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सफेद धुएं से ढका बेरुत बंदरगाह, लोगों में दहशत

बीते 10 सितंबर को बेरुत के जिस बंदरगाह पर आग लगी थी, आज वहां सफेद धुएं का एक गुबार उठा, जिसने पूरे बंदरगाह को ढक लिया. इससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई. देखें वीडियो...

सफेद धुएं से ढका बेरुत बंदरगाह
सफेद धुएं से ढका बेरुत बंदरगाह
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Published : Sep 13, 2020, 3:51 PM IST

बेरुत : सफेद धुएं के गुबार ने बेरुत बंदरगाह को पूरी तरह से ढक लिया है, जिससे लेबनान की राजधानी के निवासियों में दहशत फैल गई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने स्थानीय मीडिया रिपोटरें के हवाले से बताया कि धुंए ने बंदरगाह को ढक दिया, जहां 10 सितंबर को आग लग गई थी.

सिविल डिफेंस टीमें आग लगने के बाद से पिछले दो दिनों से बंदरगाह तैनात हैं, क्योंकि आग बंदरगाह के ड्यूटी फ्री (बिना टैक्स वाले) गोदाम में खाद्य उत्पादों, तेल, टायर, सौंदर्य उत्पाद, कपड़े, जूते, घरेलू उपकरण और बिजली के उपकरण को नष्ट कर रही है.

सफेद धुएं से ढका बेरुत बंदरगाह

बेरुत फायर ब्रिगेड के मुख्य सूचना अधिकारी अली नज्म ने कहा कि टीमें बंदरगाह पर रखे उत्पादों को हटाने का प्रयास कर रही हैं, जिससे सफेद धुंआ पैदा हो रहा है जबकि स्थिति नियंत्रण में है.

आग के कारण1.5 करोड़ डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है.

लेबनान रेड क्रॉस (एलआरसी) की प्रवक्ता रोना हलाबी ने उल्लेख किया कि लेबनान और सीरिया में गरीब परिवारों को वितरित किए जाने वाले उत्पादों का एक बड़ा हिस्सा आग में जलकर नष्ट हो गया.

बेरुत का बंदरगाह उत्पादों को संग्रहीत करने के लिए एलआरसी द्वारा इस्तेमाल उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण सुविधा है.

इससे पहले, बंदरगाह पर 4 अगस्त को हुए विस्फोट में 190 लोगों की जान चली गई थी, हजारों लोग घायल हो गए थे और लगभग 300,000 बेघर हो गए.

पढ़ें- बेरुत विस्फोट में उठा मशरूम जैसा बादल, जानें इसके बारे में

बंदरगाह के एक गोदाम में रखे 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट के कारण विस्फोट हुआ था.

आग लगने की वजह के बारे में पता नहीं चल पाया है और जांच अभी भी जारी है.

बेरुत : सफेद धुएं के गुबार ने बेरुत बंदरगाह को पूरी तरह से ढक लिया है, जिससे लेबनान की राजधानी के निवासियों में दहशत फैल गई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने स्थानीय मीडिया रिपोटरें के हवाले से बताया कि धुंए ने बंदरगाह को ढक दिया, जहां 10 सितंबर को आग लग गई थी.

सिविल डिफेंस टीमें आग लगने के बाद से पिछले दो दिनों से बंदरगाह तैनात हैं, क्योंकि आग बंदरगाह के ड्यूटी फ्री (बिना टैक्स वाले) गोदाम में खाद्य उत्पादों, तेल, टायर, सौंदर्य उत्पाद, कपड़े, जूते, घरेलू उपकरण और बिजली के उपकरण को नष्ट कर रही है.

सफेद धुएं से ढका बेरुत बंदरगाह

बेरुत फायर ब्रिगेड के मुख्य सूचना अधिकारी अली नज्म ने कहा कि टीमें बंदरगाह पर रखे उत्पादों को हटाने का प्रयास कर रही हैं, जिससे सफेद धुंआ पैदा हो रहा है जबकि स्थिति नियंत्रण में है.

आग के कारण1.5 करोड़ डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है.

लेबनान रेड क्रॉस (एलआरसी) की प्रवक्ता रोना हलाबी ने उल्लेख किया कि लेबनान और सीरिया में गरीब परिवारों को वितरित किए जाने वाले उत्पादों का एक बड़ा हिस्सा आग में जलकर नष्ट हो गया.

बेरुत का बंदरगाह उत्पादों को संग्रहीत करने के लिए एलआरसी द्वारा इस्तेमाल उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण सुविधा है.

इससे पहले, बंदरगाह पर 4 अगस्त को हुए विस्फोट में 190 लोगों की जान चली गई थी, हजारों लोग घायल हो गए थे और लगभग 300,000 बेघर हो गए.

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बंदरगाह के एक गोदाम में रखे 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट के कारण विस्फोट हुआ था.

आग लगने की वजह के बारे में पता नहीं चल पाया है और जांच अभी भी जारी है.

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