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भारत के साथ FTA के प्रस्ताव को सिंगापुर संसद ने किया खारिज - CECA सिंगापुर के लिए लाभकारी

सिंगापुर की संसद (parliament of singapore) ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. आरोप है कि इस प्रस्ताव के जरिये भारतीय पेशेवरों द्वारा देश के घरेलू कामगारों का रोजगार छीन लिया जाएगा.

सिंगापुर-भारत
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Published : Sep 15, 2021, 3:24 PM IST

सिंगापुर : सिंगापुर की संसद (parliament of singapore) ने बुधवार को एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement-FTA) की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव का विरोध करने वालों ने आरोप लगाया कि इसके जरिए भारतीय पेशेवरों द्वारा देश के घरेलू कामगारों के रोजगार को छीनने का रास्ता खुल जाएगा.

समाचार चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार दोपहर को शुरू हुई और आधी रात तक चली एक बहस के बाद 2005 के सिंगापुर-भारत व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (Comprehensive Economic Cooperation Agreement-CECA) को संसद ने खारिज कर दिया. सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (People's Actin Party-PAP) के पूर्ण बहुमत वाली संसद ने सिंगापुर के लोगों की नौकरी और आजीविका सुरक्षित करने वाले एक प्रस्ताव को भी पारित किया.

विपक्षी प्रोग्रेस सिंगापुर पार्टी (Progress Singapore Party- PSP) ने भारत के साथ CECA का बार-बार जिक्र किया है कि कैसे सिंगापुर के लोग विदेशियों से हार गए हैं.

पढ़ें : भारत, सिंगापुर ने किया तीन दिवसीय नौसैन्य अभ्यास

पीएसपी के सांसद लेओंग मुन वाई ने सरकार से आग्रह किया था कि वह विदेशी प्रतिभा नीति और CECA जैसे FTA के प्रावधानों के कारण व्यक्तियों की मुक्त आवाजाही के चलते नौकरियों और आजीविका को लेकर सिंगापुर के लोगों के बीच व्यापक चिंता को दूर करने के लिए तत्काल और ठोस कार्रवाई करे.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस बात से सहमत नहीं हो सकती है कि CECA सिंगापुर के लिए लाभकारी है. जुलाई 2021 में विपक्ष द्वारा शुरू की गई एक बहस के बाद CECA पर यह दूसरी बहस थी.

भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए CECA पर 29 जून 2005 को हस्ताक्षर किए गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

सिंगापुर : सिंगापुर की संसद (parliament of singapore) ने बुधवार को एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement-FTA) की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव का विरोध करने वालों ने आरोप लगाया कि इसके जरिए भारतीय पेशेवरों द्वारा देश के घरेलू कामगारों के रोजगार को छीनने का रास्ता खुल जाएगा.

समाचार चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार दोपहर को शुरू हुई और आधी रात तक चली एक बहस के बाद 2005 के सिंगापुर-भारत व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (Comprehensive Economic Cooperation Agreement-CECA) को संसद ने खारिज कर दिया. सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (People's Actin Party-PAP) के पूर्ण बहुमत वाली संसद ने सिंगापुर के लोगों की नौकरी और आजीविका सुरक्षित करने वाले एक प्रस्ताव को भी पारित किया.

विपक्षी प्रोग्रेस सिंगापुर पार्टी (Progress Singapore Party- PSP) ने भारत के साथ CECA का बार-बार जिक्र किया है कि कैसे सिंगापुर के लोग विदेशियों से हार गए हैं.

पढ़ें : भारत, सिंगापुर ने किया तीन दिवसीय नौसैन्य अभ्यास

पीएसपी के सांसद लेओंग मुन वाई ने सरकार से आग्रह किया था कि वह विदेशी प्रतिभा नीति और CECA जैसे FTA के प्रावधानों के कारण व्यक्तियों की मुक्त आवाजाही के चलते नौकरियों और आजीविका को लेकर सिंगापुर के लोगों के बीच व्यापक चिंता को दूर करने के लिए तत्काल और ठोस कार्रवाई करे.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस बात से सहमत नहीं हो सकती है कि CECA सिंगापुर के लिए लाभकारी है. जुलाई 2021 में विपक्ष द्वारा शुरू की गई एक बहस के बाद CECA पर यह दूसरी बहस थी.

भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए CECA पर 29 जून 2005 को हस्ताक्षर किए गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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