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कोरोना वायरस : चीन ने वुहान शहर में सबसे बड़ा अस्थायी अस्पताल किया बंद

चीन में कोरोना वायरस के उद्गम केंद्र वुहान शहर में इस संक्रमण के इलाज के लिए कई अस्पताल खोले गए थे. फिलहाल वुहान में वायरस के नए मामले थमने के बाद कई अस्पतालों को अब बंद किया जा रहा है और वहां काम करने वाले चिकित्सक भी लौटने लगे हैं. इसी क्रम में वुहान में स्थापित सबसे बड़े अस्थायी अस्पताल को बुधवार को बंद कर दिया गया और वहां तैनात हजारों चिकित्साकर्मियों का अंतिम समूह शहर छोड़ कर चला गया. पढ़ें पूरी खबर...

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Apr 15, 2020, 4:53 PM IST

बीजिंग : चीन ने कोरोना वायरस के मामले थमने के बाद फरवरी में बनाए गए अपने सबसे बड़े अस्थायी अस्पताल को बुधवार को बंद कर दिया और वहां तैनात हजारों चिकित्साकर्मियों का अंतिम समूह शहर छोड़ कर जा चुका है.

कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत में महामारी का केंद्र बनकर उभरे वुहान शहर में रोगियों के उपचार के लिए यह अस्पताल बनाया गया था.

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने बताया कि मध्य चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में अस्थायी लीशेनशान (वज्र देव पर्वत) अस्पताल ने कोविड-19 के मामले थमने के बाद बुधवार को कामकाज बंद कर दिया.

वुहान में कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए दस दिन के भीतर 1000 से अधिक बिस्तरों की क्षमता वाले दो अस्पताल बनाए गए थे. यह अस्पताल उनमें एक था.

इन दो अस्पतालों के अलावा चीन ने कोविड-19 के रोगियों को पृथक रखने तथा उनका उपचार करने के लिए 14 अतिरिक्त अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र भी बनाए थे. इन सभी को पिछले दिनों बंद कर दिया गया.

सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ ने बुधवार को खबर प्रकाशित की कि कोरोना वायरस से निबटने के लिए हुबेई भेजे गए सैकड़ों चिकित्साकर्मियों के अंतिम बैच को भी वुहान से रवाना कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें- कोरोना के खिलाफ लड़ाई : जानें, लॉकडाउन के दौरान किन चीजों की छूट मिलेगी

चीन ने वुहान में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आने के साथ ही हुबेई में 42 हजार चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को तैनात कर दिया था.

सरकार ने इसके बाद गत 23 जनवरी से वुहान में लॉकडाउन लागू करके संक्रमण पर रोकथाम की दिशा में बड़ा कदम उठाया. लॉकडाउन आठ अप्रैल को समाप्त कर दिया गया.

मंगलवार को हुबेई प्रांत में नोवेल कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आने के बाद अस्थायी अस्पताल को बंद कर दिया गया.

बीजिंग : चीन ने कोरोना वायरस के मामले थमने के बाद फरवरी में बनाए गए अपने सबसे बड़े अस्थायी अस्पताल को बुधवार को बंद कर दिया और वहां तैनात हजारों चिकित्साकर्मियों का अंतिम समूह शहर छोड़ कर जा चुका है.

कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत में महामारी का केंद्र बनकर उभरे वुहान शहर में रोगियों के उपचार के लिए यह अस्पताल बनाया गया था.

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने बताया कि मध्य चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में अस्थायी लीशेनशान (वज्र देव पर्वत) अस्पताल ने कोविड-19 के मामले थमने के बाद बुधवार को कामकाज बंद कर दिया.

वुहान में कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए दस दिन के भीतर 1000 से अधिक बिस्तरों की क्षमता वाले दो अस्पताल बनाए गए थे. यह अस्पताल उनमें एक था.

इन दो अस्पतालों के अलावा चीन ने कोविड-19 के रोगियों को पृथक रखने तथा उनका उपचार करने के लिए 14 अतिरिक्त अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र भी बनाए थे. इन सभी को पिछले दिनों बंद कर दिया गया.

सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ ने बुधवार को खबर प्रकाशित की कि कोरोना वायरस से निबटने के लिए हुबेई भेजे गए सैकड़ों चिकित्साकर्मियों के अंतिम बैच को भी वुहान से रवाना कर दिया गया है.

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चीन ने वुहान में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आने के साथ ही हुबेई में 42 हजार चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को तैनात कर दिया था.

सरकार ने इसके बाद गत 23 जनवरी से वुहान में लॉकडाउन लागू करके संक्रमण पर रोकथाम की दिशा में बड़ा कदम उठाया. लॉकडाउन आठ अप्रैल को समाप्त कर दिया गया.

मंगलवार को हुबेई प्रांत में नोवेल कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आने के बाद अस्थायी अस्पताल को बंद कर दिया गया.

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