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दक्षिण कोरिया के पूर्व सैन्य तानाशाह चुन डू-ह्वान का 90 साल में निधन

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Published : Nov 23, 2021, 9:23 AM IST

Updated : Nov 23, 2021, 12:31 PM IST

आपातकालीन अधिकारियों का कहना है कि चुन का मंगलवार की सुबह निधन हो गया. पुलिस ने बताया कि चुन को उनके सियोल स्थित घर पर दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद आपातकालीन अधिकारी उनके आवास पर पहुंच गए, लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था.

चुन डू-ह्वान
चुन डू-ह्वान

सियोल : दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति चुन डू-ह्वान का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने 1979 के तख्तापलट के बाद सत्ता संभाली थी और गलत कार्यों के लिए जेल जाने से पहले, पद पर रहते हुए लोकतंत्र समर्थक विरोध को बेरहमी से कुचल दिया था.

आपात सेवाओं से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि चुन का निधन उनके घर पर ही हुआ. पुलिस ने पहले कहा था कि चुन को दिल का दौरा पड़ा और आपात अधिकारी उनके सियोल स्थित आवास पर पहुंचे.

चुन के 1980 के दशक के शासन के दौरान सैकड़ों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी मारे गए थे और हजारों को जेल में डाल दिया गया था, लेकिन वर्षों के तानाशाही शासन के बाद उन्होंने कुछ उदारीकरण की अनुमति दी. जनता के दबाव में, उन्होंने देश के इतिहास में पहले प्रत्यक्ष और स्वतंत्र चुनाव की अनुमति दी.

चुन को 1988 में पद छोड़ने के बाद भारी आलोचना का सामना करना पड़ा और गिरफ्तार होने से पहले उन्होंने एक बौद्ध मंदिर में दो साल तक शरण ली. उन पर भ्रष्टाचार, विद्रोह और राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया और उन्हें दोषी ठहराए जाने पर मौत की सजा सुनाई गई. 1997 में राष्ट्रीय सुलह की कोशिश में उनकी मौत की सजा माफ कर दी गई थी.

चुन सेना में मेजर जनरल थे, जब उन्होंने दिसंबर 1979 में अपने सैन्य साथियों के साथ सत्ता पर कब्जा कर लिया था. टैंक और सैनिकों को सियोल में उतारकर उन्होंने तख्तापलट को अंजाम दिया था.

सैन्य तख्तापलट से करीब दो महीने पहले उनके गुरु पार्क चुंग-ही की खुफिया प्रमुख द्वारा देर रात एक पार्टी के दौरान हत्या कर दी गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

सियोल : दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति चुन डू-ह्वान का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने 1979 के तख्तापलट के बाद सत्ता संभाली थी और गलत कार्यों के लिए जेल जाने से पहले, पद पर रहते हुए लोकतंत्र समर्थक विरोध को बेरहमी से कुचल दिया था.

आपात सेवाओं से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि चुन का निधन उनके घर पर ही हुआ. पुलिस ने पहले कहा था कि चुन को दिल का दौरा पड़ा और आपात अधिकारी उनके सियोल स्थित आवास पर पहुंचे.

चुन के 1980 के दशक के शासन के दौरान सैकड़ों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी मारे गए थे और हजारों को जेल में डाल दिया गया था, लेकिन वर्षों के तानाशाही शासन के बाद उन्होंने कुछ उदारीकरण की अनुमति दी. जनता के दबाव में, उन्होंने देश के इतिहास में पहले प्रत्यक्ष और स्वतंत्र चुनाव की अनुमति दी.

चुन को 1988 में पद छोड़ने के बाद भारी आलोचना का सामना करना पड़ा और गिरफ्तार होने से पहले उन्होंने एक बौद्ध मंदिर में दो साल तक शरण ली. उन पर भ्रष्टाचार, विद्रोह और राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया और उन्हें दोषी ठहराए जाने पर मौत की सजा सुनाई गई. 1997 में राष्ट्रीय सुलह की कोशिश में उनकी मौत की सजा माफ कर दी गई थी.

चुन सेना में मेजर जनरल थे, जब उन्होंने दिसंबर 1979 में अपने सैन्य साथियों के साथ सत्ता पर कब्जा कर लिया था. टैंक और सैनिकों को सियोल में उतारकर उन्होंने तख्तापलट को अंजाम दिया था.

सैन्य तख्तापलट से करीब दो महीने पहले उनके गुरु पार्क चुंग-ही की खुफिया प्रमुख द्वारा देर रात एक पार्टी के दौरान हत्या कर दी गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 23, 2021, 12:31 PM IST
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