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लद्दाख एलएसी विवाद पर बोला ब्रिटेन, भारत-चीन के शांति प्रयास सराहनीय

ब्रिटेन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के प्रयासों का गुरुवार को स्वागत किया. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

-britain on efforts over ladakh tension
ब्रिटेन ने लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए भारत, चीन के प्रयासों का किया स्वागत
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Published : Jul 23, 2020, 6:23 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 6:38 PM IST

लंदन : ब्रिटेन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के प्रयासों का गुरुवार को स्वागत किया. ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन के मामलों के साथ-साथ हांगकांग में चीन की कार्रवाई पर भी चिंता व्यक्त की.

सर फिलिप बार्टन ने कहा कि चीन की कार्रवाइयों से पेश हुईं चुनौतियों से ब्रिटेन अवगत है और उनसे निबटने के लिए अमेरिका जैसे अपने करीबी सहयोगियों के साथ काम कर रहा है.

नव-नियुक्त राजदूत ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'मैं यह कहना चाहूंगा कि तनाव को कम करने को लेकर हमने जो प्रगति देखी है और पांच जुलाई को सीमा के सवाल पर विवादित स्थलों से पीछे हटने और तनाव कम करने के लिए दो विशेष प्रतिनिधियों द्वारा जताई गई प्रतिबद्धता स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि एलएसी के साथ-साथ हांगकांग में चीन की कार्रवाई भी चिंता का विषय है.

सर फिलिप बार्ट
ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन (फाइल फोटो)

ब्रिटिश दूत ने एलएसी पर भारतीय सैनिकों के शहीद होने की घटना के बारे में भी बात की और आशा व्यक्त की कि दोनों पक्ष वार्ता के माध्यम से तनाव को कम करने में सक्षम होंगे.

गलवान घाटी में 15 जून की हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.

दोनों पक्ष कई दौर तक चली कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं के बाद, विवादित स्थलों से सैनिकों को हटा कर तनाव कम करने पर सहमत हुए.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद 6 जुलाई को भारतीय और चीनी सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की.

सीमा वार्ता के लिए डोभाल और वांग विशेष प्रतिनिधि हैं.

यह भी पढ़ें- चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच पोम्पियो ने ब्रिटेन से वार्ता की

सर बार्टन ने कहा, 'चीन के साथ हमारी कोई सीमा नहीं लगती है लेकिन हांगकांग के लिए हमारी विशेष जिम्मेदारी है. चीन ने जो नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है, वह ब्रिटेन-चीन की संयुक्त घोषणा का स्पष्ट और गंभीर उल्लंघन है.' उन्होंने कहा, 'हमें विशेष रूप से शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन को लेकर बहुत चिंता है.'

लंदन : ब्रिटेन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के प्रयासों का गुरुवार को स्वागत किया. ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन के मामलों के साथ-साथ हांगकांग में चीन की कार्रवाई पर भी चिंता व्यक्त की.

सर फिलिप बार्टन ने कहा कि चीन की कार्रवाइयों से पेश हुईं चुनौतियों से ब्रिटेन अवगत है और उनसे निबटने के लिए अमेरिका जैसे अपने करीबी सहयोगियों के साथ काम कर रहा है.

नव-नियुक्त राजदूत ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'मैं यह कहना चाहूंगा कि तनाव को कम करने को लेकर हमने जो प्रगति देखी है और पांच जुलाई को सीमा के सवाल पर विवादित स्थलों से पीछे हटने और तनाव कम करने के लिए दो विशेष प्रतिनिधियों द्वारा जताई गई प्रतिबद्धता स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि एलएसी के साथ-साथ हांगकांग में चीन की कार्रवाई भी चिंता का विषय है.

सर फिलिप बार्ट
ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन (फाइल फोटो)

ब्रिटिश दूत ने एलएसी पर भारतीय सैनिकों के शहीद होने की घटना के बारे में भी बात की और आशा व्यक्त की कि दोनों पक्ष वार्ता के माध्यम से तनाव को कम करने में सक्षम होंगे.

गलवान घाटी में 15 जून की हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.

दोनों पक्ष कई दौर तक चली कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं के बाद, विवादित स्थलों से सैनिकों को हटा कर तनाव कम करने पर सहमत हुए.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद 6 जुलाई को भारतीय और चीनी सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की.

सीमा वार्ता के लिए डोभाल और वांग विशेष प्रतिनिधि हैं.

यह भी पढ़ें- चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच पोम्पियो ने ब्रिटेन से वार्ता की

सर बार्टन ने कहा, 'चीन के साथ हमारी कोई सीमा नहीं लगती है लेकिन हांगकांग के लिए हमारी विशेष जिम्मेदारी है. चीन ने जो नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है, वह ब्रिटेन-चीन की संयुक्त घोषणा का स्पष्ट और गंभीर उल्लंघन है.' उन्होंने कहा, 'हमें विशेष रूप से शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन को लेकर बहुत चिंता है.'

Last Updated : Jul 23, 2020, 6:38 PM IST
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