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2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे पुतिन, कार्यकाल बढ़ाने वाला संविधान संशोधन हुआ प्रभावी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपना कार्यकाल बढ़ाने वाले संविधान संशोधन को लागू करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. ऐसा करने के बाद पुतिन के 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया है. रूस की सरकार की ओर से जारी आदेश की प्रति के मुताबिक, संशोधन शनिवार से प्रभावी होंगे.

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Published : Jul 4, 2020, 4:23 AM IST

Updated : Jul 4, 2020, 7:57 AM IST

putin
रूस में कार्यकाल बढ़ाने वाले संविधान संशोधन

मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वर्ष 2036 तक सत्ता में बरकरार रहेंगे. उन्होंने संविधान संशोधन के एक आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है. हस्ताक्षर करने के बाद पुतिन ने कहा, 'संशोधन लागू होते हैं. वे लोगों की इच्छा से ही प्रभावी हो जाते हैं, इसे लागू किए बिना ही.'

गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी के बीच रूस में करीब एक सप्ताह तक जनमत संग्रह कराया गया. रूस के मतदाताओं द्वारा बदलावों को मंजूरी दिए जाने के बाद पुतिन ने शुक्रवार को अपना कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति वाले संविधान संशोधनों को लागू करने के आदेश दिए.

संशोधन का मसौदा तैयार करने वाले सांसदों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस के राष्ट्रपति ने कहा, 'बतौर एक देश, यह महत्वपूर्ण निर्णय हमने मिलकर लिया है.'

इन बदलावों के साथ ही पुतिन को वर्तमान कार्यकाल के बाद भी छह वर्ष के दो कार्यकाल के लिए अनुमति मिल जाएगी. उनका वर्तमान कार्यकाल 2024 में समाप्त होगा.

संशोधन के मुताबिक, समान-लिंग विवाह को भी अस्वीकार किया गया है. साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय नियमों पर रूसी कानून की प्रधानता पर जोर देता है.

पुतिन ने जनवरी में संविधान संशोधन का प्रस्ताव किया था. उन्होंने आगे भी अपने पद पर बरकरार रहने और अन्य मामलों को लेकर देशभर में जनमत संग्रह का आह्वान किया था. हालांकि, रूस की संसद में बदलावों पर मुहर लगने के बाद कानूनी रूप से जनमत संग्रह की कोई आवश्यकता नहीं थी.

यह भी पढ़ें: रूस : पुतिन के कार्यकाल विस्तार, 78 प्रतिशत जनता ने लगाई मुहर

शुरुआत में जनमत संग्रह के लिए 22 अप्रैल की तरीख तय की गई थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था.

इसके बाद मतदाताओं पर दबाव और अन्य अनियमित्ताओं के आरोपों के बीच बुधवार को मतदान पूरा हुआ था.

क्रेमलिन आलोचकों ने परिणामों की निंदा की थी. हालांकि, केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया.

मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वर्ष 2036 तक सत्ता में बरकरार रहेंगे. उन्होंने संविधान संशोधन के एक आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है. हस्ताक्षर करने के बाद पुतिन ने कहा, 'संशोधन लागू होते हैं. वे लोगों की इच्छा से ही प्रभावी हो जाते हैं, इसे लागू किए बिना ही.'

गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी के बीच रूस में करीब एक सप्ताह तक जनमत संग्रह कराया गया. रूस के मतदाताओं द्वारा बदलावों को मंजूरी दिए जाने के बाद पुतिन ने शुक्रवार को अपना कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति वाले संविधान संशोधनों को लागू करने के आदेश दिए.

संशोधन का मसौदा तैयार करने वाले सांसदों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस के राष्ट्रपति ने कहा, 'बतौर एक देश, यह महत्वपूर्ण निर्णय हमने मिलकर लिया है.'

इन बदलावों के साथ ही पुतिन को वर्तमान कार्यकाल के बाद भी छह वर्ष के दो कार्यकाल के लिए अनुमति मिल जाएगी. उनका वर्तमान कार्यकाल 2024 में समाप्त होगा.

संशोधन के मुताबिक, समान-लिंग विवाह को भी अस्वीकार किया गया है. साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय नियमों पर रूसी कानून की प्रधानता पर जोर देता है.

पुतिन ने जनवरी में संविधान संशोधन का प्रस्ताव किया था. उन्होंने आगे भी अपने पद पर बरकरार रहने और अन्य मामलों को लेकर देशभर में जनमत संग्रह का आह्वान किया था. हालांकि, रूस की संसद में बदलावों पर मुहर लगने के बाद कानूनी रूप से जनमत संग्रह की कोई आवश्यकता नहीं थी.

यह भी पढ़ें: रूस : पुतिन के कार्यकाल विस्तार, 78 प्रतिशत जनता ने लगाई मुहर

शुरुआत में जनमत संग्रह के लिए 22 अप्रैल की तरीख तय की गई थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था.

इसके बाद मतदाताओं पर दबाव और अन्य अनियमित्ताओं के आरोपों के बीच बुधवार को मतदान पूरा हुआ था.

क्रेमलिन आलोचकों ने परिणामों की निंदा की थी. हालांकि, केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया.

Last Updated : Jul 4, 2020, 7:57 AM IST
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