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बेलारूस की विपक्षी नेता को यूरोपीय संघ का शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार

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Published : Oct 22, 2020, 6:40 PM IST

यूरोपीय संघ ने बेलारूस के विपक्षी आंदोलन और उसकी नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना को राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के लंबे और कठिन शासन को चुनौती देने के लिए अपने शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है.

सिवात्लाना त्सिकानसुकाया
सिवात्लाना त्सिकानसुकाया

ब्रुसेल्स : यूरोपीय संघ ने बेलारूस के विपक्षी आंदोलन और इसकी नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना को राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के चुनौती देने के लिए अपने शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है.

यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड ससोली ने कहा कि यह घोषणा करना उनके लिए एक सम्मान की बात है कि बेलारूस में लोकतांत्रिक विपक्षी महिलाएं और पुरुष सखारोव पुरस्कार (Sakharov Prize) 2020 विजेता हैं. उनके पक्ष में कुछ ऐसी बातें हैं कि निर्दयी सेना सच्चाई को कभी नहीं हरा सकती. हम आंदोलनकारियों के साथ हैं.

27 देशों के संघ ने इसी महीने बेलारूस में प्रदर्शनकारियों पर चुनाव कदाचार और एक क्रूर सुरक्षा कार्रवाई के संदेह में अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिए सहमति जताई है.

यूरोपीय संघ ने चेतावनी दी है कि यदि बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको विपक्ष के साथ बातचीत में विफल रहते हैं और विवादित चुनाव के बाद शुरू हुए दमन को समाप्त करने का आदेश नहीं देते हैं, तो वह लुकाशेंको पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं.

लुकाशेंको को राष्ट्रपति चुनाव में अपने छठे कार्यकाल में मिली जीत को व्यापक रूप से धांधली के रूप में देखा जा रहा है, चूंकि बीते नौ अगस्त को हुए चुनावों में लुकाशेंको ने 80 फीसदी वोट के साथ एक जीत दर्ज की थी, उनकी जीत के बाद बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है.

चुनाव के दौरान लुकाशेंको की मुख्य प्रतिद्वंदी स्वेतलाना तिखानोव्सना को 10 फीसदी वोट मिले. उन्होंने और उनके समर्थकों ने परिणामों को मानने से इनकार करते हुए कहा कि वोट के परिणाम में हेरफेर किया गया है.

बिना किसी पूर्व राजनीतिक अनुभव के साथ एक 38 वर्षीय पूर्व अंग्रेजी शिक्षक तिखानोव्सना अपने पति के जेल में जाने के बाद चुनावी दौड़ में शामिल हुईं. उनके पति, जो राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें जेल में डाल दिया गया था. वह अब भी जेल में हैं.

तिखानोव्सना ने आधिकारिक हार को अस्वीकार कर दिया और हार मानने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्हें अधिकारियों के दबाव में लिथुआनिया जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पढ़ें - लुकाशेंको ने बेलारूस के राष्ट्रपति का पदभार संभाला

तिखानोव्सना विपक्षी समन्वय परिषद के कई प्रमुख सदस्यों के साथ सखारोव पुरस्कार साझा कर रही हैं, जो चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन पर बातचीत की सुविधा के लिए बनाया गया था.

बता दें कि यूरोपीय संघ पुरस्कार, सोवियत असंतुष्ट आंद्रेई सखारोव के नाम पर 1988 में उन व्यक्तियों या समूहों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया था, जो मानवाधिकारों और बुनियादी स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं. पिछले साल के विजेता अर्थशास्त्री इल्हाम तोहती थे, जिन्होंने चीन के उइघुर अल्पसंख्यक के बचाव के लिए काम किया था.

इस वर्ष पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए अन्य लोगों में होंडुरास में गुआपिनोल नदी की रक्षा करने वाले कार्यकर्ता बर्टा सीजेरेस और मोसुल के आर्कबिशप नजीब मिखाइल के नाम शामिल थे.

यह पुरस्कार 16 दिसंबर को फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में एक समारोह में प्रस्तुत किया जाएगा.

ब्रुसेल्स : यूरोपीय संघ ने बेलारूस के विपक्षी आंदोलन और इसकी नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना को राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के चुनौती देने के लिए अपने शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है.

यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड ससोली ने कहा कि यह घोषणा करना उनके लिए एक सम्मान की बात है कि बेलारूस में लोकतांत्रिक विपक्षी महिलाएं और पुरुष सखारोव पुरस्कार (Sakharov Prize) 2020 विजेता हैं. उनके पक्ष में कुछ ऐसी बातें हैं कि निर्दयी सेना सच्चाई को कभी नहीं हरा सकती. हम आंदोलनकारियों के साथ हैं.

27 देशों के संघ ने इसी महीने बेलारूस में प्रदर्शनकारियों पर चुनाव कदाचार और एक क्रूर सुरक्षा कार्रवाई के संदेह में अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिए सहमति जताई है.

यूरोपीय संघ ने चेतावनी दी है कि यदि बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको विपक्ष के साथ बातचीत में विफल रहते हैं और विवादित चुनाव के बाद शुरू हुए दमन को समाप्त करने का आदेश नहीं देते हैं, तो वह लुकाशेंको पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं.

लुकाशेंको को राष्ट्रपति चुनाव में अपने छठे कार्यकाल में मिली जीत को व्यापक रूप से धांधली के रूप में देखा जा रहा है, चूंकि बीते नौ अगस्त को हुए चुनावों में लुकाशेंको ने 80 फीसदी वोट के साथ एक जीत दर्ज की थी, उनकी जीत के बाद बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है.

चुनाव के दौरान लुकाशेंको की मुख्य प्रतिद्वंदी स्वेतलाना तिखानोव्सना को 10 फीसदी वोट मिले. उन्होंने और उनके समर्थकों ने परिणामों को मानने से इनकार करते हुए कहा कि वोट के परिणाम में हेरफेर किया गया है.

बिना किसी पूर्व राजनीतिक अनुभव के साथ एक 38 वर्षीय पूर्व अंग्रेजी शिक्षक तिखानोव्सना अपने पति के जेल में जाने के बाद चुनावी दौड़ में शामिल हुईं. उनके पति, जो राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें जेल में डाल दिया गया था. वह अब भी जेल में हैं.

तिखानोव्सना ने आधिकारिक हार को अस्वीकार कर दिया और हार मानने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्हें अधिकारियों के दबाव में लिथुआनिया जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पढ़ें - लुकाशेंको ने बेलारूस के राष्ट्रपति का पदभार संभाला

तिखानोव्सना विपक्षी समन्वय परिषद के कई प्रमुख सदस्यों के साथ सखारोव पुरस्कार साझा कर रही हैं, जो चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन पर बातचीत की सुविधा के लिए बनाया गया था.

बता दें कि यूरोपीय संघ पुरस्कार, सोवियत असंतुष्ट आंद्रेई सखारोव के नाम पर 1988 में उन व्यक्तियों या समूहों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया था, जो मानवाधिकारों और बुनियादी स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं. पिछले साल के विजेता अर्थशास्त्री इल्हाम तोहती थे, जिन्होंने चीन के उइघुर अल्पसंख्यक के बचाव के लिए काम किया था.

इस वर्ष पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए अन्य लोगों में होंडुरास में गुआपिनोल नदी की रक्षा करने वाले कार्यकर्ता बर्टा सीजेरेस और मोसुल के आर्कबिशप नजीब मिखाइल के नाम शामिल थे.

यह पुरस्कार 16 दिसंबर को फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में एक समारोह में प्रस्तुत किया जाएगा.

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