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अफगानिस्तान : तालिबान ने यूएस की खुफिया रिपोर्ट खारिज की

न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुक्रवार को एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें उसने सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप को एक खुफिया रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि मॉस्को अफगानिस्तान में तालिबान को अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए इनाम दे सकता है. तालिबान के प्रवक्ता ने इस बात का खंडन किया है.

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तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद
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Published : Jun 28, 2020, 10:54 AM IST

काबुल : तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अमेरिका की उस रिपोर्ट को खारिज किया है, जिसमें दावा किया गया था कि रूस ने अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए तालिबान का सहारा लिया.

न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) ने शुक्रवार को एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें उसने सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप को एक खुफिया रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि मॉस्को अफगानिस्तान में तालिबान को अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए इनाम दे सकता है. एनवाईटी ने कहा कि ट्रंप अब तक रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में विफल रहे.

मुजाहिद ने कहा कि सभी हथियार और उपकरण देश में पहले से ही मौजूद थे. प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि तालिबान की गतिविधियां किसी भी खुफिया अंग या विदेश से संबंधित नहीं हैं.

मुजाहिद ने अफगानिस्तान में व्यापक शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने को लेकर कहा कि तालिबान अमेरिका के साथ समझौते के लिए प्रतिबद्ध था.

गौर हो कि फरवरी में अमेरिका और तालिबान ने लगभग दो दशकों के सशस्त्र संघर्ष और उग्रवाद के बाद अफगानिस्तान में सुलह प्रक्रिया शुरू करने के लिए कई दौर की बातचीत के बाद शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए.

पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद ने कहा कि काबुल और तालिबान ने कैदियों के एक महत्वपूर्ण आदान-प्रदान को अंजाम दिया.

काबुल : तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अमेरिका की उस रिपोर्ट को खारिज किया है, जिसमें दावा किया गया था कि रूस ने अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए तालिबान का सहारा लिया.

न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) ने शुक्रवार को एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें उसने सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप को एक खुफिया रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि मॉस्को अफगानिस्तान में तालिबान को अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए इनाम दे सकता है. एनवाईटी ने कहा कि ट्रंप अब तक रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में विफल रहे.

मुजाहिद ने कहा कि सभी हथियार और उपकरण देश में पहले से ही मौजूद थे. प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि तालिबान की गतिविधियां किसी भी खुफिया अंग या विदेश से संबंधित नहीं हैं.

मुजाहिद ने अफगानिस्तान में व्यापक शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने को लेकर कहा कि तालिबान अमेरिका के साथ समझौते के लिए प्रतिबद्ध था.

गौर हो कि फरवरी में अमेरिका और तालिबान ने लगभग दो दशकों के सशस्त्र संघर्ष और उग्रवाद के बाद अफगानिस्तान में सुलह प्रक्रिया शुरू करने के लिए कई दौर की बातचीत के बाद शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए.

पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद ने कहा कि काबुल और तालिबान ने कैदियों के एक महत्वपूर्ण आदान-प्रदान को अंजाम दिया.

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