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बैंकॉक : नया संविधान बनाने और चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन

बैंकॉक में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. लोग सरकार के कामकाज में सेना के बढ़ते दखल से नाराज हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Aug 17, 2020, 10:42 AM IST

बैंकॉक : बैंकॉक में नया संविधान बनाने और चुनाव कराने की मांग को लेकर लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. विपक्षी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के अंत को लेकर थाइलैंड के बैंकॉक में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया.

स्थानीय मीडिया के मुताबिक प्रदर्रशनकारियों ने प्रयुत्त चान-ओ-चा के खिलाफ प्रदर्शन किया. देश के पूर्व प्रधानमंत्री प्रयुत्त चान-ओ-चा के खिलाफ 2014 से ही प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रयुत्त तख्ता पलट करके देश की सत्ता में आए थे.

बैंकॉक में प्रदर्शन

छात्र-नेतृत्व वाले संगठन फ्री यूथ मूवमेंट के एक सदस्य ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में 20,000 से भी ज्यादा लोग शामिल हुए.

आयोजकों ने 2014-2019 से सेना के सत्ता में रहने के दौरान बनाए गए संविधान को दोबारा लिखे जाने वाली याचिका के तहत 19,000 से अधिक हस्ताक्षर इकट्ठे किए.

पुलिस ने कहा कि लगभग 12,000 लोग पीछे हट गए लेकिन अन्य प्रदर्शनकारी चौक पर थे, जहां पर मुख्य रैली का आयोजन किया गया. इसमें आसपास की हजारों सड़कों को नहीं शामिल किया गया.

ट्रिब्यून के एक वक्ता ने कहा कि हम युवाओं को अपने पूर्वजों के जीवन जीने के तरीकों पर पुनर्विचार करना चाहिए. हमें एहसास है कि हम अब किसी तानाशाही के अधीन नहीं रह सकते हैं, जिसकी शक्तियां मौजूदा संविधान में निहित हैं.

बैंकॉक : बैंकॉक में नया संविधान बनाने और चुनाव कराने की मांग को लेकर लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. विपक्षी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के अंत को लेकर थाइलैंड के बैंकॉक में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया.

स्थानीय मीडिया के मुताबिक प्रदर्रशनकारियों ने प्रयुत्त चान-ओ-चा के खिलाफ प्रदर्शन किया. देश के पूर्व प्रधानमंत्री प्रयुत्त चान-ओ-चा के खिलाफ 2014 से ही प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रयुत्त तख्ता पलट करके देश की सत्ता में आए थे.

बैंकॉक में प्रदर्शन

छात्र-नेतृत्व वाले संगठन फ्री यूथ मूवमेंट के एक सदस्य ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में 20,000 से भी ज्यादा लोग शामिल हुए.

आयोजकों ने 2014-2019 से सेना के सत्ता में रहने के दौरान बनाए गए संविधान को दोबारा लिखे जाने वाली याचिका के तहत 19,000 से अधिक हस्ताक्षर इकट्ठे किए.

पुलिस ने कहा कि लगभग 12,000 लोग पीछे हट गए लेकिन अन्य प्रदर्शनकारी चौक पर थे, जहां पर मुख्य रैली का आयोजन किया गया. इसमें आसपास की हजारों सड़कों को नहीं शामिल किया गया.

ट्रिब्यून के एक वक्ता ने कहा कि हम युवाओं को अपने पूर्वजों के जीवन जीने के तरीकों पर पुनर्विचार करना चाहिए. हमें एहसास है कि हम अब किसी तानाशाही के अधीन नहीं रह सकते हैं, जिसकी शक्तियां मौजूदा संविधान में निहित हैं.

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