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श्रीलंका की संसदीय समिति ने बुर्के पर तत्काल प्रतिबंध का रखा प्रस्ताव

श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संसदीय समिति ने बुर्के पर तत्काल प्रतिबंध और जातीय या धार्मिक आधार पर बने राजनीतिक दलों के पंजीकरण को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा है.

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श्रीलंका में संसदीय समिति ने बुर्के पर तत्काल प्रतिबंध
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Published : Feb 22, 2020, 12:12 AM IST

Updated : Mar 2, 2020, 3:28 AM IST

कोलंबो: श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संसदीय समिति ने बुर्के पर तत्काल प्रतिबंध और जातीय या धार्मिक आधार पर बने राजनीतिक दलों के पंजीकरण को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा है.

समिति ने यह प्रस्ताव पिछले साल 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर रखा है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

समाचार पत्र 'डेली मिरर' के अनुसार विशेष रिपोर्ट के तौर पर गुरुवार को संसद में पेश किये गए प्रस्ताव में ईस्टर हमलों के बाद 14 विवादास्पद मुद्दों के हल करने की बात कही गई है.

रिपोर्ट के अनुसार कई देश पहले ही बुर्के पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.

इसमें सुझाव दिया गया है कि पुलिस के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वह सार्वजनिक स्थानों पर किसी व्यक्ति को पहचानने के लिए उसे चेहरा दिखाने के लिये कह सके.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वह व्यक्ति पुलिस के अनुरोध पर अमल नहीं करता तो उसे बिना वारंट गिरफ्तार किया जाना चाहिये.

प्रस्ताव में देश के चुनाव आयोग से जाति और धर्म पर आधार राजनीतिक दलों के पंजीकरण को निलंबित करने के लिए एक कानून बनाने की सिफारिश की गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मदरसों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को तीन साल के भीतर शिक्षा मंत्रालय के तहत सामान्य स्कूल प्रणाली में भेजा जाना चाहिए.

रिपोर्ट में मदरसों को मुस्लिम धार्मिक एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग के तहत विनियमित करने के लिए एक विशेष समिति गठित करने का भी प्रस्ताव है.

गौरतलब है स्थानीय आतंकवादी समूह नेशनल तौहीद जमात के नौ आत्मघाती हमलावरों ने ईस्टर संडे पर तीन गिरजाघरों और तीन आलीशान होटलों को निशाना बनाया था, जिसमें 11 भारतीयों समेत 258 लोगों की मौत हो गई थी.

कोलंबो: श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संसदीय समिति ने बुर्के पर तत्काल प्रतिबंध और जातीय या धार्मिक आधार पर बने राजनीतिक दलों के पंजीकरण को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा है.

समिति ने यह प्रस्ताव पिछले साल 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर रखा है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

समाचार पत्र 'डेली मिरर' के अनुसार विशेष रिपोर्ट के तौर पर गुरुवार को संसद में पेश किये गए प्रस्ताव में ईस्टर हमलों के बाद 14 विवादास्पद मुद्दों के हल करने की बात कही गई है.

रिपोर्ट के अनुसार कई देश पहले ही बुर्के पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.

इसमें सुझाव दिया गया है कि पुलिस के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वह सार्वजनिक स्थानों पर किसी व्यक्ति को पहचानने के लिए उसे चेहरा दिखाने के लिये कह सके.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वह व्यक्ति पुलिस के अनुरोध पर अमल नहीं करता तो उसे बिना वारंट गिरफ्तार किया जाना चाहिये.

प्रस्ताव में देश के चुनाव आयोग से जाति और धर्म पर आधार राजनीतिक दलों के पंजीकरण को निलंबित करने के लिए एक कानून बनाने की सिफारिश की गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मदरसों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को तीन साल के भीतर शिक्षा मंत्रालय के तहत सामान्य स्कूल प्रणाली में भेजा जाना चाहिए.

रिपोर्ट में मदरसों को मुस्लिम धार्मिक एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग के तहत विनियमित करने के लिए एक विशेष समिति गठित करने का भी प्रस्ताव है.

गौरतलब है स्थानीय आतंकवादी समूह नेशनल तौहीद जमात के नौ आत्मघाती हमलावरों ने ईस्टर संडे पर तीन गिरजाघरों और तीन आलीशान होटलों को निशाना बनाया था, जिसमें 11 भारतीयों समेत 258 लोगों की मौत हो गई थी.

Last Updated : Mar 2, 2020, 3:28 AM IST
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