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एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 35 करोड़ से अधिक लोग हो सकते हैं भुखमरी के शिकार : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने आगाह किया है कि कोविड-19 के कारण लोगों की नौकरियां जाने और खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 35 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में महामारी के समय लॉकडाउन के कारण आपूर्ति श्रृंखला टूटने और परिवहन संबंधी दिक्कतों की वजह से जरूरतमंद लोगों तक अनाज पहुंचाने में समस्या आई.

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Published : Jan 20, 2021, 7:06 PM IST

न्यूयार्क : संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने आगाह किया है कि कोविड-19 के कारण लोगों की नौकरियां जाने और खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 35 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों ने बुधवार को रिपोर्ट जारी कर बताया कि महामारी से करीब 1.9 अरब लोगों के लिए पौष्टिक भोजन जुटा पाना मुश्किल हो रहा है.

नवीनतम अनुमानों के मुताबिक दुनिया में 68.8 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं और इनमें से आधे से ज्यादा लोग एशिया में हैं. सबसे ज्यादा लोग अफगानिस्तान में हैं. जहां प्रत्येक 10 में से चार लोग कुपोषित हैं. यह रिपोर्ट महामारी के दस्तक देने के पहले 2019 के आंकड़ों पर आधारित है, लेकिन अनुमान है कि महामारी और लॉकडाउन के असर के कारण 2020 में 14 करोड़ अन्य लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए. पिछले साल के अंत तक करीब 26.5 करोड़ लोग भोजन की कमी के गंभीर संकट का सामना कर रहे थे.

कई देशों में गहराया खाद्य संकट

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईस्ट तिमोर, पापुआ न्यू गिनी समेत कई स्थानों पर समस्या और गहरा गई है. महामारी के कारण संकट और नौकरियां जाने से कई स्थानों पर परिवारों को पर्याप्त खाना नहीं मिल पा रहा है. अमेरिका में भी विभिन्न संगठनों द्वारा भोजन पैकेट बांटे जाने के दौरान लोगों की लंबी कतारों से इसका अंदाजा मिल जाता है.

दिहाड़ी व प्रवासी मजदूर ज्यादा प्रभावित

रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में महामारी के समय लॉकडाउन के कारण आपूर्ति श्रृंखला टूटने और परिवहन संबंधी दिक्कतों की वजह से जरूरतमंद लोगों तक अनाज पहुंचाने में समस्या आई. दिहाड़ी और प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसमें कहा गया है कि एशिया में फल, सब्जियों और डेयरी उत्पादों की कीमतें बढ़ने से कम आय वाले परिवारों के लिए जरूरत की खाद्य वस्तुएं खरीदने में दिक्कतें आईं.

यह भी पढ़ें-80% भारतीय कोविड वैक्सीन लेने के इच्छुक, पर बढ़ रहा अविश्वास : सर्वेक्षण

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में पिछले छह साल में खाद्य वस्तुओं की कीमतें सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गईं.

न्यूयार्क : संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने आगाह किया है कि कोविड-19 के कारण लोगों की नौकरियां जाने और खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 35 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों ने बुधवार को रिपोर्ट जारी कर बताया कि महामारी से करीब 1.9 अरब लोगों के लिए पौष्टिक भोजन जुटा पाना मुश्किल हो रहा है.

नवीनतम अनुमानों के मुताबिक दुनिया में 68.8 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं और इनमें से आधे से ज्यादा लोग एशिया में हैं. सबसे ज्यादा लोग अफगानिस्तान में हैं. जहां प्रत्येक 10 में से चार लोग कुपोषित हैं. यह रिपोर्ट महामारी के दस्तक देने के पहले 2019 के आंकड़ों पर आधारित है, लेकिन अनुमान है कि महामारी और लॉकडाउन के असर के कारण 2020 में 14 करोड़ अन्य लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए. पिछले साल के अंत तक करीब 26.5 करोड़ लोग भोजन की कमी के गंभीर संकट का सामना कर रहे थे.

कई देशों में गहराया खाद्य संकट

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईस्ट तिमोर, पापुआ न्यू गिनी समेत कई स्थानों पर समस्या और गहरा गई है. महामारी के कारण संकट और नौकरियां जाने से कई स्थानों पर परिवारों को पर्याप्त खाना नहीं मिल पा रहा है. अमेरिका में भी विभिन्न संगठनों द्वारा भोजन पैकेट बांटे जाने के दौरान लोगों की लंबी कतारों से इसका अंदाजा मिल जाता है.

दिहाड़ी व प्रवासी मजदूर ज्यादा प्रभावित

रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में महामारी के समय लॉकडाउन के कारण आपूर्ति श्रृंखला टूटने और परिवहन संबंधी दिक्कतों की वजह से जरूरतमंद लोगों तक अनाज पहुंचाने में समस्या आई. दिहाड़ी और प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसमें कहा गया है कि एशिया में फल, सब्जियों और डेयरी उत्पादों की कीमतें बढ़ने से कम आय वाले परिवारों के लिए जरूरत की खाद्य वस्तुएं खरीदने में दिक्कतें आईं.

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संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में पिछले छह साल में खाद्य वस्तुओं की कीमतें सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गईं.

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