काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए नेपाली कांग्रेस के प्रमुख शेर बहादुर देउबा तब तक पद की शपथ नहीं लेंगे जब तक राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के कार्यालय से उनकी नियुक्ति के लिए संशोधित नोटिस नहीं आ जाता. मीडिया में मंगलवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई.
राष्ट्रपति भंडारी ने मंगलवार को 75 वर्षीय विपक्षी नेता को उच्चतम न्यायालय के सोमवार के फैसले के अनुरूप प्रधानमंत्री नियुक्त करने के लिये नोटिस जारी किया था.
प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि देउबा को संविधान के अनुच्छेद 76(5) के मुताबिक प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए.
'द हिमालयन टाइम्स' की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति कार्यालय ने हालांकि नोटिस में यह खुलासा नहीं किया कि देउबा को किस अनुच्छेद के तहत प्रधानमंत्री बनाया जा रहा है.
अखबार के मुताबिक, कुछ विधिक परामर्श के बाद देउबा ने राष्ट्रपति भंडारी को यह संदेश भेजा कि वह तब तक शपथ नहीं लेंगे जब तक यह त्रुटि दूर नहीं की जाती.
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शपथ ग्रहण समारोह शुरू में स्थानीय समय के मुताबिक शाम छह बजे (भारतीय समयानुसार शाम पौने छह बजे) होना था.
इससे पूर्व देउबा चार बार- पहली बार सितंबर 1995- मार्च 1997, दूसरी बार जुलाई 2001- अक्टूबर 2002, तीसरी बार जून 2004- फरवरी 2005 और चौथी बार जून 2017- फरवरी 2018 तक- प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
संवैधानिक प्रावधान के तहत प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्ति के बाद देउबा को 30 दिनों के अंदर सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा.
(पीटीआई-भाषा)