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मॉरीशस में तेल रिसाव रोकने के लिए छात्रों और स्थानीय लोगों की पहल

कोरल रीफ पर तेल से भरे एक जहाज से हो रहे रिसाव को रोकने के लिए रविवार मॉरीशस के हजारों छात्र, पर्यावरण कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी सामने आए और तेल के रिसाव को कम करने की कोशिश की.

तेल रिसाव
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Published : Aug 10, 2020, 11:11 PM IST

पोर्ट लुईस : कोरल रीफ पर तेल से भरे एक जहाज चट्टानों से टकरने के बाद उससे हुए तेल रिसाव को रोकने के लिए मॉरीशस के हजारों छात्र, पर्यावरण कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी रविवार को मदद के लिए आगे आए. इस दौरान उन्होंने जहाज से रिसाव को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया, ताकि समुद्री जीवन के नुकसान को कम किया जा सके.

अधिकारियों ने कहा कि जापानी जहाज में रखे चार टन तेल में में से एक टन तेल समुद्र में बह गया है.

कर्मचारी अधिक तेल को लीक होने से रोकने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें रविवार को तेज हवाओं का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी दिक्कतें और बढ़ गईं. खबर यह भी है कि पोत के निचले हिस्से में और भी दरारें पड़ रही हैं.

तेल रिसाव

सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में उन पर्यावरणीय इलाकों के पास पानी में गहरे रंग का तैलीय पदार्थ फैलता दिखा है, जिन्हें सरकार ने बेहद संवेदनशील बताया है. ईंधन की वजह से मूंगों, मछलियों और समुद्री जीवों को लेकर पर्यावरणविद परेशान हैं.

एक पर्यावरण सलाहकार और संसद के पूर्व सदस्य, सुनील डावरकासिंग ने कहा, हां, नागरिक समाज के लोग सहायता के लिए आगे आए हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों ने पानी में तैरते तेल को फैलने से रोकने के लिए ऑयल बूम बनाए हैं.

पढ़ें - नागासाकी हमले के 75 साल, परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने की अपील

उन्होंने बताया कि कपड़े के बूम गन्ने की पत्तियों और पुआल से भरे होते हैं और उनमें प्लास्टिक की बोतलों रखी जाती हैं.

इतना ही नहीं लोग तेल के खाली ड्रम का उपयोग कर रहे हैं ताकि जितना संभव हो सके वह उतना तेल ड्रम में भर सकें.

पोर्ट लुईस : कोरल रीफ पर तेल से भरे एक जहाज चट्टानों से टकरने के बाद उससे हुए तेल रिसाव को रोकने के लिए मॉरीशस के हजारों छात्र, पर्यावरण कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी रविवार को मदद के लिए आगे आए. इस दौरान उन्होंने जहाज से रिसाव को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया, ताकि समुद्री जीवन के नुकसान को कम किया जा सके.

अधिकारियों ने कहा कि जापानी जहाज में रखे चार टन तेल में में से एक टन तेल समुद्र में बह गया है.

कर्मचारी अधिक तेल को लीक होने से रोकने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें रविवार को तेज हवाओं का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी दिक्कतें और बढ़ गईं. खबर यह भी है कि पोत के निचले हिस्से में और भी दरारें पड़ रही हैं.

तेल रिसाव

सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में उन पर्यावरणीय इलाकों के पास पानी में गहरे रंग का तैलीय पदार्थ फैलता दिखा है, जिन्हें सरकार ने बेहद संवेदनशील बताया है. ईंधन की वजह से मूंगों, मछलियों और समुद्री जीवों को लेकर पर्यावरणविद परेशान हैं.

एक पर्यावरण सलाहकार और संसद के पूर्व सदस्य, सुनील डावरकासिंग ने कहा, हां, नागरिक समाज के लोग सहायता के लिए आगे आए हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों ने पानी में तैरते तेल को फैलने से रोकने के लिए ऑयल बूम बनाए हैं.

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उन्होंने बताया कि कपड़े के बूम गन्ने की पत्तियों और पुआल से भरे होते हैं और उनमें प्लास्टिक की बोतलों रखी जाती हैं.

इतना ही नहीं लोग तेल के खाली ड्रम का उपयोग कर रहे हैं ताकि जितना संभव हो सके वह उतना तेल ड्रम में भर सकें.

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