बीजिंग : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नेपाली राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के साथ एक दूसरे को बधाई संदेश भेजकर द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना की 65वीं वर्षगांठ मनाई. शी जिनपिंग ने कहा कि चीन और नेपाल की लंबी मैत्री है. उन्होंने कहा कि वह नेपाल के साथ संबंधों को लगातार आगे बढ़ाना चाहते हैं. नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में जारी अंदरूनी कलह के बीच जिनपिंग का यह बयान आया है. बता दें कि नेपाल और चीन के बीच एक अगस्त 1955 को राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे.
शी ने कहा कि वे चीन-नेपाल संबंधों के विकास को बड़ा महत्व देते हैं और राष्ट्रपति भंडारी के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि नेपाल के सहयोग का मकसद क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए सक्रिय योगदान देना है.
दरअसल, चीन समर्थक प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की सत्ता पर पकड़ को बीजिंग मजबूत करना चाहता है. गौरतलब है कि शी जिनपिंग सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) महासचिव भी हैं. हाल के वर्षों में नेपाल में चीन की राजनीतिक दखल बढ़ी है, जिसके लिए बीजिंग ने बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के तहत अरबों डॉलर का निवेश किया है.
इसके अलावा काठमांडू में चीन की राजदूत हाऊ यांकी ने ओली के लिए समर्थन जुटाने का खुलेआम प्रयास किया है, जिन्हें पार्टी के अंदर बगावत का सामना करना पड़ रहा है.हाल ही में हाऊ ने प्रचंड एवं अन्य नेताओं से मुलाकात कर ओली का समर्थन करने का आग्रह किया था, लेकिन प्रधानमंत्री के खिलाफ विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
नेपाल के साथ रिश्तों को लेकर शी जिनपिंग ने कहा कि राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का सम्मान किया है, एक-दूसरे को बराबर माना है, परस्पर राजनीतिक विश्वास को बढ़ाया है और परस्पर सहयोग को और मजबूत किया है.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने राष्ट्रपति के हवाले से बताया कि उन्होंने और भंडारी ने पिछले वर्ष एक-दूसरे देश का दौरा किया था और द्विपक्षीय संबंधों को विकास और समृद्धि की दोस्ती में तब्दील किया. शी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दोनों देश एकजुट रहे हैं और चीन तथा नेपाल के बीच दोस्ती का नया अध्याय लिखा.
इस संबंध में नेपाली राष्ट्रपति भंडारी ने कहा कि नेपाल-चीन मैत्री बहुत पुरानी है, जिसका गहरा आधार भी है. दोनों पक्षों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार किया गया है. महामारी के मुकाबले में नेपाल चीन द्वारा दी गयी सहायता का आभार प्रकट करता है. नेपाल चीन के साथ सहयोग कर दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों द्वारा प्राप्त सहमतियों का कार्यान्वयन करेगा और दोनों देशों व दोनों देशों की जनता को लाभ देगा.
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चीनी प्रधानमंत्री और नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी एक दूसरे को बधाई पत्र भेजे. इसके अलावा नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने भी अपने चीनी समकक्ष को पत्र भेजा. नेपाल के विदेश मंत्रालय से मिले पत्र के जवाब में वांग ने भी संचार और सहयोग को मजबूत करने के लिए ग्यावली के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई.
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'सदियों से सौहार्दपूर्ण दोस्ती पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री (ओली) ने कहा कि नेपाल ने 'एक चीन नीति' को हमेशा माना है और चीन ने हमेशा नेपाल की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राजनीतिक स्वतंत्रता का सम्मान किया है.'