ब्रासीलिया : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस की भारत को सतह से हवा में मार करने वाली 'एस-400 प्रक्षेपास्त्र' प्रणाली की आपूर्ति तय कार्यक्रम के मुताबिक करने की योजना है. उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इस सौदे को लकेर अमेरिका की तरफ से चेतावनी दी जा रही है.
भारत ने 2015 में सतह से हवा में मार करने वाली प्रक्षेपास्त्र प्रणाली एस-400 'ट्रिम्फ' को हासिल करने की इच्छा जाहिर की थी. राष्ट्रपति पुतिन के पिछले साल हुए भारत दौरे के दौरान 5.43 अरब अमेरिकी डॉलर के इस करार पर दस्तखत किये गए थे.
ब्राजीलियाई राजधानी में संपन्न हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर संवाददाताओं से बात करते हुए 14 नवंबर को उन्होंने कहा, 'जब एस-400 की आपूर्ति की बात आती है तो सब कुछ तय योजना के मुताबिक होगा.
एक समाचार एजेंसी ने पुतिन को उद्धृत करते हुए कहा, 'भारतीय समकक्ष (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने किसी भी चीज में तेजी लाने को नहीं कहा क्योंकि सबकुछ ठीक चल रहा है.'
रूस के साथ 'एस-400' सौदे का अमेरिका विरोध कर रहा है और ट्रंप प्रशासन ने धमकी दी थी कि वह रूस से हथियार और सैन्य सामग्री हासिल करने वाले राष्ट्रों पर पाबंदी लगाएगा.
अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत को चेताया था कि अमेरिका के विरोधियों से निपटने के कानून (सीएएटीएसए) के तहत एस -400 सौदे को लेकर उस पर प्रतिबंध लग सकता है. यह कानून रूस , ईरान और उत्तर कोरिया से रक्षा खरीद पर रोक लगाता है.
पढ़ें : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रूस रवाना होंगे
भारत ने हालांकि अमेरिका को बता दिया था कि रूसी 'एस -400 वायु रक्षा प्रक्षेपास्त्र प्रणाली' की खरीद को रद्द करने का उसका कोई इरादा नहीं है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जून में अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो को दिल्ली में बताया था कि दूसरे देशों से लेनदेन करते समय भारत अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखेगा.