लाहौर : विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ पाकिस्तानी अदालतों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में शिकंजा कसते हुए उन्हें दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार कराया गया.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख और संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद कोर्टरूम से ही गिरफ्तार कर लिया गया.
लाहौर हाईकोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने शहबाज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. उन्हें राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार कर लिया.
शहबाज शरीफ ने आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत मांगी थी. एनएबी के प्रॉसीक्यूटर फैसल बुखारी ने कहा कि शरीफ की गिरफ्तारी जरूरी थी, क्योंकि उनसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की जानी है.
बुखारी ने शरीफ की जमानत याचिका को चुनौती दी है. उन्होंने तर्क दिया कि शाहबाज के परिवार की महिलाओं को एक प्रश्नावली जारी की गई थी, लेकिन उन पर कोई जवाब नहीं आया.
बुखारी ने अदालत को बताया कि अली अहमद और निसार अहमद 2009 से शहबाज के कर्मचारी थे, जब वह पंजाब के मुख्यमंत्री थे. इन दोनों के जरिए धन शोधन किया गया. उनके नाम के तहत दो कंपनियां थीं और वे कंपनियों के निदेशक थे, लेकिन आरोपी इकराम खाते पर साइन करता था.
दूसरी ओर शहबाज के वकील आजम नजीर तरार ने जोर देकर कहा कि वह रेफरेंस दायर होने के बाद अदालत के आदेश पर अदालत आए हैं. इस तरह, इस मोड़ पर उन्हें गिरफ्तार करना वजह से परे था.
तरार ने सवाल किया कि इस मोड़ पर उन्हें गिरफ्तार करने का उद्देश्य क्या है? हालांकि, अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के बाद, शहबाज को अदालत के अंदर से गिरफ्तार कर लिया गया.
इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गठबंधन बनाने की दिशा में काम कर रहे विपक्षी दलों को एक बड़ा झटका तब लगा, जब जवाबदेही अदालत ने मेगा मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को दोषी ठहराया.
जवाबदेही अदालत ने ओमनी समूह के प्रमुख अनवर मजीद और मामले के एक अन्य आरोपी को भी दोषी ठहराया. अदालत ने मजीद के बेटे अब्दुल गनी को भी दोषी करार दिया है.
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मामले के सभी आरोपियों ने दोषी न होने की दलील दी है. जवाबदेही अदालत का फैसला फर्जी खातों और भ्रष्टाचार के तीन मामलों में जरदारी की याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद आया है. इसने कहा कि उन्हें मामलों में बरी नहीं किया जा सकता.
आसिफ अली जरदारी ने कहा कि मैं पहले भी इन सबका सामना कर चुका हूं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने अदालत के फैसले को जुल्म बताया.
उन्होंने कहा कि जब विपक्ष अदालती मामलों का सामना कर रहा है, कैबिनेट के सदस्यों और प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन को तलब नहीं किया गया, क्योंकि देश में दो कानून हैं.
जरदारी को दोषी ठहराए जाने और शहबाज शरीफ की गिरफ्तारी के साथ, विपक्षी गठबंधन को सरकार-विरोधी अपने अभियान को लेकर एक बड़ा झटका लगा है.