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कोरोना महामारी : चीन में मरने वाले लोगों की दी गई श्रद्धांजलि, सड़कों पर रो पड़े लोग

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Published : Apr 4, 2020, 7:14 PM IST

चीन में कोरोना वायरस महामारी से मरने वाले लोगों और चिकित्साकर्मियों की याद में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में देश में तीन मिनट का मौन रखा गया. इस महामारी से देश में 3,300 से अधिक लोगों की मौत होने पर शनिवार को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया. जानें विस्तार से...

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चीन में शोक सभा

बीजिंग/वुहान : चीन शनिवार को उस वक्त कुछ देर के लिए ठहर सा गया, जब कोरोना वायरस महामारी से मरने वाले लोगों और चिकित्साकर्मियों की याद में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में देश में तीन मिनट का मौन रखा गया.

दरअसल, चीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाने वाले 'व्हिसलब्लोअर' डॉक्टर ली वेनलियांग समेत अन्य शहीदों तथा इस महामारी से देश में 3,300 से अधिक लोगों की मौत होने पर शनिवार को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया.

शायद यह पहला मौका है, जब एक बड़ी जन स्वास्थ्य आपात स्थिति को लेकर चीन में राष्ट्रव्यापी शोक मनाया गया.

इससे पहले भी चीन में तीन बार राष्ट्रीय शोक मनाया जा चुका है. 2008 में वेंचुआन भूकंप, 2010 के युशु भूकंप और 2010 के गंसू भूस्खलन के दौरान ऐसा देखने को मिला था, लेकिन 'कोविड-19' चीन के आधुनिक इतिहास में सबसे बड़ी स्वास्थ्य त्रासदी है.

राष्ट्रपति शी और चीन के अन्य नेताओं ने कोरोना वायरस शहीदों और मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय शोक दिवस में भाग लिया.

उन्होंने अपने सीने पर सफेद फूल लगाए हुए थे और राष्ट्रीय ध्वज के सामने कोविड-19 के मृतकों को श्रद्धांजलि दी.

दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में सायरन और कार के हॉर्न बजने पर सड़कों पर लोग और यातायात थम गया. बीजिंग में लोगों को सड़कों पर रोते हुए देखा गया.

इस दौरान देशभर तथा विदेशों में सभी चीनी दूतावासों तथा वाणिज्य दूतावासों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा और देशभर में सार्वजनिक मनोविनोद की गतिविधियां स्थगित कर दी गईं.

कोरोना वायरस का केंद्र बने हुबेई प्रांत में शुक्रवार को चार लोगों की मौत हो गई और एक नया मामला सामने आया.

हुबेई प्रांत के वुहान में ही पिछले साल के अंत में कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था.

इस बीच, सरकारी समाचार एजेंसी ने शनिवार को यह खुलासा किया कि चीन में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ते हुए 95 पुलिस अधिकारियों और 46 स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान गंवा दी.

इसे भी पढ़ें- चीनी विशेषज्ञों ने भारत समेत सात देशों को बताए महामारी रोकने के उपाय

इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते हुए चीन में अग्रिम मोर्चे पर हताहत होने वालों की संख्या पहली बार सामने आई है.

हुबेई प्रांत में कोविड-19 के ऐसे 38 मरीजों की पुष्टि हुई, जिनमें लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं. इसके साथ ही लक्षणरहित मामलों की संख्या 729 तक पहुंच गई है, जो इस बात का संकेत है कि इस जानलेवा संक्रामक रोग के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.

हुबेई में अभी तक 67,803 मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से 50,008 मामले वुहान में दर्ज किए गए.

चीन में कोविड-19 के अभी तक कुल 81,639 मामले सामने आए हैं और 3,326 लोगों की मौत हो चुकी है.

चीन के मध्य हुबेई प्रांत में 'व्हिसलब्लोअर' डॉक्टर ली वेनलियांग समेत 14 कार्यकर्ताओं को कोविड-19 से लड़ाई में अपना बलिदान देने के लिए शहीद का दर्जा दिया गया है.

शहीदों के पहले समूह में 12 डॉक्टर, एक पुलिस अधिकारी और सामुदायिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जिन्होंने अग्रणी मोर्चे पर इस संक्रामक रोग के खिलाफ लड़ाई लड़ी.

ली वेनलियांग (34) उन आठ 'व्हिसलब्लोअरों' में से एक नेत्र विशेषज्ञ थे, जिन्होंने चिकित्साकर्मियों को कोरोना वायरस के खिलाफ आगाह किया था लेकिन स्थानीय पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया था. उनकी कोविड-19 के संपर्क में आने के बाद सात फरवरी को मौत हो गई थी.

बीजिंग/वुहान : चीन शनिवार को उस वक्त कुछ देर के लिए ठहर सा गया, जब कोरोना वायरस महामारी से मरने वाले लोगों और चिकित्साकर्मियों की याद में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में देश में तीन मिनट का मौन रखा गया.

दरअसल, चीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाने वाले 'व्हिसलब्लोअर' डॉक्टर ली वेनलियांग समेत अन्य शहीदों तथा इस महामारी से देश में 3,300 से अधिक लोगों की मौत होने पर शनिवार को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया.

शायद यह पहला मौका है, जब एक बड़ी जन स्वास्थ्य आपात स्थिति को लेकर चीन में राष्ट्रव्यापी शोक मनाया गया.

इससे पहले भी चीन में तीन बार राष्ट्रीय शोक मनाया जा चुका है. 2008 में वेंचुआन भूकंप, 2010 के युशु भूकंप और 2010 के गंसू भूस्खलन के दौरान ऐसा देखने को मिला था, लेकिन 'कोविड-19' चीन के आधुनिक इतिहास में सबसे बड़ी स्वास्थ्य त्रासदी है.

राष्ट्रपति शी और चीन के अन्य नेताओं ने कोरोना वायरस शहीदों और मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय शोक दिवस में भाग लिया.

उन्होंने अपने सीने पर सफेद फूल लगाए हुए थे और राष्ट्रीय ध्वज के सामने कोविड-19 के मृतकों को श्रद्धांजलि दी.

दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में सायरन और कार के हॉर्न बजने पर सड़कों पर लोग और यातायात थम गया. बीजिंग में लोगों को सड़कों पर रोते हुए देखा गया.

इस दौरान देशभर तथा विदेशों में सभी चीनी दूतावासों तथा वाणिज्य दूतावासों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा और देशभर में सार्वजनिक मनोविनोद की गतिविधियां स्थगित कर दी गईं.

कोरोना वायरस का केंद्र बने हुबेई प्रांत में शुक्रवार को चार लोगों की मौत हो गई और एक नया मामला सामने आया.

हुबेई प्रांत के वुहान में ही पिछले साल के अंत में कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था.

इस बीच, सरकारी समाचार एजेंसी ने शनिवार को यह खुलासा किया कि चीन में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ते हुए 95 पुलिस अधिकारियों और 46 स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान गंवा दी.

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इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते हुए चीन में अग्रिम मोर्चे पर हताहत होने वालों की संख्या पहली बार सामने आई है.

हुबेई प्रांत में कोविड-19 के ऐसे 38 मरीजों की पुष्टि हुई, जिनमें लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं. इसके साथ ही लक्षणरहित मामलों की संख्या 729 तक पहुंच गई है, जो इस बात का संकेत है कि इस जानलेवा संक्रामक रोग के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.

हुबेई में अभी तक 67,803 मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से 50,008 मामले वुहान में दर्ज किए गए.

चीन में कोविड-19 के अभी तक कुल 81,639 मामले सामने आए हैं और 3,326 लोगों की मौत हो चुकी है.

चीन के मध्य हुबेई प्रांत में 'व्हिसलब्लोअर' डॉक्टर ली वेनलियांग समेत 14 कार्यकर्ताओं को कोविड-19 से लड़ाई में अपना बलिदान देने के लिए शहीद का दर्जा दिया गया है.

शहीदों के पहले समूह में 12 डॉक्टर, एक पुलिस अधिकारी और सामुदायिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जिन्होंने अग्रणी मोर्चे पर इस संक्रामक रोग के खिलाफ लड़ाई लड़ी.

ली वेनलियांग (34) उन आठ 'व्हिसलब्लोअरों' में से एक नेत्र विशेषज्ञ थे, जिन्होंने चिकित्साकर्मियों को कोरोना वायरस के खिलाफ आगाह किया था लेकिन स्थानीय पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया था. उनकी कोविड-19 के संपर्क में आने के बाद सात फरवरी को मौत हो गई थी.

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