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अफगानिस्तान में शांति बहाली को लेकर तालिबान की दो टूक, 'राष्ट्रपति को छोड़नी होगी सत्ता' - National News

अफगानिस्तान में अपनी भविष्य की योजना को लेकर तालिबान ने अपना पक्ष साफ साफ कर दिया है. अमेरिकी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (The Associated Press) से बात करते हुए तालिबान के प्रवक्ता और वार्ता दल के सदस्य सुहेल शाहीन ने कहा कि जब तक वर्तमान राष्ट्रपति अपने पद से नहीं हट जाते, तब शांति कायम नहीं हो सकती.

Pakistan Taliban in Afghanistan, Taliban
तालिबान
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Published : Jul 23, 2021, 3:09 PM IST

इस्लामाबाद: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के हटने के बाद (US Troops Withdrawal From Afghanistan) से ही तेजी से सक्रिय हो रहे तालिबान (Taliban) ने शांति बहाली को लेकर अपना दो टूक पक्ष रख दिया है. तालिबान ने कहा कि वह सत्ता पर एकाधिकार नहीं चाहता, लेकिन देश में तब तक शांति नहीं हो सकती जब तक राष्ट्रपति अशरफ गनी सत्ता से नहीं हट जाते. उसके बाद देश में नई सरकार के गठन को लेकर बातचीत होगी.

तालिबान के प्रवक्ता और वार्ता दल के सदस्य सुहेल शाहीन ने एसोसिएटेड प्रेस (The Associated Press) के साथ साक्षात्कार में कहा कि तालिबान उस वक्त हथियार डाल देगा जब गनी की सरकार चली जाएगी. फिर ऐसी सरकार सत्ता संभालेगी जो संघर्ष में शामिल सभी पक्षों को मंजूर हो.

शाहीन ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सत्ता पर एकाधिकार में विश्वास नहीं रखते, क्योंकि कोई भी सरकार, जिसने अतीत में अफगानिस्तान में सत्ता पर एकाधिकार रखने मंशा की, वह सफल सरकार साबित नहीं हुई. उन्होंने इस आंकलन में प्रत्यक्ष तौर पर तालिबान के खुद के पांच वर्ष के कार्यकाल को भी शामिल किया. साथ ही कहा कि इसलिए हम वही फॉर्मूला दोहराना नहीं चाहते.

हम नहीं दोहराना चाहते पुराना फॉर्मूला

तालिबान प्रवक्ता ने इस दौरान गनी को युद्ध को उकसाने वाला करार दिया और आरोप लगाया कि बकरीद के पर्व पर मंगलवार को उन्होंने जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने तालिबान के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था. बताते चलें कि पिछले सप्ताह अफगानी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने दोहा में तालिबान नेताओं के साथ उच्च स्तरीय वार्ता की.

पढ़ें: अमेरिका की तालिबान को चेतावनी- बंदूक के बल न करे शासन करने की काेशिश

इस वार्ता में बातचीत जारी रखने और नागरिकों की सुरक्षा तथा देश के ढांचे को सुरक्षित रखने पर जोर दिया गया था. शाहीन ने इस वार्ता को अच्छी शुरुआत बताया और कहा कि सरकार का लगातार संघर्ष विराम की मांग करना, वह भी गनी के सत्ता में रहते हुए, तालिबान से आत्मसमर्पण की मांग करने के बराबर है.

नई सरकार में मिलेगी महिलाओं को खुली छूट

शाहीन ने कहा कि वे तालिबान से सामंजस्य नहीं चाहते, वे आत्मसमर्पण चाहते हैं. उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम से पहले नई सरकार पर सहमति बने जो हमें और अन्य अफगानियों को स्वीकार्य हो और फिर कोई युद्ध नहीं होगा. इस नई सरकार के तहत महिलाओं को काम करने, स्कूल जाने और राजनीति में भाग लेने की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें हिजाब या सिर पर स्कार्फ लगाना होगा.

उन्होंने कहा कि महिलाओं को घरों से निकलने के लिए अपने साथ किसी पुरुष रिश्तेदार की आवश्यकता नहीं होगी. तालिबान कमांडरों के आदेश हैं कि नए कब्जे वाले जिलों में विश्वविद्यालय, स्कूल और बाजार पहले की तरह संचालित हों, जिसमें महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी भी शामिल है.

(एपी)

इस्लामाबाद: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के हटने के बाद (US Troops Withdrawal From Afghanistan) से ही तेजी से सक्रिय हो रहे तालिबान (Taliban) ने शांति बहाली को लेकर अपना दो टूक पक्ष रख दिया है. तालिबान ने कहा कि वह सत्ता पर एकाधिकार नहीं चाहता, लेकिन देश में तब तक शांति नहीं हो सकती जब तक राष्ट्रपति अशरफ गनी सत्ता से नहीं हट जाते. उसके बाद देश में नई सरकार के गठन को लेकर बातचीत होगी.

तालिबान के प्रवक्ता और वार्ता दल के सदस्य सुहेल शाहीन ने एसोसिएटेड प्रेस (The Associated Press) के साथ साक्षात्कार में कहा कि तालिबान उस वक्त हथियार डाल देगा जब गनी की सरकार चली जाएगी. फिर ऐसी सरकार सत्ता संभालेगी जो संघर्ष में शामिल सभी पक्षों को मंजूर हो.

शाहीन ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सत्ता पर एकाधिकार में विश्वास नहीं रखते, क्योंकि कोई भी सरकार, जिसने अतीत में अफगानिस्तान में सत्ता पर एकाधिकार रखने मंशा की, वह सफल सरकार साबित नहीं हुई. उन्होंने इस आंकलन में प्रत्यक्ष तौर पर तालिबान के खुद के पांच वर्ष के कार्यकाल को भी शामिल किया. साथ ही कहा कि इसलिए हम वही फॉर्मूला दोहराना नहीं चाहते.

हम नहीं दोहराना चाहते पुराना फॉर्मूला

तालिबान प्रवक्ता ने इस दौरान गनी को युद्ध को उकसाने वाला करार दिया और आरोप लगाया कि बकरीद के पर्व पर मंगलवार को उन्होंने जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने तालिबान के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था. बताते चलें कि पिछले सप्ताह अफगानी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने दोहा में तालिबान नेताओं के साथ उच्च स्तरीय वार्ता की.

पढ़ें: अमेरिका की तालिबान को चेतावनी- बंदूक के बल न करे शासन करने की काेशिश

इस वार्ता में बातचीत जारी रखने और नागरिकों की सुरक्षा तथा देश के ढांचे को सुरक्षित रखने पर जोर दिया गया था. शाहीन ने इस वार्ता को अच्छी शुरुआत बताया और कहा कि सरकार का लगातार संघर्ष विराम की मांग करना, वह भी गनी के सत्ता में रहते हुए, तालिबान से आत्मसमर्पण की मांग करने के बराबर है.

नई सरकार में मिलेगी महिलाओं को खुली छूट

शाहीन ने कहा कि वे तालिबान से सामंजस्य नहीं चाहते, वे आत्मसमर्पण चाहते हैं. उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम से पहले नई सरकार पर सहमति बने जो हमें और अन्य अफगानियों को स्वीकार्य हो और फिर कोई युद्ध नहीं होगा. इस नई सरकार के तहत महिलाओं को काम करने, स्कूल जाने और राजनीति में भाग लेने की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें हिजाब या सिर पर स्कार्फ लगाना होगा.

उन्होंने कहा कि महिलाओं को घरों से निकलने के लिए अपने साथ किसी पुरुष रिश्तेदार की आवश्यकता नहीं होगी. तालिबान कमांडरों के आदेश हैं कि नए कब्जे वाले जिलों में विश्वविद्यालय, स्कूल और बाजार पहले की तरह संचालित हों, जिसमें महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी भी शामिल है.

(एपी)

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