नई दिल्ली/कोलंबो: ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में एक साथ छह विस्फोट हुए. इस हादसे में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से ज्यादा घायल हैं. खबर लिखे जाने तक हमलों की जिम्मेदीरी किसी ने नहीं ली है. हालांकि, नेशनल तौहीत जमात (एनटीजे) पर शक के घेरे में है.
श्रीलंका में हुए आठ बम धमाके द्वीप देश के इतिहास में यह अब तक के सबसे भयानक हमलों में से एक माना जा रहा है. AFP की खबरों की मानें तो इनमें कहा गया कि श्रीलंका की पुलिस ने इस बात की जानकारी करीब 10 दिन पहले ही दे दी थी.
पुलिस प्रमुख पी. जयसुंदरा ने 11 अप्रैल को एक गुप्तचर चेतावनी शीर्ष अधिकारियों को भेजी थी.
इस अलर्ट में कहा गया था कि एक विदेशी खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी है कि एनटीजे (नेशनल तोहिद जमात) अहम गिरजाघरों और कोलंबो में भारतीय उच्चायोग पर फिदायीन हमले की योजना बना रहा है.
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मीडिया में आई खबरों की मानें तो खुफिसा एजेंसियों द्वारा जारी किये गए अर्लट में कहा गया था कि नेशनल तौहीत जमात (एनटीजे) नामक संगठन श्रीलंका के कुछ अहम गिरजाघरों को निशाना बनाने की साजिश रच रहा है. गौरतलब है कि इस संगठन के निशाने पर कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त भी शामिल था.
बता दें, एनटीजे संगठन एक कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है. इसके पहले भी पिछले साल ये संगठन सुर्खियों में आया था, जब वहां कुछ बौद्ध धर्मस्थलों पर हमला किया गया था. हालांकि, अभी तक किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और एनटीजे पर भी सिर्फ शक जाहिर किया जा रहा है.
रविवार को एक के बाद एक हुए आठ बम धमाकों से श्रीलंका दहल गया है. लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल है. श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही उन्होंने सुरक्षाबलों को मामले की कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिये हैं.
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रविवार को काफी संख्या में लोग ईस्टर प्रार्थना के लिए खुशी-खुशी इक्ट्ठा हुए थे. ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है. धमाके कोलंबो के सेंट एंथनी, पश्चिमी तटीय शहर नेगेंबो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए. इसके साथ ही शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी पांच सितारा होटलों में हुए बम धमाकों ने भी कई लोगों जान ले ली.