पनमुनजोमः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारी सुरक्षा के बीच उत्तर-कोरियाई नेता किम जोंग-उन से मुलाकात की.
किंग के साथ ट्रंप की यह मुलाकात भारी सुरक्षा के बीच असैन्यीकृत क्षेत्र में हुई.
राष्ट्रपति ट्रंप उत्तर कोरिया के साथ परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करने में सहमत हुए.
आपको बता दें, इससे पहले वियतनाम में दोनों देशों के बीच शिखर वार्ता ना हो पाने के बाद पहली बार दोनों देशों के नेताओं ने आमने सामने बातचीत की.
बैठक के बाद ट्रंप ने घोषणा की कि दोनों देश आगामी हफ्ते में बातचीत करने पर सहमत हुए हैं.
लेकिन इस वार्ता के भविष्य और उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियारों का जखीरा खत्म करने को लेकर संदेह अब भी बरकरार है.
इस ऐतिहासिक क्षण के दौर में ट्रंप उत्तर और दक्षिण कोरिया को अलग करने वाली कंक्रीट की सीमा पर पहुंचे, जहां किम उनका स्वागत करने आए और फिर दोनों ने हाथ मिलाया.
ट्रंप के स्वागत के बाद दोनों ने साथ में उत्तर कोरिया की ओर रुख किया.
ट्रंप के उत्तर कोरियाई जमीन पर कदम रखते ही किम ने तालियां बजाई और फिर एक बार दोनों ने हाथ मिलाया साथ ही तस्वीरें भी खींचवाई.
इसके बाद दोनों फिर दक्षिण कोरिया की ओर बढ़े, जहां उन्होंने फ्रीडम हाउस में बैठक की.
ट्रंप ने किम से कहा 'मैं सरहद के पार (उत्तर कोरिया में) कदम रख सम्मानित हूं. विश्व के लिए यह एक महान क्षण है और यहां आना मेरे लिए सम्मान की बात है.'
किम ने इस पल की सराहना करते हुए कहा, मेरा मानना है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण अतीत को खत्म करने और एक नया भविष्य को बनाने की उनकी इच्छा की अभिव्यक्ति है.
किम ने कहा कि वे शनिवार को ट्रंप की ओर से मिले आमंत्रण से हैरान थे.
बता दें, ट्रंप ने कल ही अचानक इस दौरे की जानकारी ट्विटर पर दी थी.
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ट्रंप ने पहले दो मिनट के लिए मुलाकात करने की बात कही थी लेकिन यह बैठक 50 मिनट तक चली.
ट्रंप ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा, कि उत्तर कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंध जारी रहेंगे, लेकिन उत्तर कोरिया को रियायत ना देने के प्रशासन के पिछले फैसले को बदले जाने की उम्मीद दिखी. उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान ऐसा हो सकता है.
इस दौरान ट्रंप ने पत्रकारों से उत्तर कोरिया के नेता को व्हाइट हाउस आमंत्रित करने की बात भी कही.
उन्होंने कहा मैं उन्हें जल्द ही आमंत्रित करूंगा.
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के दल 'अगले दो या तीन सप्ताह में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत शुरू करेंगे.'
इससे पहले आब्जर्वेशन पोस्ट ओहलेट (सैन्य चौकी) पर ट्रम्प ने हनोई में फरवरी में बेनतीजा रही शिखर वार्ता की ओर इशारा करते हुए कहा था, बस हाथ मिलाकर एक दूसरे का अभिवादन करेंगे क्योंकि हम वियतनाम के बाद से मिले नहीं हैं.'
ट्रंप ने कहा कि स्थिति पहले काफी खतरनाक थी लेकिन हमारी पहली शिखर वार्ता के बाद सारा खतरा टल गया है.