ETV Bharat / international

जापान ने कार्लोस घोन को हिरासत में लेकर गलती की

author img

By

Published : Nov 23, 2020, 10:59 PM IST

मानवाधिकार समूह ने कहा कि जापान ने कार्लोस घोन को हिरासत में लेकर गलती की है. चार सदस्यीय समूह ने जापान से घोन की हिरासत की पूर्ण एवं स्वतंत्र जांच की मांग की.

मानवधिकार समूह
मानवधिकार समूह

जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध मानवाधिकार विशेषज्ञों की एक समिति ने कहा है कि रेनॉल्ट निसान के पूर्व शीर्ष अधिकारी कार्लोस घोन को जापान में गलत तरीके से हिरासत में लिया गया. उन्होंने जापान सरकार से उनके लिए मुआवजा की अपील की.

सोमवार को प्रकाशित अपनी राय में वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिट्रेरी डिटेंशन नामक यह समिति इस निष्कर्प पर पहुंची कि 2018 के आखिर और 2019 के प्रांरभ में घोन की गिरफ्तारी मनमानापूर्ण थी. उसने जापान की सरकार से अविलंब घोन से जुड़ी चिंताओं के निवारण का आह्वान किया.

स्वतंत्र विशेषज्ञों के चार सदस्यीय समूह ने जापान से घोन की हिरासत की पूर्ण एवं स्वतंत्र जांच की मांग की और सरकार से उनके अधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोंगों के विरूद्ध उपयुक्त कदम उठाने का आह्वान किया.

फ्रांसीसी, लेबनानी और ब्राजीलियन नागरिकता वाले 66 वर्षीय घोन ने दो दशक तक जापानी वाहन निर्माता कंपनी निसान की अगुवाई की और उसे करीब- करीब दिवालियेपन से बाहर निकाला.

उन्हें विश्वासघात कंपनी की संपत्तियों का निजी फायदे के लिए दुरूपयोग करने और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन को लेकर नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने इन गड़बड़ियों से इनकार किया था.

पढ़ेंः अमेरिका रोड्स स्कॉलर्स के 32 विजेताओं में से चार भारतीय-अमेरिकी मूल के छात्र

दिसंबर में वह जमानत पर रहने के दौरान जापान से लेबनान चले गये, जिसका मतलब है कि उनके खिलाफ जापान में मुकदमा नहीं चलाया जायेगा. इंटरपोल ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया, लेकिन लेबनान से उनके प्रत्यर्पण की संभावना नहीं है.

घोन ने निसान और जापानी अधिकारियों पर निसान का उसके फ्रांसीसी गठबंधन साझेदार रिनॉल्ट एसए के साथ पूर्ण एकीकरण को रोकने के लिए उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया.

जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध मानवाधिकार विशेषज्ञों की एक समिति ने कहा है कि रेनॉल्ट निसान के पूर्व शीर्ष अधिकारी कार्लोस घोन को जापान में गलत तरीके से हिरासत में लिया गया. उन्होंने जापान सरकार से उनके लिए मुआवजा की अपील की.

सोमवार को प्रकाशित अपनी राय में वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिट्रेरी डिटेंशन नामक यह समिति इस निष्कर्प पर पहुंची कि 2018 के आखिर और 2019 के प्रांरभ में घोन की गिरफ्तारी मनमानापूर्ण थी. उसने जापान की सरकार से अविलंब घोन से जुड़ी चिंताओं के निवारण का आह्वान किया.

स्वतंत्र विशेषज्ञों के चार सदस्यीय समूह ने जापान से घोन की हिरासत की पूर्ण एवं स्वतंत्र जांच की मांग की और सरकार से उनके अधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोंगों के विरूद्ध उपयुक्त कदम उठाने का आह्वान किया.

फ्रांसीसी, लेबनानी और ब्राजीलियन नागरिकता वाले 66 वर्षीय घोन ने दो दशक तक जापानी वाहन निर्माता कंपनी निसान की अगुवाई की और उसे करीब- करीब दिवालियेपन से बाहर निकाला.

उन्हें विश्वासघात कंपनी की संपत्तियों का निजी फायदे के लिए दुरूपयोग करने और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन को लेकर नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने इन गड़बड़ियों से इनकार किया था.

पढ़ेंः अमेरिका रोड्स स्कॉलर्स के 32 विजेताओं में से चार भारतीय-अमेरिकी मूल के छात्र

दिसंबर में वह जमानत पर रहने के दौरान जापान से लेबनान चले गये, जिसका मतलब है कि उनके खिलाफ जापान में मुकदमा नहीं चलाया जायेगा. इंटरपोल ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया, लेकिन लेबनान से उनके प्रत्यर्पण की संभावना नहीं है.

घोन ने निसान और जापानी अधिकारियों पर निसान का उसके फ्रांसीसी गठबंधन साझेदार रिनॉल्ट एसए के साथ पूर्ण एकीकरण को रोकने के लिए उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.