टोक्यो: जापान मूसालाधार बारिश के कारण भयंकर बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ से तीन लोगों की जान जा चुकी है. तीसरे मृतक का दक्षिण-पश्चिम सागा प्रान्त में शव मिला है.
बता दें, जापान का यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है. दक्षिण-पश्चिम जापान के क्यूशू के उत्तरी भाग,सागा, फुकुओका और नागासाकी राज्य मूसालाधार बारिश के कारण भयंकर बाढ़ के चपेट में आ गए हैं.
सागा पुलिस के प्रवक्ता हिरोशी डैन ने बताया, 'तीसरी मृतक 96 वर्षीय महिला के रुप में पहचान हुई है. जांच में पाया गया कि महिला की मौत डूबने से हुई थी.'
अधिकारियों ने सागा और फुकुओका प्रान्त में अब तक तीन मौतों की पुष्टि की है. एक व्यक्ति की हालत गंभीर बताई जा रही है. वहीं, सागा राज्य में एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना है.
हालांकि मौसम विभाग ने पूरे क्षेत्र में चेतावनी के उच्चतम स्तर के आपातकालीन चेतावनी की घोषणा की थी. लेकिन अब इसे घटाकर दूसरे उच्चतम स्तर पर ला दिया गया है.
वहीं, अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र खाली करने के आदेश में छूट के बावजूद अलर्ट पर रहने का आग्रह किया है. अब भी निवासियों को भूस्खलन और बाढ़ से सतर्क रहने की चेतावनी दी है.
गौरतलब हो सरकारी आदेश के अनुसार करीब 6,70,000 लोगों को जापान का दक्षिणी-पश्चिमी प्रांत खाली करने का आदेश था.
सरकार ने अधिकारियों को बाढ़ और भूस्खलन की आशंका के चलते क्यूशू के उत्तरी भाग, सागा, फुकुओका और नागासाकी राज्य के लोगों को वहां से बाहर निकालने का निर्देश दिया था.
गौरतलब है कि यह क्षेत्र बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित है. बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. बाढ़ का पानी सड़कों पर बह रहा है.
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इसी बीच अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित खाली करने का आदेश वापस ले लिया है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, '3,92,000 लोगों को वापस जाने के आदेश दिया गया है, जबकि 884,000 लोगों को जगह खाली करने का आदेश दिया गया था.'
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि आने वाले दिनों में उत्तरी क्यूशू और अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है. हालांकि कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी अब घट गया है.
बता दें बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में सागा राज्य का ओमाची शहर है. यहां पर नर्स नावों से अस्पताल आ रही हैं, क्योंकि बाढ़ के पानी से सभी रास्तें कट गए है.
वहीं क्यूशू रेलवे कंपनी ने बाढ़ के कारण अपनी रेल सेवाएं स्थगित कर दी थीं.
वहीं अधिकारी स्थानीय स्टीलवर्क्स से तेल रिसाव रोकने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें, जापान के पश्चिम भाग में पिछली गर्मियों में भारी बारिश के बाद 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.