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अजरबैजान का दावा- आर्मीनिया ने नागोर्नो-काराबाख से बाहर हमला किया

अजरबैजान ने दावा किया है आर्मीनिया उसके विभिन्न क्षेत्रों में गोलाबारी कर रहा है. हालांकि आर्मीनिया ने इन आरोपों से इंकार किया है.

आर्मीनिया अजरबैजान टकराव
आर्मीनिया अजरबैजान टकराव
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Published : Oct 16, 2020, 10:27 PM IST

बाकू : अजरबैजान के अधिकारियों ने शुक्रवार को आर्मीनिया पर नागोर्नो-काराबाख को लेकर शुरू हुए संघर्ष का दायरा बढ़ाने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह अजरबैजान के विभिन्न क्षेत्रों में गोलाबारी कर रहा है. आर्मीनिया के अधिकारियों ने हालांकि इस दावे का खंडन किया है.

रूस की सुलह करवाने की कोशिशों के बावजूद दोनों तरफ से करीब तीन हफ्ते से जारी तीखी लड़ाई के बीच परस्पर आरोप-प्रत्यारोप सामने आए हैं. करीब 25 वर्षों के दौरान दोनों देशों के बीच इतने बड़े पैमाने पर छिड़ी यह पहली लड़ाई है.

अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आर्मीनियाई बलों द्वारा दागी गई एक मिसाइल बृहस्पतिवार को उसके नाखचिवन क्षेत्र के ओर्डुबा के निकट एक इलाके में गिरी. इसमें हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ.

आर्मीनियाई रक्षा बलों की प्रवक्ता सूशन स्टेपेनियन ने अजरबैजान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि नाखचिवन क्षेत्र में कोई मिसाइल नहीं दागी गई.

यह क्षेत्र अजरबैजान के क्षेत्र में आता है, लेकिन इस पर आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई जातीय समूहों का 1994 से नियंत्रण है. आर्मीनिया इसे आर्तसाख कहता है.

नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर अजरबैजान और आर्मीनियाई बलों के बीच 27 सितंबर को संघर्ष शुरू हुआ था, जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है.

रूस का आर्मीनिया के साथ सुरक्षा समझौता है लेकिन उसने अजरबैजान के साथ भी अच्छे रिश्ते विकसित किए हैं. शनिवार को दोनों संघर्षरत देशों की शीर्ष राजनयिकों की मास्को में करीब 10 घंटे तक चली बैठक के बाद संघर्ष विराम के लिये समझौता हुआ था. दोनों पक्षों द्वारा हालांकि एक-दूसरे पर संघर्षविराम का आरोप लगाए जाने के बाद यह समझौता ज्यादा समय तक नहीं टिक सका.

पढ़ें - नागोर्नो-करबाख में युद्ध विराम के लिए सहमत हुए रूस व तुर्की

रूसी अधिकारियों ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने शुक्रवार को अपनी सुरक्षा परिषद के साथ बैठक में अन्य मुद्दों के साथ नागोर्नो-काराबाख में जारी संघर्ष पर भी चर्चा की.

बाकू : अजरबैजान के अधिकारियों ने शुक्रवार को आर्मीनिया पर नागोर्नो-काराबाख को लेकर शुरू हुए संघर्ष का दायरा बढ़ाने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह अजरबैजान के विभिन्न क्षेत्रों में गोलाबारी कर रहा है. आर्मीनिया के अधिकारियों ने हालांकि इस दावे का खंडन किया है.

रूस की सुलह करवाने की कोशिशों के बावजूद दोनों तरफ से करीब तीन हफ्ते से जारी तीखी लड़ाई के बीच परस्पर आरोप-प्रत्यारोप सामने आए हैं. करीब 25 वर्षों के दौरान दोनों देशों के बीच इतने बड़े पैमाने पर छिड़ी यह पहली लड़ाई है.

अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आर्मीनियाई बलों द्वारा दागी गई एक मिसाइल बृहस्पतिवार को उसके नाखचिवन क्षेत्र के ओर्डुबा के निकट एक इलाके में गिरी. इसमें हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ.

आर्मीनियाई रक्षा बलों की प्रवक्ता सूशन स्टेपेनियन ने अजरबैजान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि नाखचिवन क्षेत्र में कोई मिसाइल नहीं दागी गई.

यह क्षेत्र अजरबैजान के क्षेत्र में आता है, लेकिन इस पर आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई जातीय समूहों का 1994 से नियंत्रण है. आर्मीनिया इसे आर्तसाख कहता है.

नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर अजरबैजान और आर्मीनियाई बलों के बीच 27 सितंबर को संघर्ष शुरू हुआ था, जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है.

रूस का आर्मीनिया के साथ सुरक्षा समझौता है लेकिन उसने अजरबैजान के साथ भी अच्छे रिश्ते विकसित किए हैं. शनिवार को दोनों संघर्षरत देशों की शीर्ष राजनयिकों की मास्को में करीब 10 घंटे तक चली बैठक के बाद संघर्ष विराम के लिये समझौता हुआ था. दोनों पक्षों द्वारा हालांकि एक-दूसरे पर संघर्षविराम का आरोप लगाए जाने के बाद यह समझौता ज्यादा समय तक नहीं टिक सका.

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रूसी अधिकारियों ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने शुक्रवार को अपनी सुरक्षा परिषद के साथ बैठक में अन्य मुद्दों के साथ नागोर्नो-काराबाख में जारी संघर्ष पर भी चर्चा की.

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