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भारत को एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली तय समय पर देगा रूस : पुतिन

ब्रिक्स शिखर सम्मलेन के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वह भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 प्रक्षेपास्त्र की आपूर्ति तय समय पर देगा. यह समझौता पिछले साल भारत दौरे पर आए पुतिन ने इस करार पर हस्ताक्षर किया था.

पुतिन (फाइल फोटो)
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Published : Nov 15, 2019, 9:52 PM IST

ब्रासीलिया : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस की भारत को सतह से हवा में मार करने वाली 'एस-400 प्रक्षेपास्त्र' प्रणाली की आपूर्ति तय कार्यक्रम के मुताबिक करने की योजना है. उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इस सौदे को लकेर अमेरिका की तरफ से चेतावनी दी जा रही है.

भारत ने 2015 में सतह से हवा में मार करने वाली प्रक्षेपास्त्र प्रणाली एस-400 'ट्रिम्फ' को हासिल करने की इच्छा जाहिर की थी. राष्ट्रपति पुतिन के पिछले साल हुए भारत दौरे के दौरान 5.43 अरब अमेरिकी डॉलर के इस करार पर दस्तखत किये गए थे.

ब्राजीलियाई राजधानी में संपन्न हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर संवाददाताओं से बात करते हुए 14 नवंबर को उन्होंने कहा, 'जब एस-400 की आपूर्ति की बात आती है तो सब कुछ तय योजना के मुताबिक होगा.

एक समाचार एजेंसी ने पुतिन को उद्धृत करते हुए कहा, 'भारतीय समकक्ष (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने किसी भी चीज में तेजी लाने को नहीं कहा क्योंकि सबकुछ ठीक चल रहा है.'

रूस के साथ 'एस-400' सौदे का अमेरिका विरोध कर रहा है और ट्रंप प्रशासन ने धमकी दी थी कि वह रूस से हथियार और सैन्य सामग्री हासिल करने वाले राष्ट्रों पर पाबंदी लगाएगा.

अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत को चेताया था कि अमेरिका के विरोधियों से निपटने के कानून (सीएएटीएसए) के तहत एस -400 सौदे को लेकर उस पर प्रतिबंध लग सकता है. यह कानून रूस , ईरान और उत्तर कोरिया से रक्षा खरीद पर रोक लगाता है.

पढ़ें : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रूस रवाना होंगे

भारत ने हालांकि अमेरिका को बता दिया था कि रूसी 'एस -400 वायु रक्षा प्रक्षेपास्त्र प्रणाली' की खरीद को रद्द करने का उसका कोई इरादा नहीं है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जून में अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो को दिल्ली में बताया था कि दूसरे देशों से लेनदेन करते समय भारत अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखेगा.

ब्रासीलिया : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस की भारत को सतह से हवा में मार करने वाली 'एस-400 प्रक्षेपास्त्र' प्रणाली की आपूर्ति तय कार्यक्रम के मुताबिक करने की योजना है. उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इस सौदे को लकेर अमेरिका की तरफ से चेतावनी दी जा रही है.

भारत ने 2015 में सतह से हवा में मार करने वाली प्रक्षेपास्त्र प्रणाली एस-400 'ट्रिम्फ' को हासिल करने की इच्छा जाहिर की थी. राष्ट्रपति पुतिन के पिछले साल हुए भारत दौरे के दौरान 5.43 अरब अमेरिकी डॉलर के इस करार पर दस्तखत किये गए थे.

ब्राजीलियाई राजधानी में संपन्न हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर संवाददाताओं से बात करते हुए 14 नवंबर को उन्होंने कहा, 'जब एस-400 की आपूर्ति की बात आती है तो सब कुछ तय योजना के मुताबिक होगा.

एक समाचार एजेंसी ने पुतिन को उद्धृत करते हुए कहा, 'भारतीय समकक्ष (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने किसी भी चीज में तेजी लाने को नहीं कहा क्योंकि सबकुछ ठीक चल रहा है.'

रूस के साथ 'एस-400' सौदे का अमेरिका विरोध कर रहा है और ट्रंप प्रशासन ने धमकी दी थी कि वह रूस से हथियार और सैन्य सामग्री हासिल करने वाले राष्ट्रों पर पाबंदी लगाएगा.

अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत को चेताया था कि अमेरिका के विरोधियों से निपटने के कानून (सीएएटीएसए) के तहत एस -400 सौदे को लेकर उस पर प्रतिबंध लग सकता है. यह कानून रूस , ईरान और उत्तर कोरिया से रक्षा खरीद पर रोक लगाता है.

पढ़ें : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रूस रवाना होंगे

भारत ने हालांकि अमेरिका को बता दिया था कि रूसी 'एस -400 वायु रक्षा प्रक्षेपास्त्र प्रणाली' की खरीद को रद्द करने का उसका कोई इरादा नहीं है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जून में अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो को दिल्ली में बताया था कि दूसरे देशों से लेनदेन करते समय भारत अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखेगा.

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.BRASILIA FGN24
RUSSIA-INDIA-S400-LD PUTIN
Russia plans to deliver S-400 missile systems to India on schedule: President Putin
(Eds: Updating with more inputs)
         Brasilia, Nov 15 (PTI) Russia plans to deliver the S-400 surface-to-air missile systems to India as per schedule, President Vladimir Putin has said, amidst warnings from the US against the multi-billion deal.
         India announced its intention to acquire S-400 'Triumf' surface-to-air missile systems in 2015. The contract worth USD 5.43 billion was signed during the visit of President Putin to India last year.
         "When it comes to S-400 deliveries, everything goes according to plan," President Putin told reporters on Thursday on the sidelines of the just-concluded BRICS Summit here in the Brazilian capital.
         "Indian colleague (Indian Prime Minister Narendra Modi) did not ask to to speed up anything, as everything goes well," Putin was quoted as saying by the official Tass news agency.
          Prime Minister Modi and President Putin held a bilateral meeting on the margins of the BRICS Summit on Wednesday and they reviewed the progress made in the bilateral ties and discussed ways to further bolster the special strategic partnership.
         The US has opposed the S-400 deal with Russia with the Trump administration threatening to impose sanctions on the states that are acquiring weapons and military hardware from Russia.
         Senior US officials have cautioned India that the S-400 deal could attract sanctions under the Countering America's Adversaries Through Sanctions Act (CAATSA) law that restricts defence purchases from Russia, Iran and North Korea.
         India acquiring the S-400 missile defence system from Russia is a "problem" for the US, Admiral Philip Davidson, who is Commander of Indo-Pacific Command, said in July.
         However, India has told the US that it does not intend to give up the deal for the purchase of Russian-made S-400 air defence missile systems.
         In June, External Affairs Minister S Jaishankar told his American counterpart Mike Pompeo in New Delhi that India will go by its national interest while dealing with other countries.
         The S-400 is the most advanced long-range air defense missile system that went into service in Russia in 2007. It is designed to destroy aircraft, cruise and ballistic missiles, including medium-range missiles, and can also be used against ground installations.
         The S-400 can engage targets at a distance of 400 km and at an altitude of up to 30 km.
          In August, a senior Russian diplomat in New Delhi said Russia will make all efforts to deliver the S-400 missile systems to India on schedule.
         "The term of the contract's implementation is well known: by 2023, these systems must be delivered to India," the official said.
         Meanwhile, Turkey, a critical NATO ally, which is buying the same air defence system from Russia, has said that it will not give up on the S-400 to acquire US-made Patriot surface-to-air missile system.
          "It is out of question to completely leave Russian S-400 to buy US Patriots. We can buy Patriots too. However, we will buy S-400 as well," the official Anadolu news agency quoted President Recep Tayyip Erdogan as saying. PTI
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