नई दिल्ली : भारत सरकार ने कहा है कि मॉरीशस (Mauritius) के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ (Anerood Jugnauth) के निधन पर राजकीय शोक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, सरकारी स्तर पर कोई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा. इससे पहले पद्म विभूषण अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन के बाद पीएम मोदी ने आज मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ से बात की. पीएम मोदी ने खुद खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी.
मोदी ने कहा, 'सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को हिंद महासागर क्षेत्र के सबसे बड़े राजनेताओं में एक और भारत की मॉरीशस के साथ विशेष मित्रता के प्रमुख वास्तुकार के रूप में याद किया जाएगा.'
भारत सरकार द्वारा अनिरुद्ध जगन्नाथ को पिछले साल देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया था.
भारतीय मूल के अनिरुद्ध जगन्नाथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के पिता थे. उनका गुरुवार को निधन हो गया.
मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपुन ने शोक संदेश में कहा, 'मॉरीशस ने अपने सबसे महान देशभक्तों में से एक को खो दिया है, जिन्होंने देश में वि-उपनिवेशीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी ताकि वह चागोस द्वीपसमूह सहित मॉरीशस गणराज्य के पूरे क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता का प्रयोग कर सके.'
'ली मौरिसियन' अखबार ने लिखा कि 29 मार्च, 1930 को जन्मे जगन्नाथ देश के सबसे उल्लेखनीय व्यक्तियों और सम्मानित नेताओं में से एक थे.
इससे पहले भारत में राष्ट्रपति समेत कई अन्य नेताओं ने भी अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन पर शोक जताया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन पर अपने शोक संदेश में कहा कि जगन्नाथ एक वैश्विक नेता होने के अलावा दूरदर्शी और भारत के अद्वितीय मित्र थे.
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन पर शोक जताया और कहा कि अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन से भारत ने अपना विशेष दोस्त खो दिया है.
जगन्नाथ के निधन पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने भी शोक जताया. उन्होंने उनके साथ मुलाकात की पुरानी तस्वीर भी ट्वीट की.
ओडिशा से निर्वाचित सांसद अच्युत सामंता ने भी अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन पर शोक जताया
जगन्नाथ की विरासत से होंगे लाभान्वित
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति जगन्नाथ के निधन की सूचना मिलने पर गुरुवार रात पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा था,'पद्म विभूषण सर अनिरुद्ध जगन्नाथ, एक बड़े राजनेता और कुशल राजनीतिज्ञ के रूप मेंआधुनिक मॉरीशस के वास्तुकार थे. एक गौरवान्वित प्रवासी भारतीय के तौर पर उन्होंने विशेष द्विपक्षीय संबंध बनाने में हमेशा सहायता की जो उनकी विरासत से लाभान्वित होंगे. उनके परिवार और मॉरीशस के लोगों के प्रति संवेदना. ओम शांति.'
अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन से राजनीतिक गलियारों के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी शोक की लहर है. भारतीय शेयर बाजार, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज-(BSE) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष चौहान ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.
छह बार चुने गए प्रधानमंत्री
गौरतलब है कि जगन्नाथ ने 1957 में सरोजिनी बल्लाह से शादी की थी और दंपति के दो बच्चे हैं, जिनमें प्रधानमंत्री प्रविंद भी शामिल हैं. जगन्नाथ ने 2003 से 2012 तक मॉरीशस के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और 1982 से 2017 तक छह बार प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए. बाद में, उन्होंने अपने बेटे प्रविंद जगन्नाथ के लिए अपना पद छोड़ दिया.
लंदन विश्वविद्यालय के लिंकन इन में कानून का अध्ययन
अनिरुद्ध जगन्नाथ पेशे से वकील थे और उन्होंने 1963 में विधान परिषद के चुनाव के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. 1951 में, वह ब्रिटेन में लंदन विश्वविद्यालय के लिंकन इन में कानून का अध्ययन करने गए. 1965 में, उन्होंने देश की स्वतंत्रता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लंदन में संवैधानिक सम्मेलन में भाग लिया.
चागोसियन समुदाय के लिए किया संघर्ष
जगन्नाथ चागोस द्वीपसमूह के वि-उपनिवेशीकरण की प्रक्रिया और चागोसियन समुदाय की भलाई को बढ़ावा देने के लिए संघर्ष में अग्रणी थे. उनके संघर्ष के चलते अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का यह निर्णय आया और चागोस द्वीपसमूह मॉरीशस गणराज्य के क्षेत्र का एक अभिन्न अंग है.