इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ को विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई. कोर्ट के इस निर्णय की विपक्षी दल के नेताओं ने प्रशंसा की, जबकि सरकार ने कहा कि विशेष अदालत के फैसले की वह 'विस्तार से समीक्षा' करेगी.
फैसले के तुरंत बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपनी दिवंगत मां बेनजीर भुट्टो की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, 'प्रतिशोध का सर्वोत्तम तरीका लोकतंत्र है.'
तस्वीर में बेनजीर भुट्टो रावलपिंडी के लियाकत बाग में 2007 में एक रैली को संबोधित करती दिख रही हैं.
भुट्टो परिवार ने मुशर्रफ पर आरोप लगाया है कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जिससे 2007 में उनकी हत्या हो गई.
'द डॉन' अखबार ने खबर दी कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के महासचिव अहसान इकबाल ने कहा कि इस फैसले के साथ पहली बार पाकिस्तान में संविधान सर्वोपरि साबित हुआ है.
उन्होंने कहा कि अगर 50 वर्ष पहले यह फैसला दिया गया होता तो देश में कभी भी मार्शल लॉ लागू नहीं होता.
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इकबाल के हवाले से कहा गया, 'इसके साथ उम्मीद है कि भविष्य में संविधान को तोड़ने की परम्परा खत्म होगी.'
प्रधानमंत्री की विशेष सूचना और प्रसारण सहायक फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि मुशर्रफ की मौत की सजा की सरकार समीक्षा करेगी.
अवान ने कहा कि न्यायपालिका के विशेषज्ञ कानूनी और राजनीतिक बिंदुओं पर गौर करेंगे जिसके बाद सरकार बयान जारी करेगी.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने लोगों के बीच एकता का आह्वान किया.
मंत्री ने ट्वीट किया, 'इस तरह के फैसलों का क्या फायदा जो दूरियां और विभाजन बढ़ाता है और जिसके माध्यम से देश और संस्थान विभाजित होते हैं?'
चौधरी ने कहा, 'मैं बार-बार कहता रहा हूं कि वार्ता की जरूरत है. नए समझौते करें. किसी को नीचा दिखाना किसी के हित में नहीं है. देश पर दया करें.'
'जियो न्यूज' ने खबर दी कि इस बीच देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने कहा कि मुशर्रफ की सजा का हर क्षेत्र में असर होगा.
कादिर ने अखबार से कहा, 'यह गलत निर्णय है और इससे देश विभाजित होगा. हितों का टकराव होगा जो फैसले के बाद शुरू होगा.'