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परमाणु समझौते पर अहम सहमति बनी : रुहानी

ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए सहमति बन गई है. वहीं वार्ता में शामिल अन्य देशों का मानना है कि अभी चुनौती बाकी है. बता दें कि ईरान में 18 जून को चुनाव होने हैं जिसमें तय होगा कि राष्ट्रपति का स्थान कौन लेगा.

हसन रुहानी
हसन रुहानी
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Published : May 20, 2021, 10:32 PM IST

तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने बृहस्पतिवार को विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए जारी वार्ता के नतीजे आने से पहले ही आशावादी आकलन पेश किया. उन्होंने दावा किया है कि राजनयिकों में 'अहम' सहमति बन गई है जबकि इस वार्ता में शामिल अन्य देशों का मानना है कि चुनौती अब भी बाकी है.

रुहानी का बयान ऐसे समय आया है जब 18 जून को देश में चुनाव होने हैं ओर यह तय होना है कि अपेक्षाकृत उदार धार्मिक नेता व मौजूदा राष्ट्रपति का स्थान कौन लेगा. रुहानी के शासन काल में यह परमाणु समझौता हुआ था और चुनाव से पहले उनके दावे से सुधारवादी और उदार प्रत्याशी को लाभ मिल सकता है जो मौजूदा राष्ट्रपति के एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं जबकि चुनाव में पहले ही माना जा रहा है कि कट्टपंथी उम्मीदवार को बढ़त हासिल है.

पढ़ें - पाकिस्तान और चीन के प्रधानमंत्रियों ने बातचीत की, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प लिया

कई पेट्रोकेमिकल परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए रुहानी ने जोर देकर कहा कि 'अहम मुद्दों जैसे प्रतिबंध' पर राजनयिकों में सहमति बन चुकी है जबकि अन्य पर चर्चा जारी है.

रुहानी ने कहा, 'हमने प्रमुख और बड़ा कदम उठाया है और मुख्य समझौता हो चुका है.'

राष्ट्रपति की टिप्पणी वार्ता में शामिल रूसी राजनयिक मिखाइल उल्यानोव के ट्वीट के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा, 'यह तय है कि वियना वार्ता 21 मई तक पूरी (समझौता) नहीं होगी जैसा कि प्रतिभागियों को उम्मीद थी.'

उन्होंने स्थिति को खेदजनक परंतु नाटकीय बताया.

तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने बृहस्पतिवार को विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए जारी वार्ता के नतीजे आने से पहले ही आशावादी आकलन पेश किया. उन्होंने दावा किया है कि राजनयिकों में 'अहम' सहमति बन गई है जबकि इस वार्ता में शामिल अन्य देशों का मानना है कि चुनौती अब भी बाकी है.

रुहानी का बयान ऐसे समय आया है जब 18 जून को देश में चुनाव होने हैं ओर यह तय होना है कि अपेक्षाकृत उदार धार्मिक नेता व मौजूदा राष्ट्रपति का स्थान कौन लेगा. रुहानी के शासन काल में यह परमाणु समझौता हुआ था और चुनाव से पहले उनके दावे से सुधारवादी और उदार प्रत्याशी को लाभ मिल सकता है जो मौजूदा राष्ट्रपति के एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं जबकि चुनाव में पहले ही माना जा रहा है कि कट्टपंथी उम्मीदवार को बढ़त हासिल है.

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कई पेट्रोकेमिकल परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए रुहानी ने जोर देकर कहा कि 'अहम मुद्दों जैसे प्रतिबंध' पर राजनयिकों में सहमति बन चुकी है जबकि अन्य पर चर्चा जारी है.

रुहानी ने कहा, 'हमने प्रमुख और बड़ा कदम उठाया है और मुख्य समझौता हो चुका है.'

राष्ट्रपति की टिप्पणी वार्ता में शामिल रूसी राजनयिक मिखाइल उल्यानोव के ट्वीट के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा, 'यह तय है कि वियना वार्ता 21 मई तक पूरी (समझौता) नहीं होगी जैसा कि प्रतिभागियों को उम्मीद थी.'

उन्होंने स्थिति को खेदजनक परंतु नाटकीय बताया.

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