कोलंबो : श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की इटली की यात्रा से विवाद खड़ा हो गया है. देश के कैथोलिक गिरजाघरों के आर्चबिशप मैलकॉम कार्डिनल रंजीत ने दावा किया कि राजपक्षे की इस यात्रा का मकसद वेटिकन को 2019 में ईस्टर के दिन हुए हमलों की जांच के बारे में ‘गुमराह’ करना है. इन हमलों में 270 से अधिक लोग मारे गए थे जिसमें 11 भारतीय शामिल थे.
अधिकारियों ने बताया कि राजपक्षे बोलोग्ना में होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शुक्रवार सुबह इटली के लिए रवाना हुए. राजपक्षे का बोलोग्ना विश्वविद्यालय में होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के शुरुआती सत्र में अहम भाषण देने का कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी भी शामिल होंगे.
कार्डिनल रंजीत ने दो दिन पहले एक संवाददाता सम्मेलन में भी इस यात्रा की आलोचना की थी. रंजीत ने आरोप लगाया कि इस दौरे में राजपक्षे का पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात का कार्यक्रम है और वह ‘2019 ईस्टर संडे हमलों’ पर चल रही जांच पर वेटिकन को गुमराह करने की कोशिश करेंगे.
उन्होंने मीडिया में कहा कि जब देश में जानलेवा महामारी फैली हुई है तो ऐसे में हम ईस्टर संडे हमले पर पर्दा डालने की कोशिश के तहत एक साजिश देख रहे हैं. मैं उनकी वेटिकन की इस यात्रा की निंदा करता हूं क्योंकि वह पोप और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 21 अप्रैल 2019 को इस्लामिक स्टेट से जुड़े स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती हमलावरों ने तीन गिरजाघरों और कई लग्जरी होटलों पर सिलसिलेवार बम धमाके किए थे.
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(पीटीआई-भाषा)