काहिरा : फिलिस्तीन के विदेश मंत्री ने अरब देशों से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल के बीच होने वाले एक समझौते को खारिज करने की अपील की. उन्होंने इस समझौते को 'एक भूकम्प' बताया.
यूएई और इजराइल ने पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए 13 अगस्त को एक समझौते की घोषणा की थी. फिलिस्तीन लगातार इस समझौते का विरोध कर रहा है और इसे वापस लेने की मांग कर रहा है.
फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-माल्की ने बुधवार की बैठक में अरब लीग से कहा कि यूएई-इजराइल समझौते की घोषणा के तुरंत बाद फिलिस्तीन अधिकारियों ने आपात बैठक का आह्वान किया था. जिसमें उन्होंने कहा कि अरब लीग के एक सदस्य ने बैठक की कार्यसूची में एक और मुद्दे को जोड़ने की फिलिस्तीन की मांग का विरोध किया. वह जाहिर तौर पर फिलिस्तीन की ओर से पेश मसौदा प्रस्ताव का जिक्र कर रहे थे.
अल-माल्की ने हालांकि उस देश का नाम नहीं बताया. कोरोना वायरस के कारण यह बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई.
अल-माल्की ने यूएई और इजराइल के बीच इस समझौते को 'एक भूकम्प' करार दिया और अरब के विदेश मंत्रियों से समझौते का विरोध करने की अपील की.
अरब लीग के उप महासचिव होसाम जकी ने काहिरा में पत्रकारों से कहा कि फिलिस्तीन द्वारा पेश किए गए मसौदे पर फिलिस्तीन और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मतभेद होने के कारण यूएई-इजराइल प्रस्ताव पर सहमति बनाने में विदेश मंत्री विफल रहे.
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उन्होंने कहा, मसौदा प्रस्ताव को और अधिक समय तथा विचार-विमर्श की जरूरत है. हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में हम किसी सहमति पर पहुंच पाएंगे.
यूएई द्वारा पेश किए गए इस समझौते पर 15 सितंबर को हस्ताक्षर किए जाएंगे. इस समझौते के तहत इजराइल वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की योजना को स्थगित कर देगा, लेकिन इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया है कि यह स्थगन 'अस्थायी' है.