काबुल : तालिबान से शांति समझौते के बाद अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान में पांच सैन्य ठिकानों को छोड़ दिया है. इस बात की जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग के विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद ने दी.
खलीलजाद ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर किए हुए 135 दिन हो चुके हैं और अब इसका क्रियान्वयन होने लगा है. उन्होंने ट्विटर पर कहा, 'अमेरिका ने समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं के पहले चरण को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है, जिसमें बलों को कम करना और पांच ठिकानों को छोड़ना भी शामिल है. उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सैनिकों की संख्या भी कम कर दी गई है.'
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सैनिकों ने हेलमंद, उरुजगान, पक्तिका और लगहमन प्रांतों में स्थित सैन्य ठिकाने छोड़ दिए हैं.
खलीलजाद ने समंगन प्रांत में राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के पास हुए तालिबानी हमले की भी निंदा की, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए थे.
अमेरिका के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सैनिकों द्वारा उखाड़ फेंके जाने के पहले अफगानिस्तान में 1996-2001 तक तालिबान सत्ता में थे. तब से तालिबानी विदेशी सैनिकों को बाहर निकालने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे. इसमें अफगान सरकार के खिलाफ विद्रोह और देश की जनता को डराना और परेशान करना शामिल था.
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तालिबान ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर करते समय हिंसा को कम करने की बात कही थी. साथ ही कैदियों की रिहाई और अंतर-अफगान वार्ता की शुरूआत से इस बात की उम्मीद थी कि अफगानिस्तान और तालिबानियों के बीच चल रहा दो दशक लंबा टकराव खत्म हो जाएगा.