लंदन : लंदन में राष्ट्रमंडल सचिवालय द्वारा मंगलवार को जारी 181 देशों में युवाओं की स्थिति को मापने वाले एक नए 'वैश्विक युवा विकास' सूचकांक में भारत 122वें स्थान पर है.
युवा विकास की त्रिवार्षिक रैंकिंग ने भारत को 2010 और 2018 के बीच सूचकांक में शीर्ष पांच में शामिल किया, साथ ही अफगानिस्तान और रूस के साथ, शिक्षा और रोजगार जैसे क्षेत्रों में उनके अंकों (स्कोर) में औसतन 15.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
2020 वैश्विक युवा विकास सूचकांक के अनुसार, '2010 से 2018 तक शीर्ष पांच सुधारकर्ता देशों में अफगानिस्तान, भारत, रूस, इथियोपिया और बुर्किना फासो थे.' स्लोवेनिया, नॉर्वे, माल्टा और डेनमार्क के बाद सिंगापुर सबसे ऊपर है. चाड, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, दक्षिण सूडान, अफगानिस्तान और नाइजर क्रमशः अंतिम स्थान पर आए.
राष्ट्रमंडल महासचिव बैरोनेस पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने कहा कि युवाओं के लिए एक ऐसा भविष्य प्रदान करना अपरिहार्य है जो अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी और स्थिर है. आंकड़ों के साथ उनके योगदान और जरूरतों को मापने से हम सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने में सक्षम होते हैं. उन्होंने कहा, 'हमारा युवा विकास सूचकांक एक महत्वपूर्ण उपकरण है जिसने यह आकलन करने की हमारी क्षमता को पहले ही काफी बढ़ा दिया है कि युवा अपने समाज में लाभकारी योगदान देने के लिए किस हद तक लगे हुए हैं, और नीतियों तथा उपकरणों को सक्षम करके सशक्त बनाया गया है.'
पढ़ें :- आईएमडी के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में भारत ने बरकरार रखा 43वां स्थान
युवा शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, समानता और समावेश, शांति और सुरक्षा, और राजनीतिक और नागरिक भागीदारी के विकास के अनुसार सूचकांक 0.00 (निम्नतम) और 1.00 (उच्चतम) के बीच देशों को श्रेणी प्रदान करता है. यह साक्षरता और मतदान सहित 27 संकेतकों को देखता है, जो 15 से 29 वर्ष की आयु के बीच दुनिया के 180 करोड़ लोगों की स्थिति को प्रदर्शित करते हैं.
वैश्विक शिक्षा स्कोर में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें दक्षिण एशिया में 16 प्रतिशत का सबसे बड़ा सुधार हुआ. शांति और सुरक्षा में 3.41 प्रतिशत का सुधार हुआ, जिसके परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष हिंसा से मरने वाले युवा कम थे. सोमालिया ने युवाओं की शांति और सुरक्षा में सबसे बड़ा लाभ दर्ज किया, इसके बाद कोलंबिया, श्रीलंका, इरिट्रिया और रूस का स्थान है.
(पीटीआई-भाषा)