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कजाकिस्तान : पर्यावरण संरक्षण को लेकर पिंक लेक में आने-जाने पर लगा प्रतिबंध

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Published : Aug 14, 2020, 9:49 AM IST

कजाकिस्तान की कोबेयटूज झील गुलाबी पानी वाली दुनिया की कुछ झीलों में से एक है, जिसे संरक्षित करने की दृष्टि से लोगों के यहां आने-जाने पर रोक लगा दी गई है.

pink lake
पिंक लेक

नूर सुल्तान (कजाकिस्तान) : पर्यावरण की रक्षा के लिए कोबेयटूज झील, जो गुलाबी झील (पिंक लेक) के नाम से लोकप्रिय है, पर पर्यटकों और अन्य लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

दुनालिएला सलीना नामक शैवाल की उपस्थिति से झील का पानी गुलाबी रंग का है.

पिंक लेक

एरीमेंटौ जिले के अकमोला क्षेत्र के उप प्रमुख बटाल इब्रायव बताते हैं, 'यह झील दो साल पहले गुलाबी होना शुरू हुई थी. विशेषज्ञ कहते हैं कि सूक्ष्मजीव और शैवाल ने की उपस्थिति से झील गुलाबी रंग की हो गई है, जिसके बाद से कोबेयटूज़ झील कजाकिस्तान में प्रसिद्ध हो गई है.'

यह कजाकिस्तान की राजधानी नूर सुल्तान के पूर्व में स्थित एक स्थानीय आकर्षण का केंद्र बन गई है. इस साल जून और जुलाई में सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों से इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई है. सोशल मीडिया पर अफवाह है कि झील के नमक से कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिल सकती है.

पिछले कुछ सालों में झील को काफी नुकसान हुआ है. साथ ही यह नुकसान तब बढ़ गया जून और जुलाई के महीने में सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को बाद लोगों ने भारी संख्या में यहां आना शुरु कर दिया. लोगों ने यहां खुदाई शुरु कर दी. नमक और रेत ले जाने लगे.

अधिकारियों ने बताया कि लोगों का मानना ​​है कि इस झील की रेत और नमक से कोरोना वायरस से लड़ा जा सकता है, जिसके बाद से कुछ लोग तो यहां से भारी मात्रा में नमक ले जा कर ऑनलाइन बेच रहे हैं. हालांकि कोरोना वायरस से लड़ने झील के नमक की कोई जांच नहीं हुई है और न ही विशेषज्ञ इसे मानते हैं.

पढ़ें :- लेबनान की सेना को संसद से मिलीं व्यापक शक्तियां

मेडिकल सेंटर 'मेडिकेयर' के डॉक्टर टोल्किन बटाइवा का कहना है कि झील का पानी साफ नहीं और इसे पीने से या इसके नमक से नुकसान पहुंच सकता है. लोगों को सुरक्षित रखने और झील के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण की दृष्टि से यहां पर्यटकों और अन्य लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

नूर सुल्तान (कजाकिस्तान) : पर्यावरण की रक्षा के लिए कोबेयटूज झील, जो गुलाबी झील (पिंक लेक) के नाम से लोकप्रिय है, पर पर्यटकों और अन्य लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

दुनालिएला सलीना नामक शैवाल की उपस्थिति से झील का पानी गुलाबी रंग का है.

पिंक लेक

एरीमेंटौ जिले के अकमोला क्षेत्र के उप प्रमुख बटाल इब्रायव बताते हैं, 'यह झील दो साल पहले गुलाबी होना शुरू हुई थी. विशेषज्ञ कहते हैं कि सूक्ष्मजीव और शैवाल ने की उपस्थिति से झील गुलाबी रंग की हो गई है, जिसके बाद से कोबेयटूज़ झील कजाकिस्तान में प्रसिद्ध हो गई है.'

यह कजाकिस्तान की राजधानी नूर सुल्तान के पूर्व में स्थित एक स्थानीय आकर्षण का केंद्र बन गई है. इस साल जून और जुलाई में सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों से इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई है. सोशल मीडिया पर अफवाह है कि झील के नमक से कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिल सकती है.

पिछले कुछ सालों में झील को काफी नुकसान हुआ है. साथ ही यह नुकसान तब बढ़ गया जून और जुलाई के महीने में सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को बाद लोगों ने भारी संख्या में यहां आना शुरु कर दिया. लोगों ने यहां खुदाई शुरु कर दी. नमक और रेत ले जाने लगे.

अधिकारियों ने बताया कि लोगों का मानना ​​है कि इस झील की रेत और नमक से कोरोना वायरस से लड़ा जा सकता है, जिसके बाद से कुछ लोग तो यहां से भारी मात्रा में नमक ले जा कर ऑनलाइन बेच रहे हैं. हालांकि कोरोना वायरस से लड़ने झील के नमक की कोई जांच नहीं हुई है और न ही विशेषज्ञ इसे मानते हैं.

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मेडिकल सेंटर 'मेडिकेयर' के डॉक्टर टोल्किन बटाइवा का कहना है कि झील का पानी साफ नहीं और इसे पीने से या इसके नमक से नुकसान पहुंच सकता है. लोगों को सुरक्षित रखने और झील के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण की दृष्टि से यहां पर्यटकों और अन्य लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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