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तालिबान का आदेश, काबुल में घर पर ही रहें महिला कर्मचारी

अंतरिम मेयर हमदुल्लाह नामोनी ने पत्रकारों से रविवार को कहा कि केवल उन महिलाओं को काम करने की अनुमति दी गई है, जिनके स्थान पर पुरुष काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इनमें डिजाइन और इंजीनियरिंग विभागों में कुशल कामगारों के अलावा महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख करने वाली महिलाएं शामिल हैं.

तालिबान का आदेश
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Published : Sep 19, 2021, 5:34 PM IST

काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul, the capital of Afghanistan) के अंतरिम मेयर ने कहा है कि देश के नए तालिबान शासकों (Taliban rulers) ने शहर की कई महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का आदेश दिया है.

अंतरिम मेयर हमदुल्लाह नामोनी ने पत्रकारों से रविवार को कहा कि केवल उन महिलाओं को काम करने की अनुमति दी गई है, जिनके स्थान पर पुरुष काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इनमें डिजाइन और इंजीनियरिंग विभागों में कुशल कामगारों के अलावा महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख करने वाली महिलाएं शामिल हैं.

पढ़ें : तालिबान के डर से जगह-जगह छिपने को मजबूर अमेरिकी नागरिक और ग्रीन कार्ड धारक लोग

नामोनी की टिप्पणियां इस बारे में एक और संकेत है कि तालिबान सार्वजनिक जीवन में महिलाओं पर पाबंदियां लगाने समेत इस्लाम की कठोर व्याख्या को लागू कर रहा है, जबकि उसने सहिष्णुता और समावेशिता का वादा किया था. 1990 में शासन के दौरान तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं को स्कूल जाने तथा नौकरी करने से रोक दिया था.

मेयर ने कहा कि काबुल नगर निकाय विभागों में महिला कर्मचारियों के बारे में अंतिम फैसला अभी नहीं लिया गया है. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में पिछले महीने तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने से पहले तक शहर में सभी विभागों में 3,000 कर्मचारियों में एक तिहाई संख्या महिलाओं की थी.

(पीटीआई-भाषा)

काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul, the capital of Afghanistan) के अंतरिम मेयर ने कहा है कि देश के नए तालिबान शासकों (Taliban rulers) ने शहर की कई महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का आदेश दिया है.

अंतरिम मेयर हमदुल्लाह नामोनी ने पत्रकारों से रविवार को कहा कि केवल उन महिलाओं को काम करने की अनुमति दी गई है, जिनके स्थान पर पुरुष काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इनमें डिजाइन और इंजीनियरिंग विभागों में कुशल कामगारों के अलावा महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख करने वाली महिलाएं शामिल हैं.

पढ़ें : तालिबान के डर से जगह-जगह छिपने को मजबूर अमेरिकी नागरिक और ग्रीन कार्ड धारक लोग

नामोनी की टिप्पणियां इस बारे में एक और संकेत है कि तालिबान सार्वजनिक जीवन में महिलाओं पर पाबंदियां लगाने समेत इस्लाम की कठोर व्याख्या को लागू कर रहा है, जबकि उसने सहिष्णुता और समावेशिता का वादा किया था. 1990 में शासन के दौरान तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं को स्कूल जाने तथा नौकरी करने से रोक दिया था.

मेयर ने कहा कि काबुल नगर निकाय विभागों में महिला कर्मचारियों के बारे में अंतिम फैसला अभी नहीं लिया गया है. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में पिछले महीने तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने से पहले तक शहर में सभी विभागों में 3,000 कर्मचारियों में एक तिहाई संख्या महिलाओं की थी.

(पीटीआई-भाषा)

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