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जानें, पाकिस्तान में कब-कब हुए बड़े हमले और क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी

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Published : Jun 29, 2020, 10:00 PM IST

पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है. यह समूह सन् 2000 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहा है. स्टॉक एक्सचेंज या व्यापार केंद्रों को आतंकी हमलों का निशाना बनाया जाता है. जानें क्यों...

terrorists target financial establishments
डिजाइन फोटो

हैदराबाद : पाकिस्तान के कराची शहर में आतंकियों ने स्टॉक एक्सचेंज की इमारत को निशाना बनाया. हमले में नौ लोगों की मौत हो गई और सुरक्षा बलों ने चारों आतंकियों को मार गिराया. यह हमला पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान के ठीक बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया था. इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है.

स्टॉक एक्सचेंज की इमारत पर चारों आतंकवादियों ने धावा बोलने के बाद गोलीबारी शुरू कर दी. आतंकवादियों ने इमारत के मुख्य द्वार पर ग्रेनेड हमला किया और अंधाधुंध गोलीबारी के बाद इमारत के अंदर प्रवेश किया. घटना के समय इमारत में दो से तीन हजार लोग मौजूद थे.

Terror attacks in Pakistan
पाकिस्तान में हुए हमले

व्यापार केंद्रों पर हमले

  • अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 11 सितंबर 2001 को सुबह 8:45 पर हमला हुआ था. अमेरिकी एयरलाइंस का बोइंग 767 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर से जा टकराया था. विमान में 20,000 गैलन जेट ईंधन भरा हुआ था. इस हमले के पीछे आंतकी ओसामा बिन लादेन के संगठन अल-कायदा का हाथ था.
  • 12 मार्च, 1993 को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में सिलसिलेवार 13 बम धमाके हुए थे. घटना में 260 लोगों की जान गई थी और करीब 700 लोग घायल हुए थे. इस हमले के पीछे दाऊद अब्राहिम का हाथ था.

व्यापार केंद्रों पर हमले क्यों होते हैं
आतंकी हमले अक्सर सुर्खियां बनाते हैं. पेरिस से लंदन तक और ब्रसेल्स से लेकर बार्सिलोना तक, पूरी स्वतंत्र दुनिया को झकझोर रहे हैं. ऐसे में लोगों के खासकर निवेशकों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि ऐसी घटनाओं का अर्थव्यवस्था और देशों की मुद्राओं पर क्या असर पड़ता है.

आतंकी हमलों के कई अप्रत्यक्ष प्रभाव होते हैं. यह जोखिम के दृष्टिकोण, लेनदेन की लागत, मांग, सार्वजनिक वित्त और वृद्धि में बदलाव को प्रभावित करता है. कालांतर में इसका प्रभाव प्रत्यक्ष प्रभाव से ज्यादा हो जाता है.

आतंकी हमले के बाद वित्तीय बाजारों और बाजार सहभागियों, जैसे निवेशकों और बाजार विश्लेषकों को बाजार की गतिविधि का आकलन फिर से करना पड़ता है और इसमें जोखिम बढ़ जाता है. विश्व व्यापार केंद्र पर हुए हमले को अंतर्राष्ट्रीय वित्त के 'प्रतीक' पर हमला माना जा सकता है.

क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी?
बलूच लिबरेशन आर्मी बलूचिस्तान में सबसे बड़ा और सबसे पुराना विद्रोही समूह है. यह बलूचिस्तान अलगाववादी आंदोलन की सशस्त्र शाखा है. कहा जाता है कि इसे मुख्यधारा के बलूच आंदोलन के राजनीतिक नेताओं की सहानुभूति प्राप्त है. हालांकि वह सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन नहीं करते हैं.

6,000 विद्रोहियों के साथ यह समूह सन् 2000 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहा है. इसने पाकिस्तान में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन इसे आतंकी संगठन मानते हैं. यह मुख्य रूप से बलूचिस्तान प्रांत और अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में संक्रीय हैं.

पढ़ें-पाक स्टॉक एक्सचेंज हमला : 10 की मौत, बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली जिम्मेदारी

खबरों में बीएलए

⦁ फरवरी 2020 में विद्रोही समूहों द्वारा तीन आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लगभग 30 लोगों की मौत हो गई थी.

⦁ बीएलए जनवरी 2009 में युद्धविराम से हट गया था. उसका आरोप था कि पाकिस्तान सरकार ने बातचीत शुरू करने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया था.

⦁ सितंबर 2008 में बीएलए, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बलूच रिपब्लिकन आर्मी और पाकिस्तान सरकार ने युद्ध विराम की घोषणा की थी.

⦁ 2006 और 2007 के बीच पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कई बीएलए नेताओं को मार डाला था.

⦁ 2005 में बीएलए ने कोहलू क्षेत्र में एक संघीय अर्धसैनिक शिविर पर हमला किया. उसी समय तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ वहां के दौरे पर थे.

⦁ 2004 में बीएलए ने बलूचिस्तान में चीनी श्रमिकों पर हमला किया था. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने प्रांत में 20,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात कर दिया था.

भारत के साथ संबंध

⦁ पाकिस्तानी सरकार ने यह आरोप लगया है कि बीएलए भारत सरकार द्वारा समर्थित है.

हैदराबाद : पाकिस्तान के कराची शहर में आतंकियों ने स्टॉक एक्सचेंज की इमारत को निशाना बनाया. हमले में नौ लोगों की मौत हो गई और सुरक्षा बलों ने चारों आतंकियों को मार गिराया. यह हमला पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान के ठीक बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया था. इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है.

स्टॉक एक्सचेंज की इमारत पर चारों आतंकवादियों ने धावा बोलने के बाद गोलीबारी शुरू कर दी. आतंकवादियों ने इमारत के मुख्य द्वार पर ग्रेनेड हमला किया और अंधाधुंध गोलीबारी के बाद इमारत के अंदर प्रवेश किया. घटना के समय इमारत में दो से तीन हजार लोग मौजूद थे.

Terror attacks in Pakistan
पाकिस्तान में हुए हमले

व्यापार केंद्रों पर हमले

  • अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 11 सितंबर 2001 को सुबह 8:45 पर हमला हुआ था. अमेरिकी एयरलाइंस का बोइंग 767 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर से जा टकराया था. विमान में 20,000 गैलन जेट ईंधन भरा हुआ था. इस हमले के पीछे आंतकी ओसामा बिन लादेन के संगठन अल-कायदा का हाथ था.
  • 12 मार्च, 1993 को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में सिलसिलेवार 13 बम धमाके हुए थे. घटना में 260 लोगों की जान गई थी और करीब 700 लोग घायल हुए थे. इस हमले के पीछे दाऊद अब्राहिम का हाथ था.

व्यापार केंद्रों पर हमले क्यों होते हैं
आतंकी हमले अक्सर सुर्खियां बनाते हैं. पेरिस से लंदन तक और ब्रसेल्स से लेकर बार्सिलोना तक, पूरी स्वतंत्र दुनिया को झकझोर रहे हैं. ऐसे में लोगों के खासकर निवेशकों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि ऐसी घटनाओं का अर्थव्यवस्था और देशों की मुद्राओं पर क्या असर पड़ता है.

आतंकी हमलों के कई अप्रत्यक्ष प्रभाव होते हैं. यह जोखिम के दृष्टिकोण, लेनदेन की लागत, मांग, सार्वजनिक वित्त और वृद्धि में बदलाव को प्रभावित करता है. कालांतर में इसका प्रभाव प्रत्यक्ष प्रभाव से ज्यादा हो जाता है.

आतंकी हमले के बाद वित्तीय बाजारों और बाजार सहभागियों, जैसे निवेशकों और बाजार विश्लेषकों को बाजार की गतिविधि का आकलन फिर से करना पड़ता है और इसमें जोखिम बढ़ जाता है. विश्व व्यापार केंद्र पर हुए हमले को अंतर्राष्ट्रीय वित्त के 'प्रतीक' पर हमला माना जा सकता है.

क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी?
बलूच लिबरेशन आर्मी बलूचिस्तान में सबसे बड़ा और सबसे पुराना विद्रोही समूह है. यह बलूचिस्तान अलगाववादी आंदोलन की सशस्त्र शाखा है. कहा जाता है कि इसे मुख्यधारा के बलूच आंदोलन के राजनीतिक नेताओं की सहानुभूति प्राप्त है. हालांकि वह सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन नहीं करते हैं.

6,000 विद्रोहियों के साथ यह समूह सन् 2000 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहा है. इसने पाकिस्तान में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन इसे आतंकी संगठन मानते हैं. यह मुख्य रूप से बलूचिस्तान प्रांत और अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में संक्रीय हैं.

पढ़ें-पाक स्टॉक एक्सचेंज हमला : 10 की मौत, बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली जिम्मेदारी

खबरों में बीएलए

⦁ फरवरी 2020 में विद्रोही समूहों द्वारा तीन आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लगभग 30 लोगों की मौत हो गई थी.

⦁ बीएलए जनवरी 2009 में युद्धविराम से हट गया था. उसका आरोप था कि पाकिस्तान सरकार ने बातचीत शुरू करने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया था.

⦁ सितंबर 2008 में बीएलए, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बलूच रिपब्लिकन आर्मी और पाकिस्तान सरकार ने युद्ध विराम की घोषणा की थी.

⦁ 2006 और 2007 के बीच पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कई बीएलए नेताओं को मार डाला था.

⦁ 2005 में बीएलए ने कोहलू क्षेत्र में एक संघीय अर्धसैनिक शिविर पर हमला किया. उसी समय तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ वहां के दौरे पर थे.

⦁ 2004 में बीएलए ने बलूचिस्तान में चीनी श्रमिकों पर हमला किया था. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने प्रांत में 20,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात कर दिया था.

भारत के साथ संबंध

⦁ पाकिस्तानी सरकार ने यह आरोप लगया है कि बीएलए भारत सरकार द्वारा समर्थित है.

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