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'कोविड-19 से उबरने के बाद पहले दो हफ्तों में दिल के दौरे का खतरा अधिक'

कोविड से उबरने के बाद भी खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता, पहले दो हफ्तों में दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक का शिकार होने का खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है.

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Published : Aug 3, 2021, 7:55 PM IST

लंदन : कोविड-19 से उबरने के बाद, पहले दो हफ्तों में दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक का शिकार होने का खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है. यह दावा लांसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में किया गया है.

प्रकाशित अनुसंधान पत्र में यह दावा स्वीडन में एक फरवरी से 14 सितंबर 2020 के बीच 86,742 कोविड-19 मरीजों और 3,48,481 सामान्य लोगों में एक्यूट मायोकार्डिनल इन्फार्क्शन या दिल का दौरा पड़ने के खतरे का तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर किया गया है.

अनुसंधान पत्र के सह लेखक और स्वीडन स्थित उमिया विश्वविद्यालय में कार्यरत ओस्वाल्डो फोनसिका रोडरिग्वेज ने कहा, हमने पाया कि कोविड-19 से उबरने के बाद, पहले दो हफ्ते में एक्यूट मायोकार्डिनल इन्फार्क्शन और स्ट्रोक का खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है.

पढ़ें :- पोस्ट कोविड कुछ महीनों तक लोगों को करना पड़ सकता है दिक्कतों का सामना

उन्होंने बताया कि अनुसंधानकर्ताओं द्वारा रुग्णात, उम्र, लिंग और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर गौर करने के पर भी मायोकार्डिनल इन्फार्क्शन और स्ट्रोक का खतरा बराबर ही रहा.

अनुसंधान पत्र की अन्य सह लेखिका व उमिया विश्वविद्यालय में कार्यरत इयोनिस कैटसोउलारिस ने कहा, अनुसंधान इंगित करता है कि कोविड-19 मरीजों के इलाज में हृदय संबंधी जटिलता एक अहम पहलू है.

उन्होंने कहा, हमारे अध्ययन के नतीजे कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण के महत्व को इंगित करते हैं, खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को जिनको हृदयघात का खतरा अधिक होता है.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : कोविड-19 से उबरने के बाद, पहले दो हफ्तों में दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक का शिकार होने का खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है. यह दावा लांसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में किया गया है.

प्रकाशित अनुसंधान पत्र में यह दावा स्वीडन में एक फरवरी से 14 सितंबर 2020 के बीच 86,742 कोविड-19 मरीजों और 3,48,481 सामान्य लोगों में एक्यूट मायोकार्डिनल इन्फार्क्शन या दिल का दौरा पड़ने के खतरे का तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर किया गया है.

अनुसंधान पत्र के सह लेखक और स्वीडन स्थित उमिया विश्वविद्यालय में कार्यरत ओस्वाल्डो फोनसिका रोडरिग्वेज ने कहा, हमने पाया कि कोविड-19 से उबरने के बाद, पहले दो हफ्ते में एक्यूट मायोकार्डिनल इन्फार्क्शन और स्ट्रोक का खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है.

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उन्होंने बताया कि अनुसंधानकर्ताओं द्वारा रुग्णात, उम्र, लिंग और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर गौर करने के पर भी मायोकार्डिनल इन्फार्क्शन और स्ट्रोक का खतरा बराबर ही रहा.

अनुसंधान पत्र की अन्य सह लेखिका व उमिया विश्वविद्यालय में कार्यरत इयोनिस कैटसोउलारिस ने कहा, अनुसंधान इंगित करता है कि कोविड-19 मरीजों के इलाज में हृदय संबंधी जटिलता एक अहम पहलू है.

उन्होंने कहा, हमारे अध्ययन के नतीजे कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण के महत्व को इंगित करते हैं, खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को जिनको हृदयघात का खतरा अधिक होता है.

(पीटीआई-भाषा)

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