता है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार को ब्रसेल्स में होने वाली यूरोपीय परिषद की बैठक में ईयू के मुख्य वार्ताकार माइकल बार्नियर को लंदन से बातचीत के लिए नए अधिकार दिए जाएंगे.

ब्रेटन ने कहा कि भविष्य में होने वाले व्यापार समझौते में ईयू की सामाजिक और पर्यावरण मानकों को ब्रिटेन के साथ व्यापार में भी लागू किया जाएगा.

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PRI GEN INT
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UK-2NDLD ELECTION
Johnson on course for huge win in UK's Brexit election: Exit poll
By Aditi Khanna
(Eds: Updating with reactions from Johnson and Corbyn )
         London, Dec 13 (PTI) Boris Johnson is set to be re-elected as British prime minister with a comfortable majority in the country's general elections, according the latest projections on Friday, a victory that will end the uncertainty over Brexit and will help him to take the UK out of the European Union by the end of next month.
         Johnson, who won his own seat in London's Uxbridge and South Ruislip, hailed the projected win for his Conservative Party as a "powerful new mandate" to move forward with his deal to leave the European Union (EU).
         "It does look as though this One Nation Conservative government has been given a powerful new mandate to get Brexit done and not just to get Brexit done but to unite this country and to take it forward, said the 55-year-old Tory leader in his winner's speech after the results in his constituency were declared.
         While stressing that the final tally is yet to be confirmed, he said the election would give him the chance to respect the democratic will of the British people, to change this country for the better and to unleash the potential of the entire people of this country.
         The latest projections put the Johnson-led Conservatives at around 357, lower than the initial 368 but still well clear of the 326-seat half-way mark required for a majority in the House of Commons and also the certainty required for his so-called divorce arrangement with the EU.
         The Opposition Labour is projected to get 201 seats, a disastrous performance for the party which resulted in leader Jeremy Corbyn announcing that he would be stepping down.
         "It has been a very disappointing night for Labour... I will not lead the party in any future General Election campaign, said Corbyn, as he won his own seat in London's Islington North constituency.
         Labour is set for a crushing defeat which is almost entirely likely to be blamed on Corbyn's leadership and his failure to take a clear stance on Brexit as well as counter growing allegations of antisemitism within the party ranks.
         A perceived anti-India stance since the party passed an emergency motion calling for international intervention in Kashmir is also likely to have swayed some of its traditional connect with the Indian diaspora voters.
         The first sign of what the results held in store came with a definitive exit poll released at the close of voting at 2200 GMT on Thursday, which predicted the Johnson-led Conservative Party winning 368 seats, with the Labour Party way down at 191 in a predominantly Tory blue versus Labour red contest.
         This has been a hard-fought election in a very cold time of the year because we needed a functioning Conservative majority, said Priti Patel, the senior-most Indian-origin minister in Johnson's last Cabinet, in response to the exit poll.
         We are committed to deliver on priorities and getting Brexit done is a priority. The deal is there, we want to move forward, she said.
         Labour, which looked set for one of its worst performances since 1935 as the so-called red wall of the party's heartlands towards the north of England looked set for significant knockdowns, conceded that voters seemed to have voted strongly on the basis of Brexit.
         "Brexit has dominated this election. If the results are anywhere near the exit polls, this is an extremely disappointing result, admitted Labour's shadow chancellor John McDonnell.
         The first couple of results were some relief for the Labour Party as its candidates clinched the traditionally held Newcastle-Upon-Tyne Central and Houghton and Sunderland South seats, albeit with reduced majority.
          But then came the first big upset of the night as the Blyth Valley constituency echoed the exit poll results and handed over a significant gain to the Conservatives, which grabbed the so-called Labour heartland seat which had been with the party since the 1950s.
         Polling stations across all constituencies of the United Kingdom England, Wales, Scotland and Northern Ireland where a total of 3,322 candidates were standing began the count right after the polls closed, with the final tally expected to begin taking shape in the early hours of Friday.
         The snap election had been called by Johnson in a bid to win a majority for his Conservative Party and break the Commons deadlock over Brexit.
          It resulted in the UK's first December General Election in nearly a century and saw voters brave a cold and blustery winter's day to queue outside polling stations to cast their vote in what had been pegged as the most important election in a generation.
         This also marked the UK's third General Election in less than five years and the second since the UK voted to leave the EU in the June 2016 referendum.
          Johnson, who had taken over from Theresa May earlier this year with a pledge to meet the October 31 Brexit deadline, was constantly frustrated with a lack of majority in the Commons.
          During the course of the campaign, he focused relentlessly on the "Get Brexit Done" message, promising to take the UK out of the EU by the new 31 January 2020 deadline if he was handed the mandate from the electorate.
         In contrast, his main rival for No 10 Downing Street, Labour leader Corbyn, had promised voters another referendum with a choice between a renegotiated Brexit deal and remaining in the economic bloc. But the party primarily campaigned on a promise to end Tory budget cuts by increasing spending on public services and the state-funded National Health Service (NHS), a strategy which it would seem failed to make a dent in the polls. PTI AK
NSA
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Last Updated : Dec 14, 2019, 7:46 AM IST
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