न्यूयॉर्क: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को टीकाकरण में देश की उत्कृष्ट सफलता के लिए प्रतिष्ठित 'वैक्सीन हीरो' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. टीकाकरण यानी वैक्सिनेशन के माध्यम से पोलियो, हैजा और विभिन्न संक्रामक रोगों को खत्म करने में उनकी भूमिका के लिए शेख हसीना को वैक्सीन हीरो सम्मान दिया गया है.
जिनेवा स्थित वैश्विक वैक्सीन गठबंधन जीएवीआई ने एक बयान में कहा कि हसीना को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र के मौके पर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक समारोह में पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीनेशन एंड इम्यूनाइजेशन (जीएवीआई) बोर्ड के अध्यक्ष डॉ नोज़ी ओकोन्ज़ो-इवेला (Ngozi Okonjo-Iweala) ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री को सम्मानित किया , जिसके बाद उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार को बांग्लादेश के लोगों को समर्पित है.
उन्होंने कहा, 'आज मुझे जो पुरस्कार मिला, वह मेरा नहीं है. यह पुरस्कार बांग्लादेश के लोगों का है और मैंने यह पुरस्कार उन्हें समर्पित किया है.'
इस दौरान प्रधानमंत्री ने देशवासियों से टीकाकरण कार्यक्रम जारी रखने का आग्रह किया, जिससे उनके बच्चों को स्वस्थ रह सकें.
उन्होंने कहा, 'स्वस्थ बच्चे देश को चलाएंगे और देश को आगे ले जाएंगे. आर्थिक विकास के लिए एक स्वस्थ पीढ़ी बहुत आवश्यक है.'
हसीना ने कहा कि 'देश को पोलियो, हैजा और विभिन्न संक्रामक रोगों से मुक्त किया गया, और इसमें हमें जीएवीआई से से काफी सहयोग मिला है.'
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पुरस्कार सौंपने से पहले, ओकोन्जो-इवेला द्वारा एक उद्धरण पढ़ा गया-
प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि 'वैक्सीन हीरो' अवार्ड को जीएवीआई द्वारा वैश्विक आंकड़ों को मान्यता देने के लिए पेश किया गया है, जिनके वैक्सीन एलायंस के मिशन के प्रति समर्पण ने दुनिया भर में सैकड़ों लाखों बच्चों की रक्षा करने में जीएवीआई और इसके सहयोगियों की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पत्र में कहा गया कि यह उन लोगों के लिए एक पुरस्कार है जिन्होंने बच्चों को जीवन रक्षक टीके उपलब्ध कराने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से छूटे नहीं.
साथ ही पत्र में हसीना को टीकाकरण के साथ साथ ही बाल अधिकार और महिला सशक्तिकरण की चैंपियन हैं.
इससे पहले हसिना ने अपने भाषण में कहा कि 2030 तक हम वैक्सिनेशन फार आल के लक्ष्य के हासिल कर लेंगे.
उन्होने कहा कि 'हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन के साथ सबके स्वास्थ्य कवरेज के तहत टीकाकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
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साथ ही उन्होंने कहा कि 2009 और 2012 में जीएवीआई द्वारा बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सम्मानित किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान और नियमित टीकाकरण के माध्यम से रोहिंग्याओं की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए असाधारण उपाय किए गए थे, हालांकि म्यांमार में उनकी स्वास्थ्य सेवाओं तक कोई पहुंच नहीं थी.
एक मिडिया रिपोर्ट के अनुसार समर्पित टीका केंद्र, और 18,000 से अधिक सामुदायिक क्लीनिक और केंद्रीय स्वास्थ्य केंद्र पूरे बांग्लादेश में टीकाकरण सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.