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जर्मनी के चांसलर पद के लिए चुनाव में दोनों प्रमुख दलों के बीच करीबी प्रतिस्पर्धा - चांसलर पद के लिए चुनाव

जर्मनी के मतदाता एक चुनाव में नई संसद का चयन कर रहे हैं जो यह निर्धारित करेगा कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के सर्वोच्च पद पर 16 साल तक रहीं चांसलर एंजेला मर्केल का स्थान कौन लेगा. वहीं मर्केल की विदाई को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है.

जर्मनी के चांसलर
जर्मनी के चांसलर
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Published : Sep 26, 2021, 3:23 PM IST

Updated : Sep 26, 2021, 7:17 PM IST

बर्लिन : जर्मनी के मतदाता एक चुनाव में नई संसद का चयन कर रहे हैं जो यह निर्धारित करेगा कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के सर्वोच्च पद पर 16 साल तक रहीं चांसलर एंजेला मर्केल का स्थान कौन लेगा.

रविवार को मतदान ने मर्केल के मध्य-दक्षिणपंथी दल यूनियन ब्लॉक और मध्य-वामपंथी दल सोशल डेमोक्रेट्स के बीच एक बहुत करीबी दौड़ की ओर इशारा किया. यूनियन ब्लॉक की ओर से आर्मिन लास्केट चांसलर पद की दौड़ में हैं, वहीं दूसरे दल की ओर से निवर्तमान वित्त मंत्री एवं वाइस चांसलर ओलाफ स्कोल्ज उम्मीदवार हैं.

हाल के सर्वेक्षणों में सोशल डेमोक्रेट्स को मामूली रूप से आगे दिखाया गया है. करीब 8.3 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में करीब 6.04 करोड़ लोग संसद के निचले सदन के सदस्यों को चुनने की पात्रता रखते हैं जो सरकार के प्रमुख को चुनते हैं.

चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. यह दिखाता है कि गठबंधन वाली सरकार संभावित है और इस क्रम में नई सरकार के गठन के लिए कई हफ्ते या महीने का समय लग सकता है और जब तक नई सरकार का स्वरूप तय नहीं होता तब तक मर्केल कार्यवाहक प्रमुख रहेंगी.

वहीं मर्केल की विदाई को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. बर्लिन में सामाजिक कार्यकर्ता वीबके बर्गमैन (48) ने कहा कि मर्केल की विदाई ने इस चुनाव को बेहद खास बना दिया है.

उन्होंने कहा, 'मैंने बहुत सोचा कि मेरे हिसाब से कौन सा उम्मीदवार अगला चांसलर होना चाहिये. आज सुबह तक मैं अपना मन नहीं बना पाया था. सच कहूं तो तीनों में से किसी ने मुझे प्रभावित नहीं किया. तीनों अच्छे इंसान प्रतीत होते हैं, लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि इनमें से कोई अगले चांसलर के तौर पर अच्छा काम कर सकता है.'

पढ़ें - क्वाड के नेता अंतरिक्ष, आपूर्ति श्रृंखला और 5जी के विस्तार संबंधी प्रयासों पर पहल की घोषणा करेंगे

वामपंथ का गढ़ माने जाने वाले राजधानी के क्रेउजबर्ग जिले में, जैन केम्पर (41) एक ऑनलाइन बैंक में मैनेजर हैं. वह कहते हैं कि उनके लिये जलवायु परिवर्तन और जर्मनी के डिजिटलीकरण की धीमी गति मुख्य चिंताएं हैं. उन्होंने मर्केल की प्रबंधन शैली की तारीफ की, लेकिन कहा कि कई प्रमुख मुद्दे अभी बाकी हैं.

बर्लिन : जर्मनी के मतदाता एक चुनाव में नई संसद का चयन कर रहे हैं जो यह निर्धारित करेगा कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के सर्वोच्च पद पर 16 साल तक रहीं चांसलर एंजेला मर्केल का स्थान कौन लेगा.

रविवार को मतदान ने मर्केल के मध्य-दक्षिणपंथी दल यूनियन ब्लॉक और मध्य-वामपंथी दल सोशल डेमोक्रेट्स के बीच एक बहुत करीबी दौड़ की ओर इशारा किया. यूनियन ब्लॉक की ओर से आर्मिन लास्केट चांसलर पद की दौड़ में हैं, वहीं दूसरे दल की ओर से निवर्तमान वित्त मंत्री एवं वाइस चांसलर ओलाफ स्कोल्ज उम्मीदवार हैं.

हाल के सर्वेक्षणों में सोशल डेमोक्रेट्स को मामूली रूप से आगे दिखाया गया है. करीब 8.3 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में करीब 6.04 करोड़ लोग संसद के निचले सदन के सदस्यों को चुनने की पात्रता रखते हैं जो सरकार के प्रमुख को चुनते हैं.

चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. यह दिखाता है कि गठबंधन वाली सरकार संभावित है और इस क्रम में नई सरकार के गठन के लिए कई हफ्ते या महीने का समय लग सकता है और जब तक नई सरकार का स्वरूप तय नहीं होता तब तक मर्केल कार्यवाहक प्रमुख रहेंगी.

वहीं मर्केल की विदाई को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. बर्लिन में सामाजिक कार्यकर्ता वीबके बर्गमैन (48) ने कहा कि मर्केल की विदाई ने इस चुनाव को बेहद खास बना दिया है.

उन्होंने कहा, 'मैंने बहुत सोचा कि मेरे हिसाब से कौन सा उम्मीदवार अगला चांसलर होना चाहिये. आज सुबह तक मैं अपना मन नहीं बना पाया था. सच कहूं तो तीनों में से किसी ने मुझे प्रभावित नहीं किया. तीनों अच्छे इंसान प्रतीत होते हैं, लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि इनमें से कोई अगले चांसलर के तौर पर अच्छा काम कर सकता है.'

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वामपंथ का गढ़ माने जाने वाले राजधानी के क्रेउजबर्ग जिले में, जैन केम्पर (41) एक ऑनलाइन बैंक में मैनेजर हैं. वह कहते हैं कि उनके लिये जलवायु परिवर्तन और जर्मनी के डिजिटलीकरण की धीमी गति मुख्य चिंताएं हैं. उन्होंने मर्केल की प्रबंधन शैली की तारीफ की, लेकिन कहा कि कई प्रमुख मुद्दे अभी बाकी हैं.

Last Updated : Sep 26, 2021, 7:17 PM IST
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