बीजिंग : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना की 'पूर्णकालिक युद्ध तत्परता' पर जोर देते हुए कहा कि वे तैयार रहें. उन्होंने सशस्त्र बलों से इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण बढ़ाने को कहा है.
केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के साथ साथ सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के प्रमुख शी (67) ने 2021 के लिए आयोग के पहले आदेश पर दस्तखत किए जिसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रशिक्षण में प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध किया गया है. सीएमसी 20 लाख सैन्यकर्मियों की सेना का हाईकमान है.
इस नए आदेश में सशस्त्र बलों को नए युग में चीनी विशिष्टताओं के साथ शी जिनपिंग की समाजवाद की सोच को अपने मार्गदर्शन सिद्धांत के तौर पर लेने तथा सेना एवं सैन्य रणनीतियों की मजबूती के संदर्भ में शी के विचारों पर चलने का निर्देश दिया गया है.
सरकारी अखबार चाईना डेली की खबर के अनुसार उसमें कहा गया है कि सीसीपी सेना के प्रशिक्षण पर अपना मार्गदर्शन बढ़ाएगी तथा सेना से अपनी लड़ाकू तैयारी सुधारने एवं अपने प्रशिक्षण तंत्र में सुधार जारी रखने पर ध्यान देने की भी अपील की गयी है.
पहला ऐसा आदेश जनवरी, 2018 में जारी किया गया था जब शी ने उत्तरी चीन के एक शूटिंग रेंज में एक विशाल प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया था.
2012 के अंत में केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष और प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से, शी ने लगातार युद्ध के लिए तैयार रहने पर जोर दिया है. 2015 में उन्होंने चीनी सेना के आधुनिकीकरण की भी पहल की थी, जिसकी 2020 में पूरा होने की योजना थी.
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इस साल अपने आदेश में उन्होंने कहा कि सेना अपने अधिकारियों एंव सैनिकों को असली युद्ध परिदृश्य में प्रशिक्षित करे, युद्ध एवं सैन्य अभियानों के बारे में शोध पर अधिक ध्यान दे, अभ्यास की मारकता बढाए, आपात स्थिति संबंधी अभ्यास अधिक करे, हाईअलर्ट रहे ताकि सैनिक किसी भी सैन्य कार्रवाई के लिए सदैव तैयार रहे.
उसमें कहा गया है कि संयुक्त अभियानों के लिए प्रशिक्षण एवं अभ्यास को प्राथमिकता दिया जाए तथा सेना समेकित संयुक्त लड़ाकू क्षमता निखारने के लिए अंतरसेवा प्रशिक्षण को तेज करना चाहिए.
यह साल 2021 चौथा लगातार वर्ष है जब शी ने केंद्रीय सैन्य कमीशन की ओर से साल के पहले निर्देश के तौर पर सेना के लिए प्रशिक्षण आदेश जारी किया है.
यह संशोधित राष्ट्रीय रक्षा कानून इस साल एक जनवरी से प्रभाव में आया है जिसमें घरेलू और विदेशों में राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सैन्य एवं असैन्य संसाधनों को लगाने के लिए शी की अगुवाई में सशस्त्र बलों की शक्ति का विस्तार किया गया है.