इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सरकार ने कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान शहर से अपने नागरिकों को नहीं निकालने का फैसला लिया है. पाक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान ने चीन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया.
हालांकि चीन में चार पाकिस्तानी नागरिक कोरोना वायरस से ग्रसित हो चुके हैं. वुहान में विभिन्न विश्वविद्यालयों में आठ सौ पाकिस्तानी छात्र पढ़ते हैं.
स्वास्थ्य पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक डॉ जफर मिर्जा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सुझावों पर अमल करते हुए पाकिस्तान ने चीन से अपने नागरिकों को नहीं निकालने का निर्णय लिया है.
स्थानीय अखबार के मुताबिक मिर्जा ने कहा, 'हम मानते हैं कि अभी चीन में रह रहे हमारे प्रियजनों के हित में है. (वे वहीं रहें।) यह क्षेत्र, विश्व, देश के वृहद् हित में है कि हम उन्हें अभी बाहर न निकालें'.
उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ भी यही कह रहा है, यह चीन की भी नीति है और यही हमारी भी नीति है. हम चीन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं, अभी चीन की सरकार संक्रमण को वुहान शहर में रोकने में कामयाब हो गई है. यदि हम गैर जिम्मेदारी से काम करेंगे और लोगों को वहां से निकालना शुरू कर देंगे तो यह संक्रमण पूरे विश्व में जंगल की आग की तरह फैल जाएगा.'
बुधवार को मिर्जा ने कहा था कि चीन में मौजूद पांच पाकिस्तानी नागरिक कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं.उन्होंने गुरुवार को कहा, वह संख्या चार पर ही टिकी है, बढ़ी नहीं है.
मिर्जा ने कहा कि अपने नागरिकों को वुहान से न निकालने के पाकिस्तान सरकार के फैसले का यह अर्थ नहीं है कि वह उनकी चिंता नहीं करती है. उन्होंने कहा कि चीन में पाकिस्तानी दूतावास पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में है।