न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटारेस ने काबुल में एक गुरुद्वारे पर हमले की निंदा करते हुए दोहराया कि नागरिकों के खिलाफ हमले अस्वीकार्य हैं और ऐसे हमले करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान की राजधानी के एक प्रमुख गुरुद्वारे में बुधवार को सशस्त्र आत्मघाती हमलावरों के हमले में कम से कम 27 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और आठ अन्य लोग घायल हो गए थे. सुरक्षा बलों ने हमले में शामिल चारों आतंकवादियों को भी ढेर कर दिया था.
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर यह अब तक के सबसे घातक हमलों में एक है. अफगानिस्तान में पहले भी सिखों को निशाना बनाते रहे इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकवादी समूह ने इसकी जिम्मेदारी ली है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने एक बयान में कहा, 'महासचिव काबुल में सिख-हिन्दू मंदिर में हमले की निंदा करते हैं, जिसमें कई नागरिक मारे गए और घायल हो गए. वह पीड़ितों के परिवार के प्रति गहन सहानुभूति व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.'
इस बीच, अमेरिका ने भी इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि युद्धरत देश के लोग आईएस और अन्य आतंकवादी गतिविधियों से मुक्त भविष्य के हकदार हैं. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अमेरिका काबुल में एक सिख गुरुद्वारे और सामुदायिक केंद्र पर आईएस के भयानक हमले की निंदा करता है, जिनमें दो दर्जन से अधिक निर्दोष लोग मारे गए.'
उन्होंने कहा, 'देश की राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद अफगान शांति प्रक्रिया वहां के लोगों के लिए अब भी बड़ा अवसर है कि वे एक साथ आकर राजनीतिक समझौता करें और आईएस के खिलाफ एकजुट हों.'
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दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका की कार्यवाहक विदेश मंत्री एलिस जी वेल्स ने ट्वीट किया, 'अमेरिका काबुल में सिख मंदिर और एक सामुदायिक केंद्र पर आईएस के हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है.'
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लिखे एक खुले पत्र में भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने 'छोटे परमाणु हथियारों' का इस्तेमाल करके आईएस के खात्मे की अपील की. बत्रा और उनका परिवार कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है और वे पृथक रह रहे हैं.