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अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अफगानिस्तान यात्रा पर काबुल पहुंचे

अमेरिकी रक्षा मंत्री भारत के बाद अफगानिस्तान पहुंचे. रक्षा प्रमुख के तौर पर यह उनकी पहली अफगान यात्रा है. गौर हो कि ऑस्टिन का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अफगानिस्तान से जल्द से जल्द अमेरिकी सैनिकों को निकालने पर वार्ता चल रही है.

us defense secretary lloyd austin
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Published : Mar 22, 2021, 7:05 AM IST

Updated : Mar 22, 2021, 7:43 AM IST

काबुल : अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पेंटागन प्रमुख के तौर अपनी पहली अफगानिस्तान यात्रा पर रविवार को काबुल पहुंचे. उनकी यह यात्रा इन सवालों के बीच हो रही है कि अमेरिकी सैनिक कब तक अफगानिस्तान में बने रहेंगे.

सरकारी 'रेडियो एंड टेलीविजन अफगानिस्तान' एवं लोकप्रिय 'टोलो टेलीविजन' ने ऑस्टिन के भारत से काबुल पहुंचने की खबर दी. उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत वरिष्ठ अफगान अधिकारियों से मुलाकात की.

'वाशिंगटन पोस्ट' के अनुसार ऑस्टिन ने कहा कि वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ''इस संघर्ष का जिम्मेदार विराम' और ''कुछ अलग बदलाव' होते हुए देखना चाहते हैं.

ऑस्टिन ने कहा, ''चीजों को लेकर हमेशा ही किसी न किसी रूप में चिंता रही है लेकिन मैं समझता हूं कि युद्ध पर जिम्मेदार विराम और वार्ता के माध्यम से उसके समापन के लिए जो कुछ जरूरी था, उस दिशा में काफी ऊर्जा लगायी जा रही है.''

'वाशिंगटन पोस्ट' ऑस्टिन के साथ आये मीडिया के छोटे से समूह में शामिल है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले सप्ताह 'एबीसी न्यूज' को दिए साक्षात्कार में कहा था कि अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी की एक मई की समयसीमा को पूरा करना अमेरिका के लिए 'कठिन' होगा. लेकिन उन्होंने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन एवं तालिबान के बीच सहमति से बनी यह समय सीमा यदि बढ़ायी जाती है तो यह 'अधिक लंबी' नहीं होगी.

उधर, तालिबान ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि यदि अमेरिका समयसीमा पर खरा नहीं उतरता है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे.

पढ़ें-हिंद-प्रशांत में अमेरिका सक्रिय, चीन से तनाव के बीच ऑस्टिन का भारत दौरा अहम : विशेषज्ञ

ऑस्टिन ने गनी से भेंट की और राष्ट्रपति महल की ओर से जारी एक बयान के अनुसार दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में हिंसा की निंदा की. हांलांकि बयान में एक मई की समयसीमा का जिक्र नहीं है. अमेरिका ट्रंप प्रशासन के दौरान पिछले साल तालिबान के साथ हुए करार की समीक्षा कर रहा है.

गनी को इसी माह के प्रारंभ में लिखे पत्र में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अफगानिस्तान में शांति कायम करना बहुत जरूरी है एवं सभी विकल्प खुले हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि अमेरिका और नाटो सैन्यबल हट जाते हैं तो तालिबान तुरंत क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल कर लेगा.

काबुल : अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पेंटागन प्रमुख के तौर अपनी पहली अफगानिस्तान यात्रा पर रविवार को काबुल पहुंचे. उनकी यह यात्रा इन सवालों के बीच हो रही है कि अमेरिकी सैनिक कब तक अफगानिस्तान में बने रहेंगे.

सरकारी 'रेडियो एंड टेलीविजन अफगानिस्तान' एवं लोकप्रिय 'टोलो टेलीविजन' ने ऑस्टिन के भारत से काबुल पहुंचने की खबर दी. उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत वरिष्ठ अफगान अधिकारियों से मुलाकात की.

'वाशिंगटन पोस्ट' के अनुसार ऑस्टिन ने कहा कि वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ''इस संघर्ष का जिम्मेदार विराम' और ''कुछ अलग बदलाव' होते हुए देखना चाहते हैं.

ऑस्टिन ने कहा, ''चीजों को लेकर हमेशा ही किसी न किसी रूप में चिंता रही है लेकिन मैं समझता हूं कि युद्ध पर जिम्मेदार विराम और वार्ता के माध्यम से उसके समापन के लिए जो कुछ जरूरी था, उस दिशा में काफी ऊर्जा लगायी जा रही है.''

'वाशिंगटन पोस्ट' ऑस्टिन के साथ आये मीडिया के छोटे से समूह में शामिल है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले सप्ताह 'एबीसी न्यूज' को दिए साक्षात्कार में कहा था कि अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी की एक मई की समयसीमा को पूरा करना अमेरिका के लिए 'कठिन' होगा. लेकिन उन्होंने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन एवं तालिबान के बीच सहमति से बनी यह समय सीमा यदि बढ़ायी जाती है तो यह 'अधिक लंबी' नहीं होगी.

उधर, तालिबान ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि यदि अमेरिका समयसीमा पर खरा नहीं उतरता है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे.

पढ़ें-हिंद-प्रशांत में अमेरिका सक्रिय, चीन से तनाव के बीच ऑस्टिन का भारत दौरा अहम : विशेषज्ञ

ऑस्टिन ने गनी से भेंट की और राष्ट्रपति महल की ओर से जारी एक बयान के अनुसार दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में हिंसा की निंदा की. हांलांकि बयान में एक मई की समयसीमा का जिक्र नहीं है. अमेरिका ट्रंप प्रशासन के दौरान पिछले साल तालिबान के साथ हुए करार की समीक्षा कर रहा है.

गनी को इसी माह के प्रारंभ में लिखे पत्र में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अफगानिस्तान में शांति कायम करना बहुत जरूरी है एवं सभी विकल्प खुले हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि अमेरिका और नाटो सैन्यबल हट जाते हैं तो तालिबान तुरंत क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल कर लेगा.

Last Updated : Mar 22, 2021, 7:43 AM IST
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