सिंगापुर : कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराक ले चुके भारत और इंडोनेशिया के यात्रियों के लिए 29 नवंबर से पृथकवास-मुक्त यात्रा की अनुमति देने की सिंगापुर की योजना से यहां के व्यवसाय को एक बड़ा बढ़ावा मिल सकता है. हालांकि यात्रियों को यात्रा से पहले एक निगेटिव कोविड-19 जांच रिपोर्ट की आवश्यकता होगी जो कुछ यात्रियों को हतोत्साहित कर सकती है. यह बात बुधवार को यहां एक मीडिया की खबर में कही गई है.
'द स्ट्रेट्स टाइम्स' समाचारपत्र की खबर में कहा गया है, सिंगापुर 29 नवंबर से भारत और इंडोनेशिया के लिए सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर टीकाकरण यात्रा पंक्ति (वीटीएल) की योजना बना रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह वैश्विक सम्पर्क के साथ एक अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र के रूप में देश की स्थिति को 'पुनः हासिल और पुनर्निर्मित' करना चाहता है.
हालांकि, भले ही दो वीटीएल 29 नवंबर से शुरू होने वाले हैं लेकिन उड़ान से पहले और आगमन पर आरटीपीसीआर जांच कराने की आवश्यकता लागत-सचेत यात्रियों को हतोत्साहित कर सकती है. ऐसे यात्रियों की संख्या इन मार्गों के यात्रियों में अधिक है.
इंडोनेशिया के साथ व्यवस्था भी केवल एक ओर वाली है. इसके तहत उस देश के आगंतुकों को बिना पृथकवास के सिंगापुर में आने की अनुमति है.
जो भारत की यात्रा करना चाहते हैं, उनके लिए वर्तमान में चांगी और भारत के अन्य हवाई अड्डों के बीच कोई व्यावसायिक उड़ानें नहीं हैं. हालांकि दोनों देश सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे हैं.
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'द स्ट्रेट्स टाइम्स' ने सीआईएमबी के निजी बैंकिंग अर्थशास्त्री सोंग सेंग वून के हवाले से कहा, 'हम अभी भी पूर्व-महामारी के समय से बहुत दूर हैं. हमें अभी भी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है, उद्योग के विशेषज्ञ अभी भी केवल 2023 और 2024 में यात्रा पूरी तरह से पटरी पर आने की भविष्यवाणी कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'हालांकि हमें यह याद रखना चाहिए कि यहां पर्यटकों की एक अतिरिक्त बस कई गुना प्रभाव डाल सकती है और शायद व्यवसायों को बचा सकती है. इंडोनेशिया और भारत और सिंगापुर के लोगों के बीच संबंधों के कारण, ये वीटीएल भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. हालांकि मलेशिया के साथ कॉजवे लिंक शुरू होने बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा.'
(पीटीआई-भाषा)