न्यूयार्क/नई दिल्ली: अपने आप को 'बहुत अच्छा पंच' बताते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, लेकिन दोनों पक्षों को इस पर सहमत होना होगा.
बता दें, हमेशा से भारत का रुख कश्मीर मुद्दे पर द्विपक्षीय रहा है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका से मनाही करता रहा है.
हालांकि ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बैठक के दौरान ये टिप्पणियां की.
कश्मीर में संकट बहुत बड़ा
वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है, 'दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश की यह जिम्मेदारी है.' साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि 'कश्मीर में संकट बहुत बड़ा होने जा रहा है.'
इस पर ट्रम्प ने कश्मीर मुद्दे को लंबे समय से चल रहा 'जटिल' मामला बताते हुए कहा, 'अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मैं जरूर मदद करूंगा.'
उल्लेखनीय है ह्यूस्टन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था और आतंकवाद पर लड़ाई पर करीबी मित्रता तथा साझा दूरदृष्टि दर्शायी थी.
अच्छा मध्यस्थ साबित होउंगा
उन्होंने ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ रैली में भाग लेने के एक दिन बाद कहा, 'अगर दोनों (पाकिस्तान और भारत) चाहते हैं तो मैं यह करने के लिए तैयार हूं.'
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'किसी भी समय मैं एक बहुत अच्छा मध्यस्थ साबित होउंगा.'
ट्रम्प ने खान की मौजूदगी में ‘हाउडी, मोदी’ महारैली की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का 'काफी आक्रामक बयान' सुना.
उन्होंने ह्यूस्टन में एनआरजी स्टेडियम में 50,000 लोगों के जनसमूह का जिक्र करते हुए कहा, 'इसे वहां काफी अच्छा समर्थन मिला'.
पाकिस्तानी पत्रकारों को झिड़का
इस दौरान खान के साथ मीडिया से बातचीत में ट्रम्प ने बार-बार पाकिस्तानी पत्रकारों को झिड़का और एक बार तो एक पत्रकार से यह तक कह दिया कि क्या वह पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है.
रविवार को रैली में मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ 'निर्णायक लड़ाई' का आह्वान करते हुए आतंकवाद का समर्थन करने पर पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले से उन लोगों को दिक्कत हुई जो अपने देश को नहीं संभाल सकते.
ध्यान रहे, ट्रंप और खान ने जुलाई में व्हाइट हाउस में बैठक की थी. दोनों के बीच उस भेंटवार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे के हल के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की इच्छा प्रकट की थी. भारत ने उसे खारिज कर दिया था.
गौरतलब है कि पिछले महीने फ्रांस में जी 7 सम्मेलन के मौके पर मोदी की ट्रंप के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की गुजाइंश से स्पष्ट रूप से इनकार किया था.