काबुल/नई दिल्ली: अफगानिस्तान में सरकारी बलों और तालिबान (Taliban) के बीच लड़ाई जारी है. फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जून में तालिबान ने सरकारी बलों के 700 ट्रकों और बख्तरबंद गाड़ियों पर अपना कब्जा जमा लिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई कुछ तस्वीरों की जांच की गई थी. आंकड़ों से पता लगा है कि अफगानिस्तान के कई जिलों में तालिबान के दबाव में आकर अफगानिस्तानी सेना पीछे हट गई है.
ओपन सोर्स इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट से प्राप्त आंकड़ों को स्टिजन मित्जर और जोस्ट ओलीमंस द्वारा ओरिक्स ब्लॉग में प्रकाशित किया गया था. ब्लांग को पहले 2020 के नागोर्नो-काराबाख संघर्ष में उपकरणों के नुकसान पर विस्तृत ओपन-सोर्स जांच के रुप में प्रचारित किया गया. जिसके बाद इसमें तालिबान द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की गई सैंकड़ों तस्वीरों को शामिल किया गया है, जिसमें कब्जा किए गए अफगान सेना के उपकरण दिखाई दे रहे हैं. बतौर अध्ययन, 30 जून की शाम तक 715 हल्के वाहनों को तालिबान द्वारा कब्जाने के सबूत मिले हैं और 65 अन्य वाहन नष्ट हो गए हैं.
मोर्चा छोड़ कर भागे अफगान सैनिक, उत्तरी अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का नियंत्रण
- अफगान सेना ने एक सप्ताह में औसतन 100 हमवीज गवाए: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया कि 2018 में अफगान सेना ने 13000 हमवीज (Humvees) समेत 26,000 वाहनों को ऑपरेट किया था. हालांकि, मित्जर के मुताबिक, 2021 तक कुल 25,000 हमवीज (Humvees) को अफगानिस्तान में स्थानांतरित किया गया था. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि तालिबान से लड़ाई के दौरान अफगान सेना ने एक सप्ताह में औसतन 100 हमवीज गवाए थे.
- फिर गृह युद्ध की चपेट में अफगानिस्तान
करीब 20 वर्षों बाद अमेरिका भी अफगानिस्तान में युद्ध की समाप्ति कर अपने आखिरी सैनिकों को वापस बुला रहा है. जैसे-जैसे विदेशी सैनिक जंग से पीछे हट रहे हैं वैसे ही तालिबान संगठन अफगानिस्तान में अपने पैर पसार रहा है. माना जा रहा है कि अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ते ही देश एक बार फिर गृह युद्ध की चपेट में आ जाएगा.