यंगून : म्यांमार की पुलिस ने अपदस्थ नेता आंग सान सू ची पर अपने आवास में अवैध तरीके से आयातित कई वॉकी-टॉकी रखने का आरोप लगाया है. सू ची की पार्टी के सदस्यों ने बुधवार को कहा कि सेना ने उन्हें कुछ दिन हिरासत में रखने के लिए ये आरोप लगाए हैं.
सेना ने सोमवार को तख्तापलट करते हुए सू ची समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया था. उसी दिन नयी संसद के सत्र की शुरुआत होने वाली थी. सू ची की पार्टी के नेताओं ने कहा है कि वह अपने आवास से बाहर नहीं निकली हैं और उन्हें नजरबंद कर दिया गया है. तख्तापलट के दो दिन बाद सू ची पर अवैध तरीके से आयातित वॉकी-टॉकी रखने के आरोप लगाए गए हैं.
पुलिस सू ची को अगले कुछ दिन तक हिरासत में रखना चाहती है वहीं तख्तापलट के बाद सरकारी आवास तक सीमित किए गए सैकड़ों सांसदों को 24 घंटे के भीतर राजधानी से अपने गृह क्षेत्र चले जाने को कहा गया है. सू ची की पार्टी के एक सांसद ने यह जानकारी दी.
आरोपों के तहत सू ची पर अधिकतम तीन साल जेल की सजा हो सकती है. आरोपपत्र में कहा गया कि सू ची के अंगरक्षक गैरपंजीकृत वॉकी टॉकी का इस्तेमाल कर रहे थे.
नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के प्रवक्ता क्यी टो ने सू ची के खिलाफ आरोपों की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि देश के अपदस्थ राष्ट्रपति विन मिंट पर प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. यह आरोपपत्र एक फरवरी का है और इसके तहत उन्हें 15 फरवरी तक हिरासत में रखा जा सकता है.
लोकतंत्र की दिशा में प्रगति कर रहे म्यांमार के लिए तख्तापलट एक स्याह पहलू है और इसने रेखांकित किया कि सैन्य जनरलों का इस देश में कितना ज्यादा दखल है.
तख्तापलट नोबेल शांति पुरस्कार विजेत सू ची के लिए बड़ा झटका है जिन्होंने अपने देश में लोकतंत्र के लिए वर्षों तक संघर्ष किया और 2015 में अपनी पार्टी को जीत दिलायी.
वर्षों तक हिरासत के दौरान भी सू ची ने सेना की तीखी आलोचना की थी. हालांकि, सत्ता में आने के बाद उन्होंने सैन्य जनरलों के साथ मिलकर काम किया और रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अभियान का बचाव भी किया. इससे उनकी प्रतिष्ठा पर भी आंच आयी.
सेना ने कहा है कि वह एक साल तक सत्ता अपने हाथ में रखेगी और इसके बाद चुनाव कराए जाएंगे. चुनाव में जीतने वाली पार्टी सत्ता संभालेगी.
सू ची की पार्टी ने सत्ता की बागडोर सेना के हाथ में जाने के खिलाफ लोगों से अहिंसक प्रतिरोध करने को कहा है. म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून में मंगलवार रात बड़ी संख्या में लोगों ने कारों के हॉर्न और बर्तन बजाकर देश में सैन्य तख्तापलट का विरोध किया.
सेना के समर्थकों ने रैली निकाली थी
सेना के समर्थकों ने भी मंगलवार को रैली निकाली थी. सेना ने कहा है उसने सत्ता का नियंत्रण अपने हाथ में इसलिए लिया है क्योंकि सरकार चुनाव में धांधली के आरोपों की सही से जांच नहीं करा पायी.
म्यांमार में तख्तापलट की अमेरिका समेत कई देशों ने आलोचना की है. सात अग्रणी औद्योगिक देशों के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को एक बयान जारी कर सू ची तथा अन्य नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की है.