कोलंबो : श्रीलंका की सरकार ने रसायन लेकर जा रहे एक कंटेनर जहाज में लगी आग से पर्यावरण को पहुंचे नुकसान का आकलन करने में संयुक्त राष्ट्र (UN) और अन्य देशों से मदद मांगी है. अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.
एमवी एक्स-प्रेस पर्ल जहाज में 12 दिनों तक लगी आग में उसपर रखा ज्यादातर सामान जल गया जिससे समुद्र में गंभीर प्रदूषण फैला है और श्रीलंका के प्रसिद्ध बीचों (समुद्र तटों) पर भी भारी प्रदूषण फैला है.
संयुक्त राष्ट्र से किया संपर्क
देश के शहरी विकास और तट संरक्षण मंत्री नलका गोडाहेवा ने बताया कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र और कुछ अन्य देशों से संपर्क किया है क्योंकि 'देश में मौजूद विशेषज्ञता इससे हुए नुकसान का सही आकलन करने में पूरी तरह सक्षम नहीं है.' उन्होंने अन्य देशों के नाम नहीं बताए.
तीन विशेषज्ञ भेज सकता है यूएन
मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने तीन विशेषज्ञों को भेजने की बात कही है, वे सभी बुधवार को यहां पहुंचेंगे. विशेषज्ञों में से एक घटना से अर्थव्यवस्था को हुई नुकसान का आकलन करेगा.
श्रीलंका ने शनिवार को कहा था कि जहाज पर लगी आग को बुझाने पर आए खर्च के एक हिस्से के रूप में वह जहाज का संचालन करने वाली कंपनी एक्स-प्रेस फीडर्स से चार करोड़ अमेरिकी डॉलर की अंतरिम राशि पाने का दावा करेगा.
20 मई को लगी थी आग
सिंगापुर का झंडा लगे इस जहाज में 20 मई को आग लगी. उस वक्त जहाज कोलंबो से उत्तर-पश्चिम में 9.5 समुद्री मील की दूरी पर लंगर डाले हुए था और बंदरगाह में प्रवेश का इंतजार कर रहा था.
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श्रीलंका की नौसेना का मानना है कि यह आग जहाज पर लदे रसायन के कारण लगी है, जिसमें 25 टन नाइट्रिक एसिड शामिल था.
(पीटीआई-भाषा)